इको फ्रैंडली होली प्लीज

होली का असली मजा तभी है जब बनावटी और नुकसानदेह रंगों का प्रयोग न करके सूखे, प्राकृतिक और इको फेंडली रंगों से होली खेला जाए। आइए हम आपको बताते हैं कैसे मनाएं इको फ्रेंडली होली।
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इको फ्रैंडली होली प्लीज


होली का नाम सुनते ही रंगों और मस्ती का माहौल याद आ जाता है। होली में रंग खेले बगैर रहें तो होली एकदम अधूरी सी लगती है। होली में कई प्रकार के रंगों का प्रयोग होता है, जिनका असर कई दिनों तक कम नहीं होता है। बेशक रंग खेलने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन ये रंग स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं। बाजार के रंगों में इतना ज्यादा केमिकल का प्रयोग होता है कि वह हेल्थ के लिए बहुत खतरनाक होता है।

 

कई रंग तो एलर्जी पैदा करते हैं। होली का मजा और आता है जब आप सूखे रंगों से होली खेलें, इससे कई लीटर पानी बर्बाद होने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा इस बार होली में आप अपने घर में प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल करके इको फ्रेंडली रंग तैयार करके होली खेल सकते हैं। इससे स्वास्थ्य को भी कोई खतरा नहीं रहेगा और आपकी होली सुरक्षित होगी।

holi fun

कैसे बनाएं प्राकृतिक रंग

प्राकृतिक जडी-बूटियों और फूल पत्तियों को मिलाकर रंग तैयार कर इको फ्रेंडली होली का मजा लीजिए। आईए हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने घर में ही रंग तैयार कर सकते हैं :

 

पीला रंग

  • एक टीस्पून हल्दी में चार टीस्पून बेसन मिलाकर पीला रंग तैयार कर सकते हो।
  • गेंदे या टेसू के फूल की पंखुड़ियों को पानी में उबालकर प्राकृतिक पीला रंग बनाया जा सकता है।
  • अनार के छिलकों को रातभर पानी में भिगोकर भी पीला रंग तैयार किया जा सकता है।
  • गेंदे के फूल की पत्तियों को मिलाकर पीला रंग बनाया जा सकता है।

 

गुलाबी रंग

  • चुकंदर के टुकड़े काटकर पानी में भिगोकर गहरा गुलाबी रंग बनाया जा सकता है।
  • प्याज के छिलकों को पानी में उबालकर भी गुलाबी रंग बनाया जा सकता है।

 

लाल रंग

  • लाल चंदन के पाउडर को लाल रंग के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें पानी मिलाकर लाल गीला रंग बनाया जा सकता है।
  • टमाटर और गाजर के रस को पानी में मिलाकर भी होली खेली जा सकती है।
  • लाल अनार के छिलकों को मजीठे के पेड की लकडी के साथ उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है।

 

हरा रंग

  • मेंहदी में बराबर मात्रा में आटा मिलाकर हरा रंग बनाइए। सूखी मेंहदी त्वचा पर लगने पर कोई नुकसान भी नहीं होता है। मेंहदी में पानी मिलाकर गीला रंग भी तैयार किया जा सकता है।

 

भूरा रंग

  • आमतौर पर कत्था पान खाने में प्रयोग किया जाता है। लेकिन कत्थे में पानी मिलाकर गीला भूरा रंग तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा चायपत्ती का पानी भी भूरा रंग देता है।

holi colour

काला रंग

  • आंवले को लोहे के बर्तन में रातभर के लिए भिगो दो। सुबह आंवलों को पानी से निकाल कर अलग कर दो। आंवले के पानी में थोड़ा और पानी मिलाकर प्राकृतिक रंग तैयार किया जा सकता है।


नीला रंग

  • नीले गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर बारीक पीसने पर नीला गुलाल भी बनाया जा सकता है, इसके अलावा इसका पेस्ट बनाकर नीला रंग बनाया जा सकता है।

 

अगर आप घर में रंग नहीं बना सकते हैं तो कोई बात नहीं बाजार में प्राकृतिक रंग आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन केमिकलयुक्त रंगों का प्रयोग न करें जो आसानी से शरीर से छूटते नहीं हैं और त्वैचा को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। होली का असली मजा तभी है जब बनावटी और नुकसानदायक रंगों का प्रयोग न करके सूखे, प्राकृतिक और इको फेंडली रंगों से होली खेला जाए।

 

Image Courtesy- Getty Images

 

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