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माइग्रेन का दर्द आपके काम करने की क्षमता पर कैसे असर डाल सकता है? जानें डॉक्टर से

How Does Migraines Affect Work Ability In Hindi: माइग्रेन का दर्द काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है। ऐसा कैसे होता है और इसके पीछे क्या कारक जिम्मेदार हैं, जानें-
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माइग्रेन का दर्द आपके काम करने की क्षमता पर कैसे असर डाल सकता है? जानें डॉक्टर से

How Does Migraines Affect Ability To Work In Hindi: माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है। यह आमतौर पर सिर के किसी एक हिस्से में होता है। यह दर्द सामान्य सिरदर्द से बिल्कुल अलग और तीव्र होता है। कई बार माइग्रेन का दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे यह असहनीय हो जाता है। यही नहीं, माइग्रेन का दर्द सामान्य सिर दर्द की तुलना में अधिक समय तक रहता है। माइग्रेन होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे वर्टिगो, सुन्नपन, शोर के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना, सिर घूमना या सिर चकराना आदि। माइग्रेन का दर्द होने पर थकान, मूड स्विंग और फू क्रेविंग का बढ़ना या भूख की कमी होने जैसे लक्षण भी दिखते हैं। बहरहाल, माइग्रेन के कारण सामान्य जीवनशैली भी प्रभावित होती है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि माइग्रेन का दर्द काम करने की क्षमता पर भी असर डालता है। सवाल है, इन दोनों के बीच क्या कनेक्शन है और ऐसा क्यों होता है? और क्या वाकई ऐसा होता है या यह महज एक भ्रम है। आइए, इस बारे में मानस्थली की फाउंडर MBBS, DPM, DNB (Psychiatry) और साइकोथेरेपी डॉ.  ज्योति कपूर से जानते हैं।

माइग्रेन का दर्द आपके काम करने की क्षमता पर कैसे असर डाल सकता है?-  How Does Migraines Affect Ability To Work In Hindi

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जैसा कि हम पहले ही जिक्र कर चुके हैं कि माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है। कभी-कभी यह दर्द लंबे समय तक चलता है। यहां तक कि माइग्रेन का दर्द तीव्र होता है और सिर के किसी एक हिस्से को हिट कर सकता है। ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं है कि माइग्रेन का दर्द रोजमर्रा के कामकाज को भी प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें माइग्रेन औरा के साथ भी होता है, जिसे क्लासिक माइग्रेन भी कहा जाता है। यह बार बार होने वाला सिरदर्द है। इसकी वजह से ब्लाइंड स्पॉट्स और आंखों से जुड़ी अन्य समस्या भी हो सकती है। इसे विस्तार से समझें, जब किसी को माइग्रेन का दर्द होता है, तो इसकी वजह से सिर घूमना, मतली, उल्टी जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह की परेशानी होने के कारण व्यक्ति अपने काम की ओर फोकस नहीं कर पाता है। किसी भी तरह के काम में ध्यानकेंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी प्रभावित होने लगती है। वहीं, अगर व्यक्ति कंप्यूटर पर काम करता है, तो उसके लिए फोकस करना और भी चुनौतिपूर्ण हो जाता है।

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माइग्रेन के कारण काम करने की क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक

आंखों में तकलीफः जब माइग्रेन का दर्द बढ़ता है, तो इसकी वजह से आंखों और माथे पर भी दर्द बढ़ जाता है। कभी-कभी दर्द इतना तेज हो जाता है कि आंखों को खोलकर रोशनी की ओर देखना भी काफी मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति के लिए काम करना अपने आप में चुनौतियों से भर जाता है।

उल्टी और मतलीः माइग्रेन के दर्द के कारण उल्टी और मतली की समस्या भी होने लगती है। अगर कोई इस समस्या से दो-चार है, तो वह भी प्रोडक्टिव काम पर अधिक ध्यान नहीं दे पाता है। इस स्थिति में अपने आप काम की प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है।

एनर्जी का स्तर कम होनाः माइग्रेन के दर्द के कारण व्यक्ति लो एनर्जी फील करता है। जब व्यक्ति का एनर्जी का स्तर कम होता है, तो किसी भी तरह के काम करने में उसकी रुचि नहीं कर जाती है। वहीं, प्रोडक्टिव काम भी नहीं हो पाता है।

All Image Credit: Freepik

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