शादी के बाद दंपत्ति घर में नए मेहमान के आने की तैयारी में जुट जाते हैं। कई बार परिवार को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करने के बाद भी दंपत्तियों को निराश होना पड़ता है। संतान उत्पत्ति न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इस समस्या के पीछे महिला व पुरुष दोनों की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर कुछ टेस्ट के बाद कुछ दवाओं से महिला व पुरुष की फर्टिलिटी को ठीक करने का प्रयास करते हैं। लेकिन, यदि समस्या गंभीर हो और संतान होने की संभावना कम हो, तो ऐसे में डॉक्टर उन्हें आईवीएफ विकल्प चुनने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, आईवीएफ के सफल होने की दर भी पुरुष के स्पर्म काउंट पर निर्भर करती है। मुंबई की आईवीएफ स्पेशलिस्ट और स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. निशा पानसरे से जानते हैं कि आईवीएफ की सफलता को स्पर्म क्वालिटी कैसे प्रभावित करती है।
व्यक्ति के शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी के लिए शुक्राणुओं (स्पर्म) का स्वस्थ होना बेहद महत्वपूर्ण होता है। प्रेग्नेंसी काफी हद तक स्पर्म की संख्या, स्पर्म की गतिशीलता और स्पर्म की फ्रक्वेंसी पर निर्भर करती है। एक बार के स्खलन (इजेकुलेशन) में करीब 39 मिलियन स्पर्म को स्वस्थ माना जाता है। गर्भधारण करने के लिए महिला और पुरुष दोनों का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक होता है।
टॉप स्टोरीज़
क्या स्पर्म की क्वालिटी आईवीएफ की सफलता को प्रभावित कर सकती है? Does Sperm Quality Affect IVF Success in Hindi
आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान लैब में स्पर्म को निकाला जाता है। इसके बाद स्पर्म को सीधे महिला के एग में इंजेक्ट किया जाता है। इस वजह से स्पर्म की क्वालिटी इस प्रोसेस में महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। जिन पुरुषों के स्पर्म की गतिशिलिता कम होती है उनके लिए आईवीएफ मददगार हो सकता है। क्योंकि इस प्रक्रिया में केवल स्वस्थ स्पर्म को ही एग के साथ इंजेक्ट किया जाता है। लेकिन, स्पर्म की डीएनए क्वालिटी या स्पर्म की आनुवांशिकता से जुड़ी समस्या हो, तो ऐसे में आईवीएफ से गर्भधारण करने में अधिक समय लग सकता है।
क्या असामान्य (Abnormal) स्पर्म के साथ आईवीएफ काम करता है? Does IVF Work With Abnormal Sperm?
इस सवाल के जवाब में डॉक्टर बताती हैं कि आईवीएफ में असामान्य स्पर्म के साथ भी गर्भधारण किया जा सकता है। असामान्य आकार के स्पर्म यदि अधिक संख्या में हैं , तो यह स्पर्म के साथ ही अन्य समस्याओं जैसे गतिशीलता की ओर संकेत कर सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि गर्भधारण संभव नहीं है, लेकिन इससे नेचुरल गर्भधारण की संभावना कम हो सकती है। स्पर्म के आकार और क्वालिटी के बारे में उसकी जांच कराने के बाद ही पता चल पाता है। आईवीएफ से पहले दंपत्ति के कई टेस्ट किए जाते हैं। जिसमें स्पर्म क्वालिटी टेस्ट किया जाता है।
इसे भी पढ़ें : क्या IVF ट्रीटमेंट के बाद बढ़ जाता है प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा? एक्सपर्ट से जानें
आईवीएफ के लिए स्पर्म क्वालिटी में कैसे सुधार किया जा सकता है? How Can I Improve My Sperm Quality for IVF?
आईवीएफ कराने से पहले दंपत्ति के प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से जुड़े कई जरूरी टेस्ट किए जाते हैं। इसके बाद किसी तरह की समस्या पर डॉक्टर महिला व पुरुष को बदलाव के लिए कई तरह के सुझाव दे सकते हैं।
- लाइफस्टाइल में बदलाव - प्रेग्नेंसी के लिए आईवीएफ का विकल्प चुनने के बाद डॉक्टर लाइफस्टाइल में कुछ जरुरी बदलाव कर सकते हैं। इस दौरान दंपत्ति को शराब और धुम्रपान से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
- एक्सरसाइज करें - स्पर्म क्वालिटी को बेहतर करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है।
- कपड़ों में बदलाव - टाइट अंडरवियर से अंडकोष में गर्मी बढ़ सकती है, जिससे स्पर्म की क्ववालिटी खराब हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर हल्के कपड़े के लूज अंडरवियर पहनने की सलाह दे सकते हैं।
- मोटापा करें कंट्रोल - सफल आईवीएफ के लिए डॉक्टर मोटापे को कंट्रोल करने के लिए डाइट में बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : शादी के 6 साल बाद IVF की मदद से घर में गूंजी किलकारी, जानें लखनऊ के इस दंपति की कहानी
आईवीएफ को सफल बनाने के लिए स्पर्म क्वालिटी को बेहतर बनाना बेहद आवश्यक होता है। इसके लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं। साथ ही, डॉक्टर की सलाह से आवश्यक दवाएं ले सकते हैं।