World Pneumonia Day: सर्दी-खांसी होने पर बिल्कुल न करें ये गलती, बढ़ता है निमोनिया का जोखिम

कई बार मामूली सर्दी-जुकाम निमोनिया बन जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मरीज अपने ट्रीटमेंट को लेकर लापरवाही करते हैं।
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World Pneumonia Day: सर्दी-खांसी होने पर बिल्कुल न करें ये गलती, बढ़ता है निमोनिया का जोखिम


How Does Normal Cold And Cough Become Pneumonia In Hindi: निमोनिया एक घातक बीमारी है। इससे बचे रहना बहुत जरूरी है। लेकिन, बदलते मौसम में अक्सर लोग निमोनिया का शिकार हो जाते हैं। निमोनिया खासकर उन लोगों को होता है, जिनके लंग्स कमजोर होते हैं या फिर जिन्हें लंग्स में इंफेक्शन होता है। मेयोक्लिनिक के अनुसार, "निमोनिया एक संक्रमण है, जो एक या दोनों लंग्स में हो सकता है। कई बार लंग्स में पस भर जाती है, जिस वजह से मरीज को खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में कठिनाई आती है। बैक्टीरिया, वायरस और फंगाई की वजह से निमोनिया जैसी घातक बीमारी होती है।" लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी-कभी कुछ गलत आदतें या आपकी गलतियां भी निमोनिया का कारण बन सकती हैं। दरअसल, कभी-कभी खांसी-जुकाम की वजह से भी निमोनिया हो जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है? यह जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।

खांसी-जुकाम कब निमोनिया में बदल जाता है?

How Does Normal Cold And Cough Become Pneumonia

अक्सर खांसी-जुकाम होने पर उसे हल्के में लेते हैं। विशेषकर, बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम को किसी बीमारी के रूप में नहीं लिया जाता है। खांसी या सर्दी-जुकाम होने पर व्यक्ति घर का बना काढ़ा, हल्दी-दूध जैसे कई चिकित्सा के वैकल्पिक तरीकों को आजमाता है। लेकिन, सर्दी-जुकाम होने की वजह से रेस्पिरेटरी ट्रैक, जो कि नाक से होते हुए लंग्स तक जाती है, वहां बलगम जम जाता है। इस ट्रैक में अगर संक्रमण हो गया, तो निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है। सर्दी-जुकाम में सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी ट्रैक ही इफेक्टेड होती है, जो कि एक समय बाद लंग्स तक पहुंच जाती है। इस तरह, फेफड़ों में सूजन हो जाती हैं और व्यक्ति को निमोनिया हो जाता है। इसलिए, जब भी खांसी-जुकाम या सर्दी हो, तो इसे हल्के में न लें। इसके बजाय, तुरंत अपनी बीमारी का इलाज करवाएं।

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निमोनिया के लक्षण

symptoms of Pneumonia

निमोनिया के लक्षण उसके स्तर के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, इसके लक्षणों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। निमोनिया के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं-

  • खांसते या सांस लेते वक्त सीने में दर्द होना
  • खांसने के दौरान कफ निकलना
  • बहुत ज्यादा थकान महसूस करना
  • बुखार, पसीना और कंपकंपी वाली ठंड लगना
  • मतली, उल्टी या दस्त होना
  • सांस लेने में कठिनाई महसूस होना

निमोनिया से बचाव

निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद हैं। लेकिन, अगर किसी को निमोनिया हो ही जाए, तो जरूरी है कि वे अपनी हेल्थ का ध्यान रखें। बुखार, कंपकंपी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। अगर निमोनिया डायग्नोस हो, तो तुरंत डॉक्टर द्वारा दी गई दवाईयों का सेवन करें। इसके अलावा, पूरा दिन गर्म पानी पिएं और स्मोक करने से बचें। यही नहीं, अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए जरूरी उपाय अपनाएं। इसके अलावा, ऐसी चीजों से बचें जो निमोनिया के संक्रमण को बढ़ा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हाईजीन का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। साथ ही, खुद को सैनिटाइज करें, जरूरत होने पर हाथ धोएं।

image credit: freepik

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