आज के समय में युवा भी हार्ट संबंधी समस्याओं से ग्रस्त होने लगे हैं। युवाओं में कोरोनरी आर्टरी, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने के साथ ही हार्ट ब्लॉकेज का भी खतरा बढ़ गया है। क्या आपने कभी हार्ट ब्लॉकेज के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको हार्ट ब्लॉकेज से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में बताएंगे। दरअसल, हार्ट ब्लॉकेज ऐसी अवस्था है, जिसमें हृदय रुक रुककर कार्य करता है। इस समस्या में आपके हृदय में मौजूद इलेक्ट्रिकल सिस्टम (Electrical System) प्रभावित होता है। ऐसे में आपके हृदय की गति लगभग 20 सेकेंड देर से धड़कती है। हालांकि यह रोग हार्ट के अन्य रोगों से थोड़ा अलग है। माना जाता है कि जब आपके हृदय की धमनियों की दीवारों में कफ धातु आदि जम जाते हैं तो यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी विषय पर अधिक जानकारी लेने के लिए हमने मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेन्शनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तिलक सुवर्न (Dr. Tilak Suvarna, Senior Interventional Cardiologist, Asian Heart Institute, Mumbai) और पुणे के हेल्दी हार्ट क्लीनिक के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केदार कुलकर्णी (Dr. Kedar Kulkarni, Senior Cardiologist, Healthy Heart Clinic, Pune) से बातचीत की। चलिए जानते हैं हार्ट ब्लॉकेज से जुड़ी सभी जरूरी बातें।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण (Causes of Heart Blockage)
- डॉ. तिलक के मुताबिक हार्ट ब्लॉकेज होने के कई कारण हो सकते हैं।
- हार्ट ब्लॉकेज होने का खतरा डायबिटीज के मरीजों समेत हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रोल आदि से ग्रस्त लोगों को हो सकता है।
- डॉ. तिलक ने बताया कि यह कई बार जन्मजात भी हो सकता है।
- यही नहीं मेंटल स्ट्रेस लेने वाले लोग, मोटापे से ग्रसित व्यक्ति या फिर अधिक स्मोकिंग करने वाले व्यक्तियों में इसका खतरा ज्यादा रहता है।
- वहीं डॉ. केदार कुलकर्णी ने बताया कि शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल जम जाने के कारण ब्लड वेसेल्स का डायमीटर कम होता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज हो सकता है।
हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण (Symptoms of Heart Blockage)
- डॉ. तिलक के अनुसार हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों को देखकर आसानी से पहचाना जा सकता है।
- इस स्थिति में आपकी छाती में दर्द, चलने फिरने में तकलीफ होना आदि हो सकता है।
- इसमें आपको छाती में क्रशिंग पेन यानि छाती में भारीपन सा लगना या फिर छाती में बहुत तेज दर्द या मुड़ने में भी तकलीफ होना आदि शामिल हैं।
- ऐसे में आपको अधिक पसीना आने के साथ ही उल्टी और सांस लेने की कमी भी महसूस हो सकती है।
- वहीं डॉ. केदार ने बताया कि इसके लक्षणों में अधिक थकान होना, सिर चकराना, चलने पर छाती में दर्द, ईसीजी में बदलाव, लेटने पर सांस फूलना आदि भी शामिल है। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक की सलाह लें।
टॉप स्टोरीज़
कैसे होता है इलाज और जांच (Treatment)
1. एंजियोग्राफी (Angiography)
धमनियों के भीतर रक्त परिसंचरण की तस्वीरें निकालने के लिए आपको एंजियोग्राफी कराने की जरूरत पड़ती है। एंजियोग्राफी द्वारा आर्टरी में ब्लकेज होने न होने का पता आसानी से लगाया जा सकता है। कई बार लोकल एनेस्थीसिया का भी सहारा लेना पड़ता है, जिसमें प्रभावित हिस्से को सुन्न करकर उसकी एंजियोग्राफी की जाती है। एंजियोग्राफी में ब्लॉकेज को गिनकर उसकी एंजियोप्लास्टी की जाती है।
इसे भी पढ़ें - मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट में इन 5 तरह के 'नंबर्स' का बढ़ना बताता है दिल की बीमारी का खतरा
2. एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)
डॉ. तिलक और डॉ. केदार ने बताया कि दवाओं से आराम नहीं होने के बाद हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ती है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में हार्ट तक ब्लड पहुंचाने वाली ब्लड वेसेल्स को खोला जाता है।
3. बाई पास सर्जरी (By pass Surgery)
डॉ. केदार कुलकर्णी की मानें तो कुछ मरीजों में बाई पास सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। लेकिन इस सर्जरी की जरूरत बहुत कम मरीजों को ही पड़ती है। वहीं डॉ. तिलक का मानना है कि स्टैटिन्स जैसी कुछ दवाओं के जरिए भी आर्टरीज और हार्ट ब्लॉकेज के साथ ही एंजाइना के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
हार्ट ब्लॉकेज से कैसे करें बचाव (How to Prevent Heart Blockage)
1. एक्सरसाइज करें (Exercise)
डॉ. केदार कुलकर्णी ने बताया कि हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए आपको नियमित व्यायाम करने की जरूरत है। इसके लिए कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइजिज अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करती है। हालांकि नियमित एक्सरसाइज कर हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को कम किया जा सकता है। हालांकि स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज से हार्ट ब्लॉकेज पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। इससे बचाव के लिए रोजाना 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलें साथ ही सूर्य नमस्कार भी करें।
2. लाइफस्टाइल में बदलाव (Change In Lifestyle)
डॉ. तिलक के मुताबिक हार्ट ब्लॉकेज से बचाव के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाना बेहद जरूरी है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप कोलेस्ट्रोल को कम करें। तैलीय पदार्थों से दूर रहें। अधिक देर तक एक ही जगह पर न बैठे रहें। हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करें और सिगरेट पीने की आदत तो जल्द से जल्द छोड़ें। यही नहीं वजन नियंत्रित रखने के साथ ही हाइपरकोलेस्ट्रोमिया और डायबिटीज को भी कम करें। इसलिए हार्ट के मरीजों को अपने लाइफस्टाइल में सुधार लाना काफी जरूरी होता है।
यह लेख चिकित्सक द्वारा प्रमाणित है। हार्ट ब्लॉकेज होने पर सबसे जरूरी है कि अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। लेख में दिए गए लक्षणों से आप इस समस्या की पहचान कर सकते हैं।
Read more Articles on Heart Health in Hindi