मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद कितनी जरूरी है?

जब नींद अच्छी होती है, तो मूड भी फ्रेश रहता है। इसका सीधा अर्थ है कि नींद और मेंटल हेल्थ का आपस में गहरा संबंध है। पेश है, अच्छी नींद लेने के कुछ उपाय

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Apr 15, 2023 17:00 IST
मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद कितनी जरूरी है?

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How Good Sleep Improves Mental Health In Hindi: जब आप रात को अच्छी नींद लेने के बाद सुबह उठते हैं, तो मूड फ्रेश रहता है, मन अच्छा रहता है और नए-नए काम करने में मजा भी आता है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं अच्छी नींद किस तरह आपके मन-मस्तिष्क को प्रभावित करती है। विशेषज्ञों की मानें, तो अच्छी नींद नहीं होने की वजह से कई तरह के मानसिक विकार की स्थिति बिगड़ जाती है, जिनमें एंग्जाइटी, बाइपोलर डिस्ऑर्डर, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया आदि शामिल हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा के एमेरिटस प्रोफेसर गाइ गुडविन का कहना है, “स्लीप फिजियोलॉजी और मूड के पहलुओं के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं, हालांकि इसकी वजह अब तक स्पष्ट नहीं है।’ लेकिन यह तय है कि अच्छी नींद की मदद से आपकी मेंटल हेल्थ बेहतर होती है। इस लेख में आप पढ़िए, अच्छी नींद और मेंटल हेल्थ का आपस में क्या संबंध है और किस तरह अच्छी नींद लें।

how good sleep improves mental health

मेंटल हेल्थ और नींद के बीच संबंध

ब्रेन इमेजिंग अध्ययन से पता चलता है कि जब आप अच्छी नींद लेते हैं, तो इससे आप भावनात्मक रूप से बेहतर बनते हैं। जबकि, अगर आपकी कमजोर है, ते आपके अंदर नकारात्मक भावनाएं ज्यादा पेदा होती हैं। यहां तक कि कई बार आप अपनी स्थिति को अच्छी तरह से कंट्रोल नहीं कर पाते। असल में, जब आप अच्छी नींद नहीं लेते हैं, तो इस वजह से आपके मस्तिष्क के उस हिस्से तक सही इंफॉर्मेशन नहीं जाती है, जो भावनाओं को बैलेंस करता है। इसी वजह से आप कमजोर नींद लेने की वजह से आपका मानसिक हेल्थ प्रभावित होता है।

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अच्छी नींद न आने की वजह

  • नींद से संबंधित बीमारी होना।
  • शारीरिक समस्या या बीमारी होना।
  • कोई बुरी याद की वजह से नींद का टूटना।
  • बीच रात में बार-बार नींद टूट जाना।
  • रात को सोने के बावजूद हमेशा थकान महसूस करना।
  • चिंता, स्ट्रेस की वजह से नींद न आना
  • अनिद्रा या इसी संबंधित अन्य समस्या का होना।
  • शराब या धूम्रपान करना।
  • शरीर में हार्मोनल बदलाव होना
  • प्रेग्नेंसी, पीरियड्स की वजह से भी नींद न आना।

कैसे लें अच्छी नींद

फोन से रहेंः सोते समय अपने आसपास मोबाइल फोन न रखें। मोबाल फोन को अपने सिरहाने के पास भी न रखें। दरअसल, हमारा मस्तिष्क स्वाभाविक रूप से अंधेरे की प्रतिक्रिया में मेलाटोनिन का उत्पादन करता है। जबकि फोन में समय गुजारने की वजह से मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित होता है। यह एक हार्मोन है, जो नींद के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए रात को सोने से पहले फोन से दूर रहें।

समय से सोएं: रोजाना अच्छी नींद लेने के लिए समय से सोना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रोत को 10 बजे तक बिस्तर पर चले जाएं, ताकि कुछ देर में आपको नींद आ जाए। इसके अलावा, रात को 10 बजे सोने इसलिए जरूरी है क्योंकि रात 11 बजे से 2 बजे के बीज शरीर ग्रोथ हार्मोन रिलीज करता है। इस हार्मोन की वजह से शरीर का रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

चाय-कॉफी से दूर रहें: हमारे यहां लोग अक्सर चाय-कॉफी ब्रेक के लिए पीते हैं। लेकिन जब आप चाय या कॉफी का सेवन करते हैं, तो इससे आपकी नींद टूट सकती है। जाहिर है, अगर आप रात के समय चाय या कॉफी का सेवन करेंगे, तो इससे आपकी नींद बाधित हो सकती है, जिसका असर आपकी मेंटल हेल्थ पर नजर आएगा।

दिन में झपकी लें: दिन के समय थोड़ी देर के लिए सोना यानी झपकी लेने से भी मूड फ्रेश रहता है। लेकिन ध्यान रखें कि दोपहर के समय लंबे समय के लिए न सोएं। इससे रात के समय आपको नींद नहीं आएगी, जो कि सही नहीं है। इसलिए कोशिश करें कि दिन के समय महज 20 से 30 मिनट के लिए ही सोएं और बाकी समय तरोताजा रहें।

image credit: freepik

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