यूं तो गर्भावस्था में विभिन्न किस्म के नियमों का पालन करना होता है। यही नहीं अपनी जीवनशैली से लेकर डाइट तक में आमूलचूल परिवर्तन करने होते हैं। ऐसा करने का एक ही उद्देश्य होता है, शिशु की बेहतर देखभाल है। शिशु की बेहतर देखभाल के लिए गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट में ब्रोकली सूप भी शामिल करना चाहिए। ब्रोकली वास्तव में हरी गोभी है। यह न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि स्वस्थकर भी है। असल में यह सूप न सिर्फ गर्भवती महिला के लिए विशेष उपयोगी है बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है। इस लेख में ब्रोकली सूप के विभिन्न फायदों पर नजर दौड़ाएंगे।
- कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे किसी की भी जान जा सकती है। ऐसे में एक गर्भवती महिला के मन में यह डर आना लाजिमी है कि कहीं कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु को ऐसी गंभी बीमारी अपनी चपेट में न ले ले। अतः गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे अपने आहार में ब्रोकली सूप शामिल करे। दरअसल ब्रोकली सूप में कैंसर से लड़ने वाले तत्व मौजूद है। इस सूप में आप चाहे तो अन्य सब्जियां भी शामिल कर सकते हैं मसलन फूलगोभी, बंदगोभी आदि।
- यदि किसी गर्भवती महिला का वजन बहुत ज्यादा है तो उन्हें अपने डाइट चार्ट में ब्रोकली सूप कई कारणों से शामिल करनाच चाहिए। मोटे लोगों के साथ कोलेस्ट्रोल की समस्या हमेशा बनी रहती है। जाहिर है कि कोई गर्भवती महिला अपने शिशु को विरासत में कोलेस्ट्रोल सम्बंधी बीमारी नहीं देना चाहेगा। अतः जिन महिलाओं में मोटापा है या फिर वे कोलेस्ट्रोल सम्बंधी बीमारी से जूझ रही हैं तो अपने डाइट में ब्रोकली सूप अवश्य शामिल करें। यूं तो ब्रोकली की सब्जी भी विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। दरअसल दोनों ही समान रूप से कारगर है।
- ब्रोकली सूप में एलर्जी से लड़ने के तत्व भी मौजूद है। तमाम शोध अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि जिन गर्भवती महिलाओं को किसी खाद्य विशेष से एलर्जी है। यही नहीं एलर्जी के कारण उन्हें जलन आदि समस्याओं से निपटना पड़ता है, ऐसी महिलाओ के लिए ब्रोकली सूप सहायक है। असल में यदि गर्भवती महिलाओं को किसी वस्तु विशेष से एलर्जी होगी तो उसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है। अतः ब्रोकली सूप पीने से एलर्जी से बचा सकता है। इतना ही नहीं शिशु पर भी इसके बुरे परिणाम नहीं देखने को मिलेंगे। यदि इसके बावजूद समस्या बनी रहती है तो बेहतर होगा कि आप डाक्टर से संपर्क करें।
- तमाम सब्जियों की तुलना में ब्रोकली विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। यही नहीं यह बेहतरीन एंटीआक्सीडेंट भी है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि गर्भ में पल रहे शिशु और गर्भवती महिला के लिए एंटीआक्सीडेंट कितने जरूरी है। अतः ब्रोकली सूप बेहतरीन विकल्प हो सकता है। जो लोग ब्रोकली यूं खाना पसंद नहीं करते, उन्हें इसका सूप ट्राई करना चाहिए। सूप में चाहे तो कई किस्म के प्रयोग भी कर सकते हैं ताकि उसे स्वादिष्ट बनाया जा सके।
- गर्भवती महिलाओं की हड्डियां भी मजबूत होनी जरूरी है। इससे उसके शिशु के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। हड्डियां मजबूत करने के लिए पर्याप्त तत्व ब्रोकली में पाए जाते हैं। अतः इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए ब्रोकली सूप कितना जरूरी है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियां भी मजबूत बनती है। यही नहीं गर्भावस्था में महिला को हड्डियों से सम्बंधित कोई समस्या भी नहीं होती। अतः भीतरी रूप से मजबूती के लिए ब्रोकली सूप का चयन करें। यह शिशु और मां दोनों को लाभ पहुचंाता है।
- ब्रोकली के तमाम लाभ इसके सूप में भी मौजूद होते हैं। ब्रोकली खाने से हृदय सम्बंधी बीमारियों से निपटने में आसानी होती है। यही नहीं लम्बे समय तक ब्रोकली खाने से हृदय सम्बंधी बीमारियां भी नहीं होती। ऐसे में ब्रोकली सूप तो गर्भवती महिला को लाभ पहुंचाता ही है। साथ ही शिशु भी इसके लाभ अछूता नहीं है। यही नहीं ब्लड वेसेल में किसी प्रकार क्षति होने पर भी ब्रोकली सूप सहायता करता है। मतलब यह कि ब्लड शुगर सम्बंधी समस्या के कारण हुई जलन आदि परेशानी से भी यह निदान दिलाता है। अतः जिन महिलाओं को शुगर है, उनके लिए यह उपयुक्त है। शिशु के स्वास्थ्य के लिए तो यह रामबाण है।
अपनी डाइट में यदि आप ब्रोकली सूप शामिल करते हैं तो कई अन्य लाभ भी हासिल करते हैं। असल में इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद है। इसके अलावा यह हजम कमरने में भी मदद करता है। हाजमा सम्बंधी बीमारी के लिए भी ब्रोकली सूप बेहतर है। यही नहीं निम्न रक्त चाप को यह नियंत्रित करता है और ओवरइटिंग होने पर होने वाली समस्या से भी बचाता है। कहने का मतलब साफ है कि ब्रोकली सूप गर्भ में पल रहे शिशु और मां दोनों के लिए लाभकर है।
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