
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की सावधानियों पर ध्यान देना होता है। इस समय महिलाओं को गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए पोषण युक्त डाइट लेने की आवश्यकता होती है। पर्याप्त पोषण से शिशु जन्म के समय स्वस्थ होता है। साथ ही उसको अन्य तरह के रोग होने की संभावना भी कम हो जाती है। लेकिन कुछ बच्चों को जन्म से पहले ही बर्थ डिफेक्ट होने की संभावना होती है। इस तरह के डिफेक्ट जेनेटिक कारणों की वजह से होते हैं, लेकिन कई बार पोषण की कमी की वजह से भी बच्चे को कई समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। बर्थ डिफेक्ट संरचनात्मक और कार्यात्मक दो तरह के होते हैं। संरचनात्मक प्रकार के बर्थ डिफेक्ट में शरीर के अंग प्रभावित होते हैं, इसमें हार्ट संबंधी रोग, जैसे - न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स, स्पाइना बिफिडा, मिसिंग वाल्वस और पेलट आदि को शामिल किया जाता है। जबकि कार्यात्मक में बच्चे के शरीर के अंगों का कार्य करना प्रभावित होता है, जैसे नर्वस सिस्टम संबंधी समस्या, मेटाबॉलिक डिस्आर्डर व सेंसर संबंधी समस्या को शामिल किया जाता है। इस समस्या पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से बात कि तो उन्होंने बताया कि महिलाएं गर्भावस्था में किस तरह के बदलाव से बच्चे को बर्थ डिफेक्ट होने की संभावनाओं को कम कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में बर्थ डिफेक्ट को कम करने के लिए क्या करें? Tips to Reduce the Risk of Birth Defects in Hindi
प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले मोटापे को करें कंट्रोल
प्रेगनेंसी से पहले महिलाओं को अपने वजन को कंट्रोल करना चाहिए। जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है उनको प्रेग्नेंसी में कई तरह की समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। मोटापे की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे को कई तरह के बर्थ डिफेक्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले महिलाओं को अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
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फोलिक एसिड लेना है आवश्यक
प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रेग्नेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को भी फोलिक एसिड की सप्लीमेंट्स दवाएं दी जाती है। गर्भावस्था में फोलिक एसिड युक्त आहार या सप्लीमेंट दवाएं लेने से गर्भ में पलने वाले बच्चे को बर्थ डिफेक्ट जैसे ब्रेन और स्पाइन से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है। स्पाइन से जुड़े बर्थ डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले चरण में होने की संभावना अधिक होती है।
प्रेग्नेंसी में सही समय पर वैक्सीन लें
प्रेग्नेंसी में बच्चे को रोगों से बचाने के लिए महिला को सही समय पर वैक्सीन लेनी चाहिए। इस समय आपको डॉक्टर फ्लू व खांसी के लिए वैक्सीन लेने की सलाह दे सकते हैं। इससे गर्भवती महिला और बच्चा दोनों को सुरक्षा मिलती है।
बिना सलाह कोई भी दवा न लें
प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले से ही महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसी तरह गर्भावस्था में भी महिलाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी मेडिसिन का नहीं लेना चाहिए। साथ ही सही ग्रोथ के लिए महिलाओं को समय-समय पर डॉक्टर से मिलकर चेकअप कराना चाहिए। इससे समय रहते ही रोग की पहचान होकर उसका इलाज शुरु किया जा सकता है।
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शराब व धूम्रपान से बनाएं दूरी
प्रेग्नेंसी में शराब पीने से बच्चे को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था में शराब के सेवन से गर्भ में पलने वाले बच्चे को कई तरह के रोग होने की संभावना अधिक होती है। वहीं धूम्रपान की वजह से बच्चे की समय से पहले डिलीवरी, कुछ तरह के बर्थ डिफेक्ट जैसे क्लिफ पेलट आदि होने का खतरा अधिक होता है। इस वजह से प्रेग्नेंसी में शराब और सिगेरट नहीं पीने की सलाह दी जाती है।
प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिए। साथ ही लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए। यदि किसी भी तरह की समस्या अधिक महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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