
मैगनेट थैरेपी के क्या फायदे हैं? मैगनेट थैरेपी यानी चुबंक से इलाज। इसे वैकल्पिक थैरेपी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। किसी बीमारी के चलते जिन लोगों का इलाज चल रहा हो वो इसे ट्राय करके देख सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब एलोपैथी आपको सूट न करें तो आप इसे ट्राय कर सकते हैं। मैगनेट थैरेपी के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते इसलिए ये सेफ है। मैगनेट थैरेपी की मदद से कमर के निचले हिस्से में दर्द, सर्वाइकल पेन, घुटने का दर्द, साइनस, सिर दर्द, अनिद्रा, कंधे का दर्द आदि ठीक किया जाता है। महिलाओं में पीरियड्स, अर्थराइटिस, यूट्रस की समस्याओं को भी इस थैरेपी से दूर किया जाता है। हालांकि प्रेगनेंट महिलाओं को ये थैरेपी लेने की सलाह नहीं दी जाती और हॉर्ट के मरीजों के लिए भी थैरेपी इस्तेमाल नहीं की जाती। मैगनेट थैरेपी का असर शरीर पर कैसे पड़ता है और किन बीमारियों को इस थैरेपी से दूर किया जा सकता है ये जानने के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
बिज़ी लाइफस्टाइल ने स्ट्रेस और बीमारियों को बढ़ा दिया है, खाने में मिलावट होती है जिसके चलते पोषक तत्व शरीर तक नहीं पहुंच पाते। यही कारण है आज के समय में बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कुछ लोग आरामदायक तरीके से रहने के लिए गलत पॉश्चर भी अपना लेते हैं इस कारण भी उनके शरीर में दर्द उठता है। अगर आप इसे नजरअंदाज करते हुए दवाएं खाते रहेंगे तो कुछ साल में आपके शरीर के हालात बिगड़ सकते हैं। इससे बचने के लिए लोग मैगनेट थैरेपी का इस्तेमाल करते हैं। हमारा शरीर नैचुरल तरीके से बिजली और मैगनेटिक एनर्जी बनाता है। इसी एनर्जी से शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। अगर आपको अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो इलेक्ट्रोमैगनेट क्षेत्र में बैलेंस होना जरूरी है। मैगनेट थैरेपी बीमारी को दूर करने के लिए इसी बैलेंस को मेनटेन करती है। थैरेपी से ब्लड फ्लो सुधरता है और दर्द से आराम मिलता है।
किन बीमारियों में काम आती है मैगनेट थैरेपी? (Magnet Therapy for Diseases)
मैगनेट थैरेपी के लिए कई तरह के चुंबक इस्तेमाल किए जाते हैं जिनकी पॉवर अलग-अलग होती है। कुछ कम तो कुछ ज्यादा पॉवर के होते हैं। मैगनेट थैरेपी के लिए बड़ी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है पर घुटने या कोहनी आदि जैसी जगहों पर इलाज के लिए मैगनेट बैल्ट्स का यूज किया जाता है जैसे ब्लड प्रेशर बैल्ट, सर्वाइकल या स्पॉन्डिलाइटिस कॉलर, नी बैल्ट, बैली बैल्ट आदि। कई स्वास्थ्य समस्याओं में मैगनेट थैरेपी यूज की जाती है जैसे सर्वाइकल पेन, कमर के निचले हिस्से में दर्द, घुटने का दर्द, साइनस, अनिद्रा, कंधे का दर्द, सिर दर्द आदि। इसके अलावा मैगनेट थैरेपी से स्ट्रेस दूर किया जाता है। लकवा, एग्जिमा, निमोनिया, अस्थमा, सूजन, अकड़न जैसी समस्याओं में भी इस थैरेपी का यूज किया जाता है। अगर आपको कोई अन्य बीमारी भी है तो आप थैरेपिस्ट से मिलकर ये तय कर सकते हैं कि आपको थैरेपी लेनी है या नहीं।
कैसे काम करती है मैगनेट थैरेपी? (How Magnet Therapy works)
वैसे तो मैगनेट थैरेपी के लिए बड़ी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है पर घुटने या ज्वांइट्स के दर्द के लिए छोटी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे अगर घुटने में दर्द है तो मैगनेट के नॉर्थ और साउथ पोल को 10 मिनट के लिए प्रभावित हिस्से पर रखा जाएगा। उसके बाद दूसरे पैर पर ये क्रिया दोहराई जाएगी। थैरेपी का कितना असर होता है ये इस बात पर निर्भर करता है मरीज की बीमारी का स्तर और उसकी उम्र क्या है। जैसे अगर कोई व्यक्ति 80 साल का है और उसे चलने में परेशानी है तो उस पर थैरेपी का असर कम होगा।
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बच्चों से जुड़ी समस्याओं के लिए मैगनेट थैरेपी का इस्तेमाल (Magnet Therapy for Child related diseases)
बच्चों से जुड़ी ऐसी कई समस्याएं हैं जो मैगनेट थैरेपी से दूर की जाती है। साइनस, टॉन्सिल, दांत या सिर में दर्द जैसी समस्याओं में मैगनेट थैरेपी यूज की जाती है। कई बच्चों को चश्मा जल्दी चढ़ जाता है उनके लिए भी मैगनेट थैरेपी यूज की जाती है। पैरों में ऐंठन, दांत निकलने में परेशानी, मानिसक रोग, पोलियो, खांसी, पेट के कीड़े आदि समस्याओं में इस थैरेपी को यूज किया जाता है। बच्चों की उम्र, वजन और जरूरत के हिसाब से ही डॉक्टर उन्हें ये थैरेपी लेने की सलाह देते हैं।
महिलाओं में पीरियड्स, यूट्रस से जुड़ी समस्याओं को दूर करे मैगनेट थैरेपी (Magnet Therapy for Women related diseases)
महिलाओं से जुड़ी कई बीमारियों में भी मैगनेट थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है जैसे पीरियड्स का बंद होना, अनियमित होना, गर्भाशय का अपनी जगह से हटना, ब्रेस्ट में सूजन आदि समस्याओं में ये थैरेपी इस्तेमाल की जाती है। महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस भी आम समस्या बन गई है। इनमें भी मैगनेट थैरेपी ली जा सकती है। कई महिलाओं एक उम्र के बाद घुटनों में दर्द होता है तो वो मैगनेट थैरेपी ले सकती हैं। इसमें उनके घुटने पर मैगनेट रखकर इलाज किया जाता है। अगर उम्र ज्यादा है तो मैगनेट थैरेपी का असर उतना अच्छा नहीं होता।
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मैगनेट थैरेपी का शरीर पर क्या असर पड़ता है? (Effect of Magnet Therapy on body)
मैगनेट से ब्लड फ्लो पर असर पड़ता है। इससे ब्लड में कैमिकल रिएक्शन होते हैं जिससे पॉजिटिव असर होता है। जिस जगह दर्द होता है वहां मैगनेट थैरेपी देने से मसल्स रिलैक्स होती हैं और दर्द कम हो जाता है। हमारे शरीर में भी कई मैगनेट एरिया होते हैं, इससे अगर मैगनेट मशीन का तालमेल बैठ जाए तो अच्छा असर शरीर पर पड़ता है। शरीर में एनर्जी का बैलेंस बिगड़ने से ही रोग बनते हैं। मैगनेट थैरेपी से बॉडी के कई पॉर्ट्स में मौजूद एनर्जी बिंदुओं पर फोकस किया जाता है। इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है। मैगनेट थैरेपी हॉर्ट के मरीजों को या जिनके पेसमेकर लगा है उन्हें नहीं दी जाती है। प्रेगनेंसी के समय भी मैगनेट थैरेपी नहीं दी जाती। अगर पीरियड्स में ब्लीडिंग ज्यादा है तो भी मैगनेट थैरेपी नहीं दी जाती है।
अगर आपको ये थैरेपी फायदेमंद लगी तो इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, ये थैरेपी कई बीमारी जैसे ब्लीडिंग डिसऑर्डर में नहीं दी जाती इसलिए चिकित्सा सलाह अपनाना न भूलें।
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