प्रेग्नेंसी में केमिकल वाले हेयर कलर से हो सकते हैं नुकसान, जानें बाल रंगने के नैचुरल और सुरक्षित तरीके

गर्भावस्था में हेयर कलर करते हुए भी सावधानी बरतनी जरूरी है। यहां आप जानेंगे, प्रेग्नेंसी में नैचुरल तरीके से हेयर कलर करने के तरीके।

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Mar 31, 2023 10:00 IST
प्रेग्नेंसी में केमिकल वाले हेयर कलर से हो सकते हैं नुकसान, जानें बाल रंगने के नैचुरल और सुरक्षित तरीके

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How To Dye Hair Naturally During Pregnancy In Hindi: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखना पड़ता है और पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है। ऐसा न करने की वजह से उनके और उनके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी क्रम में, महिलाओं को हेयर कलर करते समय भी सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, हेयर डाई या हेयर कलर में कई तरह के केमिकल्स के यूज किया जाता है। अगर किसी गर्भवती महिला को स्किन से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है, विशेषकर स्कैल्प में, तो हेयर कलर करने की वजह से उन्हें परेशानी हो सकती है। यहां तक कि अगर स्किन ने कलर एब्जॉर्ब कर लिया, तो केमिकल्स में मौजूद तत्व प्लेंसेंटा तक पहुंच सकते हैं, जो कि भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, जरूरी ये है कि गर्भवती महिलाएं हेयर कलर करवाते समय नैचुरल तरीके का यूज करें। जानिए, बालों को रंगने के नैचुरल और सुरक्षित तरीकों के बारे में।

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कैमोमाइल है अच्छा विकल्प

कैमोमाइल के फूल से बेहतरीन हेयर कलर बनाया जा सकता है। यह फूल आपको आसानी से अपने आसपास या फूलों की दुकान में मिल सकते हैं। कैमोमाइल के इस्तेमाल से बालों का रंग हल्का हो जाता है। कैमोमाइल से हेयर कलर बनाने के लिए आप आधा कप कैमोमाइल लें। फूलों की पत्तियों को अच्छी तरह पानी में उबाल लें। उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें। पानी को आधा घंटे के लि यूं छोड़ दें। जब पानी ठंडा हो जाए, तो फूलों को छलनी की मदद से पानी से अलग कर लें। हेयर वॉश करने के बाद कैमोमाइल के इस पानी का इस्तेमाल करें। इस पानी को बालों में थोड़ा-थोड़ा करके डालें ताकि सिर में पानी कुछ देर ठहर सके। करीब 15-20 मिनट तक मिश्रण को लगे रहने दें। इसके बाद फिर से हेयर वॉश कर लें। अच्छे रिजल्ट के लिए, इस मिश्रण को सप्ताह में कम से कम दो बार इस्तेमाल करें।

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मेहंदी का करें इस्तेमाल

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कई सालों से मेहंदी को रंगने के लिए यूज किया जाता है। यहां तक कि आज भी ग्रामीण इलाकों में बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष अपने बालों को रंगने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल करते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह सुरक्षित विकल्प है। इसका इस्तेमाल करने के लिए गर्भवती महिलाएं मेहंदी के पौधे से पत्तियां ले सकती हैं। अपने बालों की लंबाई के अनुसार मेहंदी की पत्तियां लें और इसे अच्छी तरह पेस्ट बना लें। आप चाहें, तो इस पेस्ट लौहे की कड़ाई में पीसकर रात भर छोड़ दें। अब इस पेस्ट को सुबह के समय अपने बालों पर अप्लाई करें। मेहंदी लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें। जब मेहंदी सूख जाए, तो हेयर वॉश कर लें। लेकिन, ध्यान रखें कि अगर किसी गर्भवती महिला को सर्दी-जुकाम हो, तो उन्हें इस मिश्रण को लगाने से बचना चाहिए। मेहंदी, ठंडी होती है। अगर सर्दी-जुकाम के दौरान हेयर कलरिंग के लिए मेहंदी का इस्तेमाल कर लिया जाए, तो इससे महिला को ठंड लग सकती है, जिससे तबियत बिगड़ सकती है। यह स्थिति गर्भ में पल रहे शिुश के लिए भी सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा, आप यह भी ध्यान रखें कि मेहंदी में किसी तरह का आर्टिफिशियल कलर का यूज न करें। मेहंदी लगाने से बाल हल्के लाल हो जाते हैं, जो एक खूबसूरत लुक देते हैं। इसके इस्तेमाल से बाल सॉफ्ट भी होते हैं।

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कॉफी पाउडर भी है उपयोगी

कॉफी पाउडर के इस्तेमाल से बालों को काला किया जा सकता है। अगर आप उन महिलाओं में से हैं, जिनके बाल हल्के ब्राउन हैं, उनके लिए यह हेयर कलर एक अच्छा ऑप्शन है। कॉफी पाउडर का इस्तेमाल करना बहुत आसान है। इसे आप सिर्फ अपने हेयर कंडीशनर में मिला लें। हेयर वॉश के बाद कंडीशनर अप्लाई करें। कुछ देर के लिए इसे लगा रहने दें। इसके बाद सादे पानी से सिर धो लें।

इसी तरह से नैचुरलर तरीके से हेयर कलर करने के लिए आप गुड़हल के फूल, नींबू का रस, चाय पत्ती आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन, अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है, तो उसका इस्तेमा करने से बचें।

image credit: freepik

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