Does HIV Affect Sperm Doctor Tells In Hindi: एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस एक ऐसा वायरस है, जो आपकी इम्यूनिटी को पूरी तरह कमजोर कर देता है। एचआईवी होने पर मरीज को हल्की सर्दी-जुकाम भी बुरी तरह प्रभावित करती है। इसकी वजह से बॉडी की फाइट और फ्लाइट की क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में शरीर की किसी भी तरह की छोटी-बड़ी बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। एचआईवी होने का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध बनाना होता है। इसलिए, विशेषज्ञों की बार-बार यह सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को कंडोम के साथ सेक्स करना चाहिए और एक ही सेक्सुअल पार्टनर होना चाहिए। एक से अधिक पार्टनर भी एचआईवी का कारण बनते हैं। बहरहाल, यहां सवाल उठता है कि क्या एचआईवी स्पर्म का प्रभावित कर सकता है? यहां हम आपको बता रहे हैं कि एचआईवी और स्पर्म का क्या कनेक्शन है। इस बारे में हमने जिनोवा शैल्बी अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. उर्वी माहेश्वरी से बात की।
एचआईवी स्पर्म को कैसे प्रभावित करता है?- How Does HIV Affect Sperm In Hindi
एचआईवी हमारे ओवर ऑल हेल्थ को इफेक्ट करता है। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि एचआईवी की वजह से स्पर्म पर नेगेटिव असर नहीं पड़ता है। असल में, एचआईवी का स्पर्म पर अलग-अलग तरीके से और गंभीर प्रभाव पड़ता है। इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "एचआईवी की वजह से स्पर्म क्वालिटी प्रभावित होती है और क्वांटिटी भी कम हो जाती है। यही नहीं, एचआईवी की वजह से स्पर्म मोटिलिटी, स्पर्म काउंट, स्पर्म वॉल्यूम में कमी आना जैसी कई अन्य परेशानियां भी होने लगती है। कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि एचआईवी का पुरुष फर्टिलिटी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि मरीज अपनी न सिर्फ अपनी इम्यूनिटी पर ध्यान दें, बल्कि स्पर्म हेल्थ में भी सुधार करने पर जोर दें। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि जिन पुरुषों को HIV है, उनकी वजह से उनके बच्चों को भी HIV हो सकता है। इसलिए अगर को HIV ग्रस्त पुरुष फैमिली प्लान कर रहे हैं, तो उन्हें इस संबंध में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।"
इसे भी पढ़ें: पुरुष स्पर्म को हेल्दी बनाने के लिए फॉलो करें ये 7 चीजें, भविष्य में नहीं आएगी कोई परेशानी
एचआईवी में होने वाली स्पर्म से जुड़ी परेशानियां
स्पर्म शेप में बदलावः एचआईवी के कारण पुरुषों में इजेक्युलेशन की दिक्कत हो जाती है। पुरुषों में इजेक्युलेशन के दौरान बहुत कम मात्रा में स्पर्म बाहर निकलता है, इसकी वजह से स्पर्म शेप पर असर पड़ता है। हालांकि, ऐसा एचआईवी के शुरुआती दिनों में नहीं होता है। एचआईवी के एड्वांस के दिनों में इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।
स्पर्म कंसंट्रेशन में कमीः जैसा कि पहले ही आपको बताया गया है कि एचआईवी के कारण स्पर्म वॉल्यूम और इसकी क्वांटिटी पर असर पड़ता है। ऐसे में इसकी कंसंट्रेशन भी प्रभावित होती है। आपको बता दें कि एचआईवी संक्रमित पुरुषों में प्रति मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या अक्सर कम हो जाती है।
स्पर्म मोटिलिटी पर असरः चूंकि, एचआईवी के मरीजों में स्पर्म क्वालिटी, क्वांटिटी सब प्रभावित हो जाती है। इसका बुरा प्रभाव इसकी मोटिलिटी पर भी पड़ता है। ध्यान रखें कि अगर स्पर्म की मोटिलिटी यानी मूवमेंट सही न हो, तो इसकी वजह से इसकी वजह से महिला के अंदर तक प्रवेश नहीं कर सकता है, जिससे कंसीव करना मुश्किल हो जाता है। इस तरह की स्थिति के कारण पुरुषों में फर्टिलिटी की दिक्कत हो जाती है। एचआईवी के मरीजों में यह समस्या देखी जाती है।
इसे भी पढ़ें: क्या शुक्राणु की गुणवत्ता आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित करती है? जानें डॉक्टर की राय
एचआईवी के मरीज स्पर्म क्वालिटी में कैसे सुधार करें
एचआईवी अपने आप में ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से स्पर्म क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में एचआईवी के मरीजों के लिए स्पर्म क्वालिटी में सुधार करना चुनौतिपूर्ण हो सकता है। इसके बावजूद, यहां दिए गए टिप्स की मदद से एचआईवी के मरीज स्पर्म क्वालिटी में सुधार कर सकते हैं, जैसे-
- न्यूट्रिशन में करें सुधार। एचआईवी के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है कि वे बैलेंस्ड डाइट लें। इसमें प्रोटीन, मौसमी सब्जियां, फल आदि शामिल करें।
- एचआईवी के मरीजों को नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाएह। एक्सरसाइज करने से स्पर्म क्वालिटी में सुधार होता है।
- एचआईवी के मरीजों को अधिक तनाव में नहीं रहना चाहिए। उन्हें हमेशा अपने स्ट्रेस को मैनेज करना सीखना चाहिए।
- एचआईवी के मरीजों को स्पर्म क्वालिटी में सुधार करने के लिए जरूरी है कि वे बुरी आदतों को पूरी तरह छोड़ दें, जैसे स्मोकिंग या शराब का सेवन न करें।