
उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर कई तरह को रोग शुरू होने लगते हैं। ऐसा शरीर के कमजोर होते इम्यून सिस्टम के कारण होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस की वजह से मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। साथ ही, हड्डियों में भी कमजोरी आना शुरू हो जाती है। बढ़ती उम्र के अधिकतर लोगों को हड्डियों की कमजोरी के कारण उठने-बैठने में परेशानी होने लगती है। यहां तक कि लोगों को तो चलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बुजुर्गों में हिप अर्थराइटिस भी एक आम समस्या मानी जाती है, इसमें शुरुआत में कूल्हे में हल्का दर्द होता है। यदि, इसका इलाज समय पर नहीं कराया जाए तो इसका दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है। आज इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर निखिल वर्गे ने हिप में गठिया होने के कारण और इलाज को विस्तार से बताया।
हिप अर्थराइटिस का कारण - Causes Of Hip Arthritis In Hindi
जोड़ों की समस्याएं
हिप्स अर्थराइटिस के पीछे ज्वाइंट की समस्याएं जैसे कि ऑस्टियोअर्थराइटिस और रुमेटाइड अर्थराइटिस (ठंड से होने वाली समस्याएं) हो सकती है। इस रोग में व्यक्ति के जोड़ों में अकड़न आ जाती है और उसे मूवमेंट करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वजन का बढ़ना
अत्यधिक वजन हिप्स अर्थराइटिस का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। बढ़ते वजन के कारण हिप के जोड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे उसके जोड़ कार्य करना कम कर देते हैं।
उम्र का अधिक होना
बढ़ती उम्र के कारण बोन डेंसिटी में कमी होने से हिप अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है। इसमें व्यक्ति के कूल्हे की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण वह हड्डियों में क्रिसटल बनने लगते हैं। ऐसे में व्यक्ति को उस अंग को हिलाने में दर्द या परेशानी हो सकता है।
हिप अर्थराइटिस का इलाज कैसे होता है - Treatment Of Hip Arthritis In Hindi
दवाएं
इस समस्या को कम करने के लिए डॉक्टर दवाएं देते हैं। साथ ही, वजन को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने की सलाह भी दे सकते हैं।
इंजेक्शन
यदि व्यक्ति को जोड़ों पर दर्द ज्यादा हो रहा है, तो ऐसे में उसे इंजेक्शन भी दिया जा सकता है। इस दौरान होने वाले दर्द और सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर स्टेरॉइड जैसे कुछ विक्लपों को चुन सकते हैं।
एक्सरसाइज
इस दौरान व्यक्ति के कूल्हे के मूवमेंट को बढ़ाने के लिए डॉक्टर कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। इससे हिप का मूवमेंट बना रहता है। वहीं, जोड़ों में भी आराम आने लगता है।
डाइट में बदलाव
हिप अर्थराइटिस होने पर डॉक्टर मरीज को हेल्दी डाइट लेने की सलाह देते हैं। मरीज को साबुत अनाज, सब्जियां, फल और प्रोटीन से भरपूर आहार लेने की सलाह दी जाती है।
इसे भी पढ़ें : बुजुर्गों में हिप अर्थराइटिस होने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, न करें अनदेखा
इस समस्या में डॉक्टर मरीज को सुबह व शाम धूप में बैठने की भी सलाह देते हैं। दरअसल, विटामिन डी की कमी से भी हड्डियां कमजोर होने लगती है। यदि, इस समस्या में ज्यादा दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version