Healthcare Heroes Awards 2022 : महामारी में अनाथ हुए 100 बच्चों को गोद लेने वाले जय शर्मा की कहानी

जय शर्मा ने अपने एनजीओ JOY की देखरेख में 100 ऐसे बच्चों को गोद लेने का फैसला किया, जिनके माता-पिता कोविड में मर गए।
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Healthcare Heroes Awards 2022 : महामारी में अनाथ हुए 100 बच्चों को गोद लेने वाले जय शर्मा की कहानी

कैटेगरी: मदर एंड इंफैन्ट केयर (मातृत्व एवं शिशु देखभाल)

परिचय: जस्ट ओपन योरसेल्फ (JOY) नामक एनजीओ के संस्थापक जय शर्मा

योगदान: जय शर्मा ने महामारी के दौरान 100 अनाथ बच्चों को गोद लेने का किया फैसला

नॉमिनेशन का कारण: जय शर्मा और एनजीओ जस्ट ओपन योरसेल्फ ने महामारी के दौरान अनाथ हुए 100 बच्चों को गोद लेने का फैसला लिया है।

jai sharma

कोविड 19 ने विश्व को बुरी तरह से प्रभावित किया और लाखों लोगों की जान इस दौरान चली गई। कोविड का प्रभाव लॉक डाउन के खत्म होने और वैक्सीन आने के बाद भी खत्म नहीं हुआ। बहुत से बच्चे इस दौरान अनाथ हो गए और इनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं बचा। हेल्थ मिनिस्ट्री के डाटा के मुताबिक दोनों लहरों के दौरान कोविड पॉजिटिव मरीजों में 62% से ज्यादा लोग 21 से 50 साल की उम्र के बीच थे। कोरोना की तीनों लहरों के दौरान लोगों की बड़ी संख्या में मृत्यु हुई जिसके कारण बहुत सारे बच्चों ने अपने मां-बाप को खो दिया और अनाथ हो गए।

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जय शर्मा कर रहे थे लोगों की मदद

देहरादून के समाज सेवी जय शर्मा और उनके एनजीओ जिसका नाम जस्ट ओपन योरसेल्फ (JOY) है, ने महामारी के दौरान लोगों को जरूरत की चीजें मुहैया करवाने के लिए दिन रात बिना थके काम किया है। ये ऑक्सीजन सिलेंडर, मेडिकल इक्विपमेंट, मेडिकल किट लोगों में वितरित करते थे।

joy ngo

इस दौरान जय शर्मा दूसरी लहर की शुरुआत में ऐसे 5 परिवारों के पास गए जिनमें बच्चे अनाथ हो गए थे। क्योंकि उनके माता पिता का कोविड के कारण देहांत हो गया था। इसलिए जय ने इन बच्चों को गोद लेने के बारे में सोचा। इनका उद्देश्य जब तक यह बच्चे खुद के पैरों पर खड़े नहीं हो जाते तब तक इनका पालन पोषण करना था। इस एनजीओ ने ऐसे बच्चों के लिए खाना, दवाई और पैसों की व्यवस्था की। इस एनजीओ ने अब तक ऐसे 20 अनाथ बच्चों को गोद लिया। जैसे ही दूसरी लहर के दौरान केस बढ़ना शुरू हुए तो जय ने इन गोद लेने वाले बच्चों की संख्या 50 तक करने का टारगेट रखा। लेकिन इस दौरान इन्होंने दूर-दराज के इलाकों से 100 बच्चों को गोद लेने का निर्णय बनाया।

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दुर्भाग्यवश इस दौरान केस अधिक बढ़ रहे थे और मृत्यु भी अधिक हो रही थी तो जय ने सोचा कि ऐसे अनाथ होने वाले बच्चों की संख्या अभी और बढ़ेगी। जॉय की टीम काफी गांवों के ग्राम प्रधानों से मिली और इनको बोला कि अगर ऐसे बच्चों का पता चले तो उन्हें जरूर सूचना दें। ऐसा काम इन्होंने उत्तराखंड के कुछ दूर के गांवों के लिए भी किया।

जय का कहना है कि वह बहुत भाग्यशाली थे कि वे एक ऐसे समाज में रह सके जहां रहने वाले लोग काफी उदार थे। इन्होंने बड़े होने के बाद इसी उदार कार्य को आगे बढ़ाने की पहल की। इस दौरान ही इन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य खोजा और जॉय नामक एनजीओ की स्थापना की। जॉय ने क्लीन अप ड्राइव्स, अवेयरनेस कैंप, पौधा रोपण, बच्चों में गर्म कपड़े बांटना और उन्हें खाना खिलाने जैसे काम किए।

अगर जय शर्मा और उनके इस काम ने आपको थोड़ा सा भी प्रेरित किया है तो इनके लिए वोट जरूर दें। जानिए कैसे आप हेल्थ केयर हीरोज अवार्ड के लिए वोट कर सकते हैं।

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