40 की उम्र के बाद कई प्रकार की दिल की बीमारियों को होने का खतरा बढ़ जाता है जिसके कारण दिल कमजोर होता जाता है। इस दौरान काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण तनाव बढ़ जाता है जिसके कारण आदमी अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नही दे पाता और दिल का मरीज हो जाता है। वर्तमान समय में भागती-दौड़ती जिंदगी और तनाव के बीच बढ़ती उम्र के साथ अपने दिल की सेहत को बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। गलत खान-पान, तनाव भरी दिनचर्या, आरामतलब जिंदगी के कारण उम्र बढ़ने के साथ ही ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक आदि का शिकार आदमी आसानी से बन जाता है। आइए हम आपको बताते हैं कि चालीस की उम्र पार करने के बाद भी आप किस तरह की जीवनशैली अपनायें जिससे आपका दिल जवां रहे।
चालीस के बाद भी दिल को रखें फिट
संतुलित डायट प्लान
दिल मजबूत तभी रहेगा जब आपकी डायट संतुलित और पोषणयुक्त होगी, खाने में वे सभी आहार शामिल कीजिए जो आपके दिल को स्वस्थ बनाते हों। खासकर चालीस की उम्र के बाद खाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए, नही तो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए खाने में ताजे फल, सब्जियां, अनाज आदि जरूर शामिल कीजिए। जंक फूड, फास्ट फूड और तली-भुनी चीजों से परहेज कीजिए। अपने वजन को नियंत्रण में रखिए।
नमक की मात्रा कम हो
ज्यादा नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही है। इसलिए चालीस की उम्र के बाद खाने में नमक का प्रयोग कम कीजिए। इस समय आपकी यही कोशिश होनी चाहिए कि खाने में नमक की मात्रा ज्यादा न हो।
तनाव से बचें
चालीस की उम्र में तनाव आपके दिल के लिए अच्छा नही है, इसलिए उम्र के इस पड़ाव के बाद तनाव से बचने की कोशिश कीजिए। क्योंकि तनाव ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाले महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। तनाव से बचाव के लिए योग और ध्यान अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इसके अलावा सकारात्मक सोच भी तनाव को दूर रखती है।
धूम्रपान और एल्कोहल को ना
दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप धूम्रपान और शराब का सेवन बिलकुल न करें। धूम्रपान से आपकी उम्र 15 से 25 साल तक कम हो सकती है। कई शोधों में भी यह बात सामाने आ चुकी है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को अन्य व्यक्तिओं की तुलना में दिल के दौरे की आशंका अधिक होती है। बहुत अधिक एल्कोहल यानी शराब के सेवन से दिल को नुकसान पहुंचता है। यह ब्लड प्रेशर को बढ़ाता तो है ही, साथ ही वजन बढ़ाने के पीछे भी इसका बहुत बड़ा हाथ है।
पारिवारिक इतिहास
यदि आपके पारिवारिक बैकग्राउंड में किसी को डायबीटीज, उच्च रक्तचाप, मोटाप जैसी समस्यायें हैं तो आपके लिए भी दिल की बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में यह जरूरी है आप सतर्क रहें और इसके लिए जरूरी जांच पहले ही नियमित तौर पर कराते रहें। चालीस की उम्र के बाद थॉयरायड, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल आदि की जांच कराइए।
व्यायाम भी है जरूरी
चालीस की उम्र के बाद भी आप हमेशा एक्टिव रहने की कोशिश कीजिए। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज अवश्य कीजिए। इस उम्र में ज्यादा भागदौड़ और जिम जाने की बजाय जागिंग, तेजी से चलना, साइकिलिंग आदि के द्वारा आप खुद को फिट और एक्टिव रखिए। व्यायाम शुरू करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लीजिए।
बढ़ते उम्र के साथ दिल को स्वस्थ रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सकारात्मक सोच और खुशनुमा माहौल। छोटी-छोटी बातों से तनाव लेने के बजाय अपने आस-पास के माहौल को हल्का बनाकर रखें और हमेशा खुश रहें।
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