महिलाएं मेनोपॉज ( Menopause) के दौरान बहुत से हार्मोनल परिवर्तनों से गुज़रती हैं। इस दौरान उनका शरीर कम मात्रा में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन बनाता है और एस्ट्रोजन का कम स्तर उनके स्वास्थ्य पर भी असर करता है। इसके कारण हॉट फ्लैशेस जैसी समस्या भी हो सकती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि मेनोपॉज के दौरान ड्राई आई की समस्या भी हो सकती है। डॉ. मनीषा तोमर कंसलटेंट ऑब्सट्रेशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट, मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा के अनुसार लगभग 60% महिलाएं जो मेनोपॉज की स्टेज में होती हैं या आने वाली होती हैं उन्हें ड्राई आई की समस्या बहुत अधिक झेलनी पड़ती है। ऐसा बहुत सी महिलाओं के साथ होता है। इस स्थिति के दौरान महिलाओं के शरीर से हार्मोन्स बहुत कम रिलीज होते हैं। इन्हीं लक्षणों के बीच मेनोपॉज का एक सबसे बड़ा लक्षण ड्राई आई (Menopause and Dry Eye Problem ) होता है। इस समस्या में उनकी आंखों में कम लुब्रिकेंट(आंसू) बनने से आंखों में चुभन और सूखापन लगता है। आइए पहले जानते हैं कि ड्राई आई (Dry Eye) के लक्षण क्या होते हैं और फिर जानेंगे मेनोपॉज में इससे निपटने के उपाय।
ड्राई आई के लक्षण-Symptoms of Dry eyes
- -आंखों में जलन होना।
- -आंखों में अधिक खुजली होना।
- -आंखों का लाल हो जाना।
- -बहुत अधिक आंसू आना।
- -आंखों द्वारा साफ न दिखना।
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मेनोपॉज में ड्राई आई का कारण
1. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Replacement Therapy)
इस प्रकार की थेरेपी मेनोपॉज के दौरान बहुत से लक्षणों से राहत दिलाने में प्रयोग की जाती है। इस दौरान होने वाले लक्षण आपको हार्मोंस के बदलाव के कारण ही देखने को मिलते हैं। इसलिए आपकी आंखों के डॉक्टर भी आपको हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सुझाव दे सकते हैं। एस्ट्रोजन लेवल नियमित हो जाने से आंखों की बीमारी होने की संभावना तो कम हो ही जाती है लेकिन हार्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने से ड्राई आई(आंखों में सूखापन)(Dry Eye)के लक्षण और अधिक बढ़ जाते हैं।
2. कुछ बायोलॉजिकल बदलाव(Biological changes)
मेनोपॉज के दौरान एंड्रोजन हार्मोन कम होने लग जाता है जो मायोबोमिन को प्रभावित करता है। जिस कारण आईलिड्स की ग्लैंड प्रभावित होती हैं। जब यह ऑयल प्रोड्यूस करने वाली ग्लैंड प्रभावित होती हैं तो आईलिड सूज जाती हैं और आंसू की क्वालिटी और मात्रा कम होने लगती है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि एस्ट्रोजन लेवल में आने वाले बदलाव के कारण भी आपकी आंखें ड्राई हो जाती हैं।
ड्राई आई के प्रभाव (Harmful Effects)
- -कॉन्टैक्ट लेंस
- -ड्राई आई(आंखों में सूखापन) के साथ कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बहुत मुश्किल हो जाता है।
- -आई एलर्जी
- -ड्राइनेस के अधिक बढ़ जाने के कारण आई एलर्जी भी बढ़ जाती है और अगर आपके आंसू कम आते हैं तो यह एलर्जी और अधिक गंभीर होने लगती है।

आई ड्राइनेस का उपचार (Treatment)
आपका उपचार कारण पर ही निर्भर करता है और मेनोपॉज के दौरान अधिकतर महिलाओं को ड्राई आई का कारण ग्लैंड डिस्फंक्शन होता है। इसको ठीक करने के उपचार में आई ड्रॉप, आई हाइजीन और कुछ ओरल एंटी बायोटिक्स शामिल होते हैं। इसके साथ ही आपको हार्मोन लेवल भी चेक कराते रहने चाहिए क्योंकि मुख्य कारण तो वही होता है। हालांकि कुछ महिलाएं हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी को अपना लेती हैं तो कुछ महिलाएं मेनोपॉज के लक्षणों को नियंत्रण करना ही सही समझती हैं।
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मेनोपॉज में ड्राई आई से कैसे निपटें -Ways To Control Dry Eye Problem in Menopause
- -कुछ हर्बल सप्लीमेंट लें
- -विटामिन डी से भरपूर चीजें खाएं ताकि आपकी डेली विटामिन डी की मात्रा पूर्ण हो सके
- -एक्यूपंक्चर और मसाज लें
- -योग और मेडिटेशन जैसी एक्सरसाइज करें
- -लाइफस्टाइल बदलाव भी करें
- -अपना स्क्रीन टाइम कम कर दें
- -अगर कंप्यूटर देखते समय आपकी आंखें पूरी नहीं खुल रही हैं तो आप अपनी आंखों पर अधिक प्रेशर और स्ट्रेस न डालें और स्क्रीन टाइम कम कर दें।
- -सन ग्लासेस का प्रयोग करें
- -अगर आप कहीं बाहर निकल रहे हैं तो आंखों पर सन ग्लासेस जरूर पहनें।
अगर यह टिप्स अपनाने के बाद और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने के बाद भी आपकी ड्राई आंखों के लक्षण कम नहीं हो रहे है तो आपको डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर पूरी तरह से आपकी ड्राई आंख का चेक अप करेंगे और आपको सही तरह से गाइड करेंगे कि आपको अब आगे किस प्रकार से अपनी आंखों का या शरीर का ख्याल रखना चाहिए। यह आपके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है इसलिए आपको अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
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