
वजन कम (weight loss) करने के लिए हम अक्सर तरह-तरह के मंहगे एक्सरसाइज और डाइट को फॉलो करते हैं। जबकि हमारे पास ऑयुर्वेद और योग से जुड़े हुए कई ऐसे कारगर देसी तरीके हैं, जिनकी मदद से हम आसानी से अपना वजन घटा सकते हैं। वजन घटाने का एक ऐसा ही देसी तरीका है उठक बैठक करना (uthak baithak exercise)। रोजाना महज 20 से 25 मिनट तक उठक बैठक करने से आपकी सेहत में सुधार हो सकता है। इसी तरह रेगुलर स्क्वाट्स एक्सरसाइज (regular squats) भी उठक बैठक जैसी ही फायदेमंद है। पर प्रश्न ये है कि उठक-बैठक (hindu squats) और स्क्वाट्स (regular squats) में कौन सा है ज्यादा कारगर है (hindu squats vs regular squats)?
क्या है उठक बैठक (Hindu Squats)?
उठक-बैठक हमारे यहां के गलती किए जाने पर बच्चों को दिए जाने वाले सामन्य सजा के रूप में जाना जाता है। पर योग और आयुर्वेक की मानें, तो ये एक व्यायाम है, जिससे शरीर के हर अंग पर जोर पड़ता है। उठक बैठक करने में हमें किसी तरह के उपकरण और बहुत ज्यादा जगह की जरूर नहीं होती है। हम इसे कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। पर रोजाना 20 सुबह-शाम खाली पेट इसे करना हमें कई तरह के स्वास्थ्य लाभ दे सकता है।
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उठक बैठक करने के फायदे (uthak baithak exercise benefits)
उठक बैठक काफी उपयोगी व्यायाम है। इसे करने में बाकी किसी भी व्यायाम की तुलना में अधिक शक्ति लगती है। यानी कि अगर कोई बहुत मोटा है, तो वो इसे करने आसानी से बहुत सारा फैट बर्न कर सकता है। इसके अलावा इसके कई और फायदे भी हैं। जैसे कि
- -ये कार्बोहाइड्रेट और बैली फैट को करने में आसानी से मदद कर सकता है।
- -ये शरीर के निचले हिस्से यानी कोर के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।
- -ये ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने में मदद करता, जो दिल से जुड़ी बीमारियों से बचे रहने के लिए जरूरी है।

क्या है स्क्वाट्स (Regular Squats)?
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाली कसरतों में स्क्वाट्स अहम हिस्सा होते हैं। स्क्वैट्स करने से आपके कूल्हे, हैमस्ट्रिंग्स और क्वॉड्रीसेप्स जैसे विशिष्ट अंग मजबूत हो जाते हैं। साथ ही, इस कसरत की बदौलत आपके हिप्स में ताकत बढ़ जाती है। एक चुस्त-दुरुस्त शरीर पाने के लिए यह बेहद फायदेमंद है। साथ ही इसमें हाई लेवल पर आप बार्बेल, प्लेट्स, डम्बेल, हेक्स बार आदि का भी यूज किया जाता है।
स्क्वाट्स करने के फायदे
स्क्वाट्स करने से ही आपकी चुस्ती और चाल में एक बड़ा सुधार आ जाता है। स्क्वाट्स के दौरान हमारे पेट की आड़ी और सीधी मांसपेशियां लगातार दबाव में रहती हैं, जिसके फलस्वरूप आपका पेट ज़्यादा सपाट और टोंड हो जाता है।
- -मज़बूत मांसपेशियां को पाने के लिए स्क्वाट्स करना बेहद फायदेमंद है
- -अपने कूल्हों और टखनों को चुस्त-दुरुस्त बनाकर अपनी कमर के निचले हिस्से और घुटनों में दर्द से राहत पाने के लिए यह एक कमाल की कसरत होती है।
- -ये शरीर की स्टेबिलिटी बढ़ाने में भी बहुत मदद करती है।
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उठक-बैठक और स्क्वाट्स में कौन सा है ज्यादा कारगर (hindu squats vs normal squats)?
उठक-बैठक और रेगुलर स्क्वाट्स में खास अंतर तो नहीं, पर अलग तुलना करें, तो उठक-बैठक ज्यादा फायदेमंद है। जैसे कि
- -स्क्वाट्स को करने के लिए आपको जिम और मंहगे टूल्स की जरूरत पड़ सकती है, पर उठक-बैठक करने के लिए आपको ऐसा कुछ भी नहीं चाहिए।
- -स्क्वाट्स में हाथों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता है पर उठक-बैठक में हाथ और कंधो समेत पूरे शरीर का इस्तेमाल होता है।
- -स्क्वाट्स, को धीमे-धीमे किया जाता है पर उठक-बैठक थोड़ा तेज होता है।
- -स्क्वाट्स की तकनीक जटिल होती है और उठक-बैठक की आसान।
- -स्क्वाट्स करने के लिए आपको ट्रेनर की जरूरत पड़ सकती है, जबकि उठक-बैठक करने के लिए आपको किसी भी ट्रेनर की जरूरत नहीं है।
भले ही देखने से ऐसा लगे कि स्क्वैट्स आपकी मुद्रा में सुधार लाने का एक शानदार तरीका हो सकते हैं, लेकिन देसी उठक बैठक पूरे शरीर की मुद्रा में सुधार लाता है। अगर आप इस कसरत को रेगुलर करें, तो आप शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करके एक फिट एंड फाइन बॉडी पा सकते हैं।
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