गर्भावस्‍था में इन हर्ब से बनायें दूरी

गर्भावस्था के दौरान अगर आप किसी बीमारी का इलाज करवा रही है, तो जरा ध्‍यान रखें, क्‍योंकि कई बार कुछ दवाएं या जड़ी-बूटियां फायदे के बजाए नुकसान पहुंचा सकती हैं। जाने, क्‍यों और कौन से हर्ब से गर्भावस्‍था में रहें दूर।
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गर्भावस्‍था में इन हर्ब से बनायें दूरी

गर्भावस्था के दौरान अगर आप किसी बीमारी का इलाज करवा रही है, तो जरा ध्‍यान रखें, क्‍योंकि कई बार कुछ दवाएं या जड़ी-बूटियां फायदे के बजाए नुकसान पहुंचा सकती हैं। जब आप गर्भवती हैं तो दवाओं का इस्‍तेमाल करते समय आपको जरा अतिरिक्‍त सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

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साथ ही आप गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाये रखने के लिए अन्‍य तरीकों को अपनाएं। गर्भावस्था के दौरान कई जड़ी-बूटियां गर्भपात, अपरिपक्व जन्म या भ्रूण के चोट लगने, अग्रणी संकुचन आदि का कारण हो सकती हैं। इसके साथ ही उच्च रक्तचाप और जन्म दोष के जोखिमों में भी इजाफा हो जाता है।

 

गर्भावस्‍था के दौरान हर्ब के नुकसान

गर्भावस्था के दौरान कई हर्बल उपचार, हर्बल सप्लीमेंट, हर्बल दवाओं या औषधीय जड़ी-बूटियों आदि का सेवन गर्भवती महिला और गर्भस्‍थ शिशु दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये दवाइयां फार्मेसियों में पाउडर, हर्बल सुई, कैप्सूल या गोलियों के रूप में उपलब्ध होती हैं। गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान खासतौर पर इनसे दूर रहना चाहिए।  सबसे जरूरी बात है कि गर्भावस्था या प्रसव के दौरान किसी भी प्रकार के हर्बल उपचार को करवाने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह जरूर लें।

 

गर्भावस्था के दौरान हर्बल लेने से बचें

गर्भावस्था और प्रसव के दौरान हो सके तो इन जड़ी-बूटीयां से परहेज करें या सावधानी के साथ इनका प्रयोग करें।

  • ऐलोवेरा : ये गर्भपात और जन्म दोष का कारण बन सकता है। दीर्घकालिक जटिलताओं के अलावा पोटेशियम की कमी, हृदय की समस्याओं और मांसपेशियों में कमजोरी को भी बढ़ाता हैं।
  • लौंग : दिल की बीमारियों की जटिलताओं और रक्त के थक्के जमने का कारण हो सकता है।
  • जैस्मीन : गर्भपात या समय से पहले प्रसव का कारण हो सकता है।
  • दाल चीनी : दिल की बीमारियों को जन्म दे सकती है।
  • सौंफ : त्वचा में जलन पैदा कर सकता है।

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  • लहसुन : गर्भाशय संकुचन और गर्भपात की जटिलताओं को जन्म दे सकती है।
  • लेडी मेंटल : इसकी ज्‍यादा खुराक लेने से दिल की बीमारियां के होने का खतरा बढ़ सकता है।
  • हिरन का सींग : ये ऐंठन और मतली जैसी का कारण हो सकती है।
  • दारुहल्दी : निम्न रक्त चाप और भ्रूण संकट का कारण बन सकता है।
  • आर्बर : उल्टी, दौरे, दस्त, अस्थमा और गर्भपात जैसे जटिलताओं के कारण हो सकता है।
  • कड़वे ऑरेंज : स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
  • बेथ जड़ : इससे पेट की समस्‍या हो सकती है, और यह गर्भपात या समय से पहले प्रसव का कारण हो सकता है।
  • एक प्रकार का पुदीना या मेंथा : जड़ी-बूटी दिल और गुर्दे को प्रभावित हो सकती है। यह खून की उल्टी, रक्तचाप और रक्त के थक्के जैसे विकारों को जन्म दे सकता है।
  • अजवायन की पत्ती : गर्भाशय उत्तेजना पैदा करने के लिए, गर्भपात के लिए अग्रणी हो सकता है।


इन हर्बलों को गर्भावस्था के दौरान लेने से बचें।

 

 

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