
Headache Treatment in Hindi: सिर दर्द से परेशान हैं, तो नीलगिरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। नीलगिरी एक औषधीय पेड़ माना जाता है। इस पेड़ की पत्तियां का इस्तेमाल नीलगिरी तेल बनाने के लिए किया जाता है। नीलगिरी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। दर्द दूर करने के लिए नीलगिरी फायदेमंद माना जाता है। सिर में दर्द के अलावा मांसपेशियों में दर्द और सूजन को दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। गठिया रोग में नीलगिरी तेल असरदार होता है। दांत दर्द के लिए भी लोग नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करते हैं। नीलगिरी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण से बैक्टीरिया खत्म होते हैं। आगे लेख में जानेंगे सिर दर्द के लिए नीलगिरी का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

सिर दर्द में नीलगिरी का इस्तेमाल कैसे करें?
जिन लोगों को अक्सर सिर का दर्द या माइग्रेन में पेन परेशान करता है वो रोज दवा का सेवन नहीं कर सकते। ऐसे में एक सरल उपाय है कि आप नीलगिरी का इस्तेमाल शुरू कर दें। नीलगिरी तेल में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। घाव और दर्द को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है जैसे-
यूकलिप्टस की पत्तियां का इस्तेमाल
नीलगिरी की ताजा पत्तियों की मदद से सिर दर्द का इलाज कर सकते हैं। नीलगिरी की पत्तियों को धोकर पीस लें। नीलगिरी की पत्तियों का अर्क रंगहीन और स्वादहीन द्रव्य के रूप में आपको मिलेगा। इस अर्क को माथे में लगा लें। दर्द वाले हिस्से में मालिश करें। 15 मिनट बाद साफ पानी से माथे को धो लें। दिन में 2 से 3 बार इस उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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नीलगिरी तेल का इस्तेमाल
नीलगिरी की ताजा पत्तियों को तोड़कर इसका तेल बना सकते हैं। नीलगिरी का तेल बनाने के लिए पत्तियों को धोकर पीस लें। इससे पत्तियों का अर्क बाहर निकल आएगा। अर्क और पत्तियों को बादाम या नारियल तेल के साथ मिलाकर गरम करें। जब तेल का रंग बदल जाए, तो गैस बंद कर दें। तेल ठंडा हो जाए, तो उसे छानकर साफ कंटेनर में भर लें। नीलगिरी का तेल तैयार है, इसका इस्तेमाल एक हफ्त तक कर सकते हैं।
यूकलिप्टस पाउडर के फायदे
यूकलिप्टस पाउडर की मदद से कई रोगों का इलाज किया जाता है। नीलगिरी पाउडर का इस्तेमाल कई तरह के दर्द जैसे मांसपेशियों का दर्द, सिर दर्द, गठिया रोग आदि में कर सकते हैं। नीलगिरी का पाउडर बनाने का तरीका बेहद आसान है। नीलगिरी की ताजा पत्तियों को धोकर सुखा लें। इनके सूखने के बाद, पत्तियों का पाउडर बना लें। नीलगिरी के पाउडर में 2 से 3 बूंद टी ट्री ऑयल मिलाएं। इसमें पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। फिर माथे पर इस लेप को लगा लें। आधे घंटे बाद त्वचा को साफ कपड़े से साफ कर लें। इस पाउडर को स्टोर करके बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
नीलगिरी के इस्तेमाल के दौरान बरतें ये सावधानियां
- इस तेल के ज्यादा इस्तेमाल से उल्टी या मतली जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
- बच्चे या गर्भवती महिलाओं को नीलगिरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- नीलगिरी तेल को सीधे त्वचा पर न लगाएं। इसे किसी अन्य तेल के साथ मिक्स करके त्वचा पर लगाएं। ऐसा न करने से एलर्जी हो सकती है।
- किसी गंभीर त्वचा रोग के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बगैर नीलगिरी का इस्तेमाल न करें।
मेरे अपने अनुभव के आधार पर मैं आपको नीलगिरी का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकती हूं। ये वाकई असरदार होता है। चाहे मांसपेशियों में दर्द हो या सिर दर्द हो रहा हो, थोड़ा का नीलगिरी तेल या पाउडर काफी है। त्वचा रोग के मरीज डॉक्टर से सलाह लेकर नीलगिरी का प्रयोग करें।
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