
नींद बहुत प्रिस्टीजियस चीज है। जिसको अच्छे से आती है वह दुनिया का सबसे सुखी इंसान माना जाता है। लेकिन आजकल नींद ही लोगों के पास नहीं है। तमाम तरह के स्ट्रेस, हमेशा आगे भागने की दौड़, सोशल मीडिया अलग से जिंदगी में चरस बोए रहता है। ऐसे में नींद के तोते उड़ जाते हैं। अगर आप भी नींद की दिक्कत से गुजर रहे हैं तो आपको डायरी लिखनी शुरू कर देनी चाहिए। सोते समय डायरी लिखना कोई नई बात नहीं है। लेकिन लोगों को पता ही नहीं होता कि डायरी लिखनी कैसे है। यह डायरी नींद पर कैसे असर डालती है। आखिर डायरी और नींद का क्या रिश्ता है? इन्हीं सवालों के जवाब नेशनल स्लीप फाउंडेशन ने दिए हैं। दरअसल नेशनल स्लीप फाउंडेशन 14 से 20 तारीख तक स्लीप अवेयरनेस वीक (Sleep awareness week ) मना रहा है। इसी कड़ी में ओन्ली माई हेल्थ आपको नींद से जुड़ी जानकारियां दे रहा है। तो आइए जानते हैं कि सोते डायरी कैसे लिखनी चाहिए और यह डायरी आपकी नींद में कैसे सुधार करती है।
सोते समय डायरी लिखना क्यों जरूरी है?
फिट रहने के लिए जिस तरह आप खानपान और एक्सरसाइज का ध्यान रखते हैं, ठीक वैसे ही नींद का ध्यान रखना जरूरी है। बहुत बार आपकी नींद डिस्टर्ब होती है पर ऐसा क्यों हो रहा है उसका कोई रिकॉर्ड हमारे पास नहीं होता। इसलिए स्लीप डायरी रखने से आपकी नींद किन वजहों से डिस्टर्ब हो रही है उसका रिकॉर्ड आप रख सकते हैं। नेशनल स्लीप फाउंडेशन (NSF) के मुताबिक स्लीप डायरी (Sleep diary) आपको निम्न तरीकों से मदद करती है-
- आपका लाइफस्टाइल आपकी नींद को कैसे प्रभावित कर रहा है, इसकी जानकारी स्लीप डायरी से मिल सकती है।
- नींद की दिक्कत होने पर किस वजह से नींद नहीं आ रही है वह वजह स्लीप डायरी से पता चल सकती है।
- स्लीप पैटर्न का रिकॉर्ड रखने में स्लीप डायरी मदद करती है। यह डायरी यह भी बताती है कि कहीं आपको किसी प्रोफेशनल की जरूरत तो नहीं है।
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कैसे लिखें स्लीप डायरी (How to write sleep diary)
हम यह तो जान ही चुके हैं कि सोते समय डायरी लिखने की क्या महत्ता है। अब आगे हम बात करेंगे कि स्लीप डायरी लिखनी कैसे है। यह जरूरी नहीं है कि सभी को लिखना पसंद हो और यह भी जरूरी नहीं है कि आप डायरी लिखने के लिए किसी तरह की content writing की क्लास लें। इसके लिए जरूरी है तो सिर्फ आपका खुद से बात करना। यह बात जब लिखकर होती है तब ज्यादा अच्छे से खुद का मूल्यांकन हो पाता है। तो आइए जानते हैं डायरी लिखने के तरीके-
1. जब भी आप सोने जाएं उससे पहले अपने तकिए के नीचे एक डायरी और पेन हमेशा रखें। तकिए के नीचे नहीं रखना तो बेड के पास के टेबल पर डायरी रखें। और आप नहीं चाहते कि आपकी डायरी कोई पढ़े तो उसे सुरक्षित रूप से अपने हिसाब से रखें, पर ध्यान रहे कि डायरी आपके बेड के पास ही हो, ताकि जब आपको कुछ लिखना हो तो आपको ज्यादा परेशानी न झेलनी पड़े।
2. अपनी डायरी को हर दिन लिखें। ऐसा आप कम से कम दो हफ्तों तक करें। इसके अलावा अगर आप अपनी नींद से जुड़ी किसी परेशानी के लिए किसी प्रोफेशनल के पास जा रहे हैं तो उनके कहे अनुसार डायरी लिखें।
3. आपके मन में सोते समय जो भी भाव आ रहे हैं उन्हें लिखते रहें। जब तक आपको नींद नहीं आती तब तक लिखते रहें।
4. सोने से पहले अपनी डायरी लिख लें।
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5. उस डायरी में वो सभी जानकारी लिखें जो आपके स्लीप पैटर्न को बिगाड़ रहीं।
6. डायरी पूरी होने के बाद जो आपने लिखा है उसका रिव्यू करें। आप रिव्यू करते समय देख सकते हैं कि कहीं आपके दिन में कॉफी पीने की वजह से आपकी नींद तो डिस्टर्ब नहीं हो रही या जब आपने दिन की नींद स्किप की तो रात को नींद ठीक आई आदि आदि...
7. जिन जगहों पर आपको दिक्कतें आ रही हैं उन्हें एक-एक करके ठीक करें। जिससे आपकी नींद बेटर हो।
8. अपनी डायरी को अपने हेल्थकेयर प्रोफेशनल को दिखाएं। ताकि आपको वो बेहतर तरीके आपकी नींद के बारे में बता सकें।
नींद जीवन का एक बहुत ही जरूरी बिंदु है। दिन भर के काम के बाद अगले दिन के काम के लिए नींद शरीर में रिेपेयरिंग में मदद करता है। शरीर को नई ऊर्जा देती है नींद। लेकिन डायरी लिखने से आपकी नींद और बेहतर हो सकती है, यह सच है। आज चाहें तो आज से ही स्लीप डायरी लिखने की आदत डाल सकते हैं। आपकी नींद की समस्या जल्द ही ठीक हो जाएगी।
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