बनीं रहें हमेशा ऊर्जावान

जिंदगी का सफर कदम दर कदम तय करते-करते कभी-कभी जीवन में हताशा, थकान, ऊब और निराशा सी महसूस होने लगे तो समझिए कि जीवन में उत्साह या उमंग की कमी हो गई है।

 अन्‍य
Written by: अन्‍य Updated at: Jan 08, 2014 00:00 IST
बनीं रहें हमेशा ऊर्जावान

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चलना ही जिंदगी का नियम है। जो रुक गया वो जिंदगी की भागदौड़ में बहुत पीछे छूट जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप हमेशा चलती रहें यही जीवन का नियम है। और गतिमान बने रहने के लिए आपको ऊर्जा की जरूरत होती है। और हमेशा ऊर्जावान बनी रहने के लिए आप इन नियमों का पालन कर सकती हैं।

young ladyजिंदगी का सफर कदम दर कदम तय करते-करते कभी-कभी जीवन में हताशा, थकान, ऊब और निराशा सी महसूस होने लगे तो समझिए कि जीवन में उत्साह या उमंग की कमी हो गई है। उत्साह और उमंग जीवन को ऊर्जा से भरपूर बनाए रखते हैं।

 

इनकी कमी होते ही जीवन घुटन और अवसाद से भरने लगता है। वहीं अगर आपका जीवन उमंग और उत्साह से सराबोर है तो जिंदगी खुशियों से भरी और रंग-बिरंगी लगने लगती है। इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ नियम स्वयं के लिए निर्धारित करें। फिर देखें आप कैसे रहती हैं हमेशा ऊर्जावान। 

 

पहला सुख निरोगी काया  

अपने आपको चुस्त-दुरुस्त रखने में आप स्वयं ही सबसे ज्यादा मददगार साबित हो सकती हैं। बेवजह बनावटी जीवनशैली के पीछे न भागें। सरल, सहज व संयमित जीवन जिएं। उम्र के अनुसार संतुलित भोजन करें तथा नियमित दिनचर्या का पालन करें। नियमित रूप से सुबह सैर करने की आदत डालें। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। समय नहीं मिलता जैसे नकारात्मक विचारों को मन से निकाल दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की ठान लें। एक सप्ताह तक यदि इस दिनचर्या पर अमल कर लें तो स्वयं को शाबाशी जरूर दें। फिर देखें अपनी ऊर्जाशीलता को। 

 

वक्त की हों पाबंद

प्रबंधन गुरु प्रमोद बत्रा के अनुसार किसी काम को सही समय पर दी गई सीमा में पूरा करना ही समय प्रबंधन कहलाता है। आप गृहिणी हों या कामकाजी, अपने हर काम के लिए समयसीमा निर्धारित कर लें कि इस समय तक यह काम हर हाल में पूरा करना है। यदि इसी तरह पूरे दिन की रूपरेखा आपके दिमाग में होगी तो आप सारे कार्य कुशलतापूर्वक पूरे कर लेंगी। साथ ही योजनाबद्ध तरीके से काम करने से मन में चुस्ती-फुर्ती और दिमाग में सक्रियता बनी रहेगी। 

 

खाएं पौष्टिक आहार 

डाइटीशियन सरिता डिमरी कहती हैं कि अगर आप चाहती हैं कि आप ऊर्जावान बनी रहें तो अपने आहार में प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करें। सुबह का नाश्ता जरूर करें। दोपहर के खाने में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर व प्रोटीनयुक्त पदार्थो को प्रमुखता दें। प्रोटीन के लिए अंकुरित अनाज, मेवे, कम वसा रहित पनीर, वसा रहित दूध और दही लें। फलों में सेब और संतरा का प्रयोग अवश्य करें। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम होता है, जो आपकी हड्डियों, मांसपेशियों और नर्व को मजबूत बनाता है। एक बार में ही भरपेट खाने के बजाय 5 बार थोड़ा-थोड़ा पौष्टिक आहार लें। इससे आपमेंपूरे दिन तक भरपूर ऊर्जा बनी रहेगी। 

 

व्यायाम करें 

ऊर्जावान बने रहने के लिए व्यायाम करना बहत जरूरी है। व्यायाम करने से मस्तिष्क में ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। यदि अधिक न कर सकें तो घर की सीढि़यां ही 3-4 बार चढ़ें-उतरें। रेडियो में आने वाले गाने के साथ डांस करें। गाना गाएं गुनगुनाएं, ये सारी क्रियाएं आपके अंदर निश्चय ही खुशी भर देंगी। यह खुशी ही तो आपकी ऊर्जा है। 

 

भरपूर पानी पिएं  

कभी-कभी पानी की कमी होने से भी शरीर में डीहाइड्रेशन की समस्या होने लगती है और थकान लगती है। अत: दिन में 10-12 ग्लास पानी पीने की आदत ही बना लें। जब भी रसोई में जाएं, एक ग्लास पानी अवश्य पी लें। 

 

उम्र को हावी न होने दें  

आप चाहे 40 की हों या 60 की, अपनी बढ़ती उम्र के बारे में सोच कर भयभीत न हों। उम्र के अनुसार अपने लिए अपनी रुचि के कार्य चुनें और सक्रिय बनी रहें। मस्तिष्क की सक्रियता पर उम्र का कुछ प्रभाव तो पड़ता है लेकिन सदैव सक्रिय रहने पर तन-मन ऊर्जा से सराबोर रहेगा। 

 

जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें  

बार-बार टीवी के सामने बैठ कर अपना समय नष्ट कर दिमाग को निष्कि्रय न बनाएं। नियमित रूप से समाचार पत्र-पत्रिकाएं पढ़ें। घर के पास किसी पुस्तकालय की सदस्यता लें व रुचि के विषयों पर किताबें पढ़ें। समाचार सुनने की आदत डालें। इससे आपकी जानकारी का दायरा विस्तृत होगा और विचारों में नयापन आएगा। 

 

मानें कि आप सुंदर हैं 

बदलते मौसम और समय के अनुसार तैयार हों। क्या चलन में है इसकी जानकारी रखें। खुद से कहें कि मैं सुंदर हूं। अपनी पसंद के कपड़े चुनें, सजें-संवरें। मैं सुंदर नहीं हूं, जैसे विचारों को त्याग दें। सजने-संवरने से मन को को खुशी  मिलेगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। आप अपने आपको क्रियाशील महसूस करेंगी। 

 

खुद को दें खुशियों का उपहार  

अपने व्यस्त जीवन में से कुछ समय अपने लिए निकालें। जब आप पर कार्य का कोई दबाव न हो, उस समय अपनी रुचि व पसंद का कोई काम करें। चाहे पार्लर जाएं या घर पर खुश ही अपना पेडीक्योर-मेनीक्योर कर डालें। प्रिय सहेली से फोन पर बातें करें। अपनी मनपसंद खरीदारी करें, संगीत सुनें या अखबार व पत्रिकाएं पढ़ें। जो भी करें, बिंदास करें। मनपसंद कार्य करने से आपका मन निश्चित रूप से खुशी व उल्लास से भर उठेगा। साथ ही आप अपने को तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगी। 

 

सकारात्मक हो सोच 

इंसान जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है। ऐसा बाइबिल में कहा गया है। अत: अपने मन को अच्छे विचारों की बगिया बनाएं। जैसे मैं स्वस्थ हूं और सक्रिय हूं। मैं हर काम कर सकती हूं। मुझे ईश्वर ने बहुत कुछ दिया है। इसी तरह के विचारों को मन ही मन दोहराएं और फिर इसका चमत्कार देखें। इस तरह के सकारात्मक विचार आपको खुशी व उमंग से भर देंगे यही खुशी आपको उम्र भर सक्रिय बनाए रखेगी। 

 

न कहने का साहस जुटाएं 

सदैव अपने मन को मार कर दूसरों को ़खुश रखने के लिए उनकी हां में हां न मिलाती रहें। जिस काम या बात की इच्छा न हो उसके लिए ऊहापोह की स्थिति में न फंसते हुए न कहना सीखें। न कुछ इस तरह कहें कि सामने वाले को बुरा भी न लगे। बेवजह सबकी हां में हां मिलाने से आपका मन ग्लानि व कुंठा से भर सकता है, जो कि आपको कमजोर बना देगा। 

 

दूसरों को नहीं स्वयं को बदलें  

घर-परिवार के बदलते तौर-तरीकों व किशोरों के व्यवहार से परेशान होने के बजाय स्वयं को बदलें। अपने मन को शांत रखें। उन पर गुस्सा व खीज निकालने के बजाय अपने आपको किसी अच्छे काम में व्यस्त करें। मनपसंद और रचनात्मक कोई भी कार्य आपको खुशी देगा। 


अरोमाथेरेपी अपनाएं  

अरोमाथेरेपिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. नरेश अरोड़ा के अनुसार सक्रिय, सुंदर व ऊर्जावान बने रहने के लिए आप अरोमाथेरेपी का सहारा ले सकती हैं। थकान दूर करने के लिए और खुद को ऊर्जा से भरने के लिए ऑरेंज, लैंवेंडर पिपरमिंट या लेमन ग्रास एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करें। नहाने के पानी में रोजमेरी या पिपरमिंट एसेंशियल ऑयल की 1-2 बूंदें डाल लें। इनकी भीनी-भीनी सुगंध जब आपकी सांसों के साथ अंदर जाएगी तो आपका मन प्रफुल्लित हो उठेगा। आपमें नई ऊर्जा का संचार होगा। 

 

अच्छी नींद लें  

रात में जितनी अच्छी नींद आएगी। दिन में आप उतनी ही ऊर्जा से भरपूर रहेंगी। अच्छी नींद आपको सुकून और ताजगी देती है। अत: 7-8 घंटे जरूर सोएं। हो सके तो दिन में भी कुछ मिनटों की झपकी ले लें। 

 

श्वांस संबंधी क्रियाएं अपनाएं  

प्रणायाम करने से प्राणवायु मिलती है, जो शरीर में चेतना का संचार करती हैं। कपालभाती, भस्ति्रका व अनुलोम-विलोम आदि श्वास की क्रियाओं को 10-15 मिनट हर रोज करने की आदत बना लें।

 

इन तरीकों को अपनाकर आप सदा ऊर्जावान बनी रह सकती हैं। याद रखिये यह आपकी ऊर्जा ही है, जो आपको जीवन में आगे बढ़ने में सहायता करेगी।

 

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