
प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन में एक खास अनुभव होता है। लेकिन, इस दौरान महिलाओं के जीवन में भावनात्मक उतार-चढ़ाव तेजी से होता है। दरअसल, हार्मोन में होने वाले बदलाव का असर महिलाओं की लाइफस्टाइल व इमोशन पर भी पड़ता है। कुछ महिलाएं इस समय डिप्रेशन का शिकार हो जाती है। खासतौर पर पहली बार मां बनने वाली महिलाएं प्रेग्नेंसी को लेकर कई तरह के डर मन में बैठा लेती हैं। इस वजह से अधिकतर महिलाओं को प्रेग्नेंसी में तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम साईं पॉलीक्लीनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि किस तरह से प्रेग्नेंसी में होने वाले डिप्रेशन को कम किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन को कैसे दूर करें - How To Deal Depression During Pregnancy In Hindi
डाइट में बदलाव करें
पोषण आपके मूड और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्भावस्था के दौरान, हार्मोनल उतार-चढ़ाव भावनात्मक उतार-चढ़ाव में योगदान कर सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी और मैग्नीशियम से भरपूर संतुलित आहार लेने से मूड में बदलाव नहीं होता है। साथ ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डाइट में में पत्तेदार सब्जी, साबुत अनाज और नट्स जैसे फूड आइटम को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
हर्बल टी
हर्बल टी, जैसे कैमोमाइल, ग्रीन टी, लेमन टी प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस को कम करने वाले प्रभावों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन, हर्बल टी का गर्भावस्था में ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। सीमित मात्रा में इसके सेवन से डिप्रेशन में आराम मिल सकता है। डाइट में किसी भी तरह के बदलाव से पहले डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी होता है।
हल्के व्यायाम और योग करें
हल्के व्यायाम और प्रसवपूर्व योग करने से एंडोर्फिन (हार्मोन) जारी करने में मदद मिल सकती है, इसे मूड को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। लाइफस्टाइल में योग करने से तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।
सांस संबंधी योग
गर्भावस्था में सांस संबंधी योग करने महिलाओं के शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है, जिससे उनके मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है और वह स्ट्रेस को कम करने लगता है।
करीबियों के साथ बातों को शेयर करें
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन को कम करने के लिए आप करीबियों के साथ बातें करें। अगर आपके मन में किसी तरह की चिंता है, तो इसे बुजुर्ग महिलाओं के साथ शेयर करें। इससे आपके मन का बोझ कम होगा और आप बेवजह की चिंता से बच जाएंगे।
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प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह के इमोशनल बदलाव से बचने के लिए आप सुबह-शाम बाहर टहलें। इसके अलावा, करीबियों और दोस्तों के साथ बात करें। अगर, किसी तरह की शंका या डर है, तो उस बारे में आप डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं। किसी भी तरह की समस्या होने पर आप डॉक्टर से अवश्य मिलें। प्रेग्नेंसी में तनाव का प्रभाव बच्चे के विकास पर भी पड़ता है।
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