क्यों होते हैं हॉर्मोनल असंतुलित? जानें इसके कारण, लक्षण और संबंधित डाइट

हॉर्मोनल बदलाव होना स्वाभाविका है। ऐसे में इनके असंतुलन के लक्षण, कारण के साथ-साथ इस दौरान किस तरह की डाइट लेनी जरूरी हैं? जानें यहां...
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क्यों होते हैं हॉर्मोनल असंतुलित? जानें इसके कारण, लक्षण और संबंधित डाइट

आज के समय में हॉर्मोनल असंतुलन की समस्या काफी बढ़ रही है। कुछ लोगों को इनके असंतुलन होने के कारण, लक्षण और बदलावों के बारे में पता नहीं होता है। बता दें कि सेहत समस्याएं, भावनाएं या शारीरिक बनावट इन सब के बदलाव का संबंध हॉर्मोंस से होता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि हॉर्मोंस क्या होते हैं? इनकी पहचान कैसे की जाती है? हॉर्मोंस को संतुलित रखने के लिए किन उपचारों को करना जरूरी होता है? साथ ही इनके लिए क्या खाएं और क्या नहीं? पढ़ते हैं आगे

 Hormonal imbalance causes

जानें क्या है हॉर्मोंस

हॉर्मोंस के निर्माण की प्रक्रिया काफी लंबी होती है। जैसा कि आप लोग जानते हैं हमारी पांचों इंद्रियां पर्यावरण के लगातार संपर्क में रहती हैं। जबकि एंडोक्राइन सिस्टम के संपर्क में हमारे नर्वस सिस्टम रहता है। ध्यान दें कि टुश्यूज़ और सिस्टम गलैंड्स एंडोक्राइन की एक चेन है‌। यह शरीर में संतुलन के लिए कई तरह के हॉर्मोंस को पैदा करती है। हॉर्मोंस शरीर में संवाद की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। बता दें कि यह आपके शरीर के सिस्टम के हर पहलू को प्रभावित करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसमें व्यक्ति के अनुभव और विचार भी शामिल होते हैं। इसके अलावा शांत रहना, उत्साहित होना, सोना-जागना, कॉफी पीने जैसह तमाम इच्छाएं और क्रियाएं हार्मोन एक्टिविटी में ही शामिल होती हैं।

कैसे होता है हॉर्मोनल असंतुलन

  • फूड एलर्जी
  • पाचन तंत्र में गड़बड़ी
  • लगातार किसी प्रेशर में काम करना
  • शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाना
  • किसी संक्रमण के कारण
  • टॉक्सिंस

हार्मोन असंतुलन के लक्षण

  • बालों का झड़ना 
  • नाखूनों का रंग असामान्य होना 
  • नाखूनों में सफेद धब्बों का दिखना 
  • त्वचा का रूखापन और झुर्रियां
  • असामान्य बॉडी शेप 
  • कमर की माप बढ़ते जाना 
  • हिप एरिया में फैट का अत्यधिक जमा होना
  • मूड स्विंग 
  • डिप्रेशन
  • बीएमआई
Hormonal imbalance

कुछ घरेलू उपचार

  • तय समय पर नींद लेना
  • कैसे भी दबाव को कम करना। अगर दबाव बढ़ेगा तो ये सबसे पहले आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करेगा।
  • योग करना।
  • खुद के लिए समय निकालना।
  • दोस्तों से मिलना।
  • अपने परिवार के साथ समय बिताना।

क्या खाएं

अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, नट्स और सीट्स, फिश फेटा चीज, थोड़ा सा बटर, अंडे का पीला और सफेद हिस्सा, टोफू, सोया नट्स, नगेट्स, आलमंड और सोया मिल्क, केनोला ऑयल, फ्लैक्सीड ऑयल, ग्लूटेन फ्री अनाज, किनुआ, चावल, राइस केक, राइस पास्ता, शकरकंद, आलू आदि।

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क्या नहीं खाएं 

मूंगफली और इससे बने हुए कुछ खाद्य पदार्थ, संतरा, अनानास आदि नॉन ऑर्गेनिक सिट्रस फूड, चीनी और आर्टिफिशियल स्वीटनर, हाइड्रोजेनेटेड ऑयल, सोयाबीन ऑयल, कॉर्न आई, वेजिटेबल ऑयल, चीज़, दही, क्रीम आदि डेयरी प्रोडक्ट्स ग्लूटन वाले अनाज जैसे- गेहूं, जई। इसके अलावा कॉर्न पॉपकॉर्न आदि।

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