
गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें महिलाओं को अपनी डाइट का विशेष ख्याल रखना होता है। क्योंकि इस वक्त में वे जो खा रही होती हैं उसका सीध असर शिशु के विकास पर पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के मन में सवाल होता है कि सूखे मेवे खा सकते हैं या नहीं। तो पिस्ता जैसे सूखे मेवे को लेकर भी उनके मन में कई सवाल व शंकाएं होती हैं। प्रेगनेंसी में पिस्ता नुकसान तो नहीं करेगा? सही फायदा लेने के लिए कितनी मात्रा में पिस्ता खाना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर ने दिए।
क्या प्रेग्नेंसी में पिस्ता खा सकते हैं?
इस सवाल के जवाब में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में सही मात्रा में पिस्ता खाने से कोई नुकसान नहीं होता है। गर्भावस्था में पिस्ता खाना पूरी तरह से सुरक्षित है। (Pistachios are safe to eat during pregnancy). पर ध्यान रहे कि इन्हें ज्यादा मात्रा में न खाएं। ज्यादा मात्रा में खाने से कई साइड इफैक्ट हो सकते हैं।
न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि आमतौर पर एक मुट्ठी पिस्ता खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन गर्भावस्था में बादाम, अखरोट आदि मिलाकर 28 ग्राम पिस्ता खाया जा सकता है। पर ध्यान रहे कि केवल पिस्ता ही न खाएं इसमें अन्य ड्राई फ्रूट्स भी जोड़ लें।
पिस्ता की न्यूट्रीशनल वैल्यू?
न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि पिस्ता को अगर सही मात्रा में खाया जाए तो यह गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत अधिक लाभदायक है। इन्हें संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, हेल्दी फैट्स, प्रोटीन, आयरन, फोलेट, पोटैशियम, कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स आदि से भरपूर होते हैं। यह सभी न्यूट्रीशन गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए बहुत अधिक लाभदायक होते हैं।
प्रेग्नेंसी में पिस्ता खाने के फायदे
पिस्ता विटामिन, मिरनल, प्रोटीन आदि गुणों से भरे होते हैं। इन्हें खाने से भ्रूण और गर्भवती महिला दोनों को फायदा मिलता है। गर्भास्था में पिस्ता खाने से निम्न फायदे होते हैं-
खून की कमी होती है दूर
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को खून की कमी हो जाती है। जो महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं होती हैं, उनमें भी खून की कमी होती है। महिलाओं में एनीमिया एक आम परेशानी है। न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि प्रेग्नेसी में एनीमिया की परेशानी को पिस्ता दूर करता है। पिस्ता में आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन करने में मददगार होता है। इस कारण पिस्ता खाने से प्रेग्नेंट महिलाओं में खून की कमी की समस्या दूर होती है।
कब्ज की परेशानी को करे दूर
प्रेग्नेंसी में कब्ज एक आम परेशानी है। आमतौर पर कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में कब्ज होने पर इनो नहीं पीना चाहिए। लेकिन इस पर विशेषज्ञों की राय अलग है। प्रेग्नेंसी में कब्ज की परेशानी न हो, उसके लिए जरूरी है कि आप दिन में गर्भावस्था में बादाम, अखरोट आदि मिलाकर 28 ग्राम पिस्ता खाएं। पिस्ता में फाइबर होता है जो कांस्टीपेशन को कम करता है।
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शिशु के विकास में लाभकारी
गर्भावस्था में मां को जो भी खाना होता है, वह शिशु के विकास को ध्यान में रखकर खाती है। प्रेग्नेंसी में पिस्ता खाने से शिशु का विकास ठीक से होता है। न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि पिस्ता में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होते हैं जो शिशु के ब्रेन के विकास में लाभकारी होते हैं।
मधुमेह और ब्लड प्रेशर रखे नियंत्रित
जिन महिलाओं को मधुमेह की समस्या है या ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा रहता है, तो उनके लिए भी पिस्ता लाभकारी है। न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि कच्चा पिस्ता खाने से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर दोनों कंट्रोल रहते हैं। पिस्ता डायबिटीज में लाभकारी है।
इम्युनिटी बू्स्टर
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की इम्युनिटी कमजोर न हो और कमजोर इम्युनिटी की वजह से उन्हें अन्य बीमारियां न हों, तो उसके लिए भी पिस्ता लाभकारी है। दरअसल पिस्ता में विटामिन ई और कॉपर होता है जो इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है। रोजाना गर्भावस्था में बादाम, अखरोट आदि मिलाकर 28 ग्राम पिस्ता खाने से इम्युनिटी तेजी से बूस्ट होती है।
वजन रखे नियंत्रित
गर्भावस्था में कम वजन होना या ज्यादा वजन होना, दोनों ही नुकसानदाक हैं। कम वजन होने से शिशु का भी वजन कम होगा, लेकिन अधिक वजन होने से मोटापा बढ़ेगा और मोटापे के साथ अन्य बीमारियां भी आएंगी। लेकिन पिस्ता वजन को नियंत्रित रखने का काम करता है।
दिल के लिए फायदेमंमद
पिस्ता खाने से गर्भवती महिलाओं में हृदय रोगों का खतरा कम हो जाती है। साथ ही यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है।
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डाइट में ऐसे शामिल करें पिस्ता
आप अपनी डाइट में पिस्ता को कई तरीकों से शामिल कर सकती हैं। रोजाना एक ही तरह से पिस्ता खाने से अगर आपको बोरियत होने लगी है तो आप न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर के बताए तरीकों से अपनी डाइट में पिस्ता शामिल कर सकती हैं। न्यूट्रीशनिस्ट का कहना है कि आप कच्चा पिस्ता का चूरा बनाकर या ददी में डालकर खा सकती हैं। आप पिस्ता का मिल्कशेक भी बना सकती हैं। पाउडर किया हुआ पिस्ता आप कई रेसिपीज में प्रयोग में लाया जा सकता है। आप पिस्ता को रात भर पानी में भिगोकर रख सकते हैं और सुबह दूध के साथ खा सकते हैं। प्रेग्नेंसी में आप जब भी अपनी डाइट में बदलाव करें तो अपनी डॉक्टर की सलाह ले लें।
पिस्ता खाने के नुकसान
न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि रोजाना ज्यादा मात्रा में पिस्ता खाने से निम्न परेशानियां होती हैं।
- ज्यादा मात्रा में पिस्ता खाने से पाचन संबंधी परेशानियां जैसे डायरिया, अफरा, गैस आदि कि परेशानी हो सकती है। साथ ही एब्डोमिनल पेन की समस्या भी हो सकती है।
- ध्यान रहे कि आप नमकीन पिस्ता न खाएं, क्योंकि उन्हें खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
प्रेग्नेंसी में पिस्ता बहुत लाभकारी है। लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान आप जरूरत से ज्यादा पिस्ता न खाएं। जरूरत से ज्यादा पिस्ता खाने से पेट से संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। साथ ही प्रेग्नेंसी में अपनी डाइट का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि आपके खानपान शिशु का विकास जुड़ा है। आ जब भी अपनी डाइट में बदलाव करें तो अपने डायटीशियन से एक बार सलाह जरूर ले लें। साथ ही किसी भी चीज का सेवन जरूरत से ज्यााद न करें। सही मात्रा में पिस्ता खाने से गर्भवती महिला को अनेक लाभ मिलते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में खाने से नुकसान होते हैं।
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