देखने और उठाने में भारी, महंगे और आसानी से न घिसने वाले ये लोहे के बर्तन खाना पकाने के लिए सबसे सही होते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार लोहे के बर्तन में खाना बनाने से भोजन में आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्व बढ़ जाते हैं। तो चलिये विस्तार से जानते हैं लोहे के बर्तन में खाना पकाने के क्या फायदे हैं।
उठाने में भारी, महंगे व कम आकर्षक होने के कारण लोग अब लोहे कि जगह एल्युमीनियम व नॉन स्तिक बर्तनों का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं। जबकि लंबे समय तक एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बनाने से अपच, और आंतों की कार्यक्षमता में कमी, लिवर की समस्याएं आ सकती है। तो कई लिहाज से लोहे के बर्तन खाना पकाने के लिये श्रेष्ठ होते हैं। पालक, आंवला, टमाटर जैसी आयरन युक्त चीजों को जब लोहे के बर्तन में पकाया जाता है तो इनके पोषक तत्व में और भी इजाफा होता है।
मिलता है अधिक आयरन
अगर आप लोहे के बर्तन में खाना पकाते हैं तो आयरन की कुछ मात्रा आपके भोजन में भी आ जाती है और फिर इस भोजन के सेवन से शरीर में भी जाता है। एक अनुसंधान के अनुसार कच्चा खाना जब आयरन पैन और नौन आयरन पैन में बनता है तो दोनों में फर्क मिलता है। एक नया लोहे का बर्तन और पुराने लोहे के बर्तन में खाना पकाने पर भी दोनों में अंतर होता है। एक प्रयोग के दौरान पाया गया कि एसिडिक फूड जिसमें ज़्यादा नमी होती है, जैसे सेब व टमाटर सौस भोज्य पदार्थ ही सबसे ज़्यादा मात्रा में आयरन अवशोषित करते हैं। साथ ही जो भजोन ज़्यादा देर तक बर्तन में पकता है वह ज़्यादा मात्रा में आयरन सोखता है। इसके अलावा मथकर जल्दी बनाये जाने वाले खाद्य में ज़्यादा मात्रा में आयरन मिलता है क्योंकि वे आयरन के संर्पक में ज़्यादा आते हैं।
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एनीमिया में उपयोगी
जब हम लोहे के बर्तन में खाना बनाते हैं तो इसके अंश भोजन में मिलकर शरीर में पहुंचते हैं जो रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाते हैं और इससे एनीमिया (खून की कमी) जैसी समस्याओं से बचाव व उपचार होता है।
घर में बनने वाले खाना लोहे के बर्तन की उम्र पर निर्भर करता है, जैसे वह बर्तन कितनी बार इस्तेमाल किया गया है और कितनी देर तक उसमें खाना पक रहा है। आयरन की मात्रा इन बातों पर निर्भर करती है। अगर आप भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं तो नई लोहे की कढ़ाई आदि खरीदें।
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