
जो भी साधक मेडिटेशन की शुरूआत करना चाहते हैं वे रेस्टोरेटिव योग से शुरू कर सकते हैं। यह ध्यान का सबसे अच्छा योग है। इसके अंदर हम शरीर को एक आरामदायक स्थिति में लाते हैं। रेस्टोरेटिव योग के अंदर हम शरीर को आरामदायक स्थिति में रखते हुए आसनों का अभ्यास करते हैं। यह एक योग थैरेपी की तरह काम करता है। यह योग हमारे मन को शांत रखता है। रेस्टोरेटिव योग में हम उन आसनों का अभ्यास करते हैं जिनसे मानसिक शांति मिलती है। योग के उपकरण की सहायता से शरीर को आरामदायक स्थिति में लाकर करीबन 10-12 मिनट तक एक आसन को लगाते हैं। सारा ध्यान अपने मन को शांत करने में, अपनी सांसों पर और अपने अंतर्मन पर लगाते हैं। इसे रेस्टोरेटिव योग कहते हैं। कौशल योग स्टूडियो में योग शिक्षक दिव्यांश शर्मा से हम जानते हैं कि रेस्टोरेटिव योग करना कैसे है और इसे करने से शरीर को अन्य क्या फायदे हैं।
रेस्टोरेटिव योग के फायदे
मानसिक शांति
यह योग मानसिक शांति को बनाता है। यह ध्यान लगाने का सबसे अच्छा है। जैसे कि आमतौर पर होता है कि एक साधक मेडिटेशन जब शुरू करता है तब उसके मन में अनेक सोच विचार आते हैं। कई बार साधक बहुत देर तक एक आसन में नहीं बैठ पाता है। मन विचलित रहता है। निद्रा या तंद्रा में पड़ जाता है। रेस्टोरेटिव योग करते वक्त इन सब समस्याओं से निजात मिलती है। जिससे मानसिक शांति भी मिलती है। यह आसन तनाव और मानसकि अवसाद को कम करता है।
अपने आप से जुड़ना
इस योग को करने से हम अपने आप से जुड़ना सीखते हैं। हम जैसे हैं वैसे ही हम खुद को स्वीकार करते हैं।
फेफड़ों को फायदा
इस आसन को करने से फेफड़ों को फायदा मिलता है। क्योंकि इस आसन में सांसों का अभ्यास करना पड़ता है उतने फेफड़े मजबूत होते हैं। उतना ही हृदय ठीक से काम करता है। शरीर पर अच्छा प्रभाव आता है।
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पाचन को करे दुरुस्त
यह योग पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करता है। जैसा कि हम जानते हैं कि तनाव होने पर पेट संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। ऐसे में रेस्टोरेटिव योग तनाव को दूर करता है और पाचन को भी दुरुस्त करता है।
अनिद्रा करे दूर
जिन लोगों को अनिद्रा या देर से नींद की शिकायत है उनके लिए भी यह योग फायदेमंद है। इसे करने से नींद अच्छी आती है। यह योग हमारे नर्वस सिस्टम को संतुलित करता है जिससे हमारी निद्रा अच्छी होती है। तनाव दूर होता है और नींद अच्छी आती है। यह योग हमारे मूड को ठीक करता है। दिन प्रतिदिन की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
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दर्द से राहत
यह योग करने से लंबे समय से होने वाले दर्द दूर हो सकते हैं। जैसे कि घुटनों का दर्द, सिर का दर्द और कमर का दर्द आदि। जब हम जागते हुए अपने शरीर को रिलैक्स करते हैं तब शरीर रिपेयरिंग ठीक से करता है। जब हमारा सारा ध्यान मन पर रखते हैं तब शरीर में यह दिक्कतें दूर होती हैं। इस आसन को सभी लोग कर सकते हैं।
रेस्टोरेटिव योग करने के तरीके
रेस्टोरेटिव योग में हम शरीर को आरामदायक रखते हुए बैठे जाने वाले, पेट के बल लेटे जाने वाले और पीठ के बल भी लेटे जाने वाले आसनों का अभ्यास किया जाता है। तो यहां हम आपको लेटकर किए जाने वाले दो आसन मतस्य आसन की विधि बता रहे हैं।
मतस्यासन की विधि
- पीठ के बल लेट जाएं।
- चेस्ट के नीचे या फिर हमारे बैक के नीचे किसी तकिया को रखें।
- अपने सिर के नीचे तकिया को रखें। इसे प्रकार रखें कि गर्दन में कोई दर्द न हो।
- हाथों को शरीर से दूर रखते हुए लगभग कंधे के बराबर रखें।
- इस आसन में आ जाते हैं। पर यह ध्यान रखना है कि शरीर में कहीं भी कोई खिंचाव या तनाव न रहे।
- अगर आपको कोई खिंचाव या तनाव महसूस हो रहा है तो आप अपने शरीर को किसी तकिया की मदद से और आरामदायक बना लें।
- अब सारा ध्यान अपनी सांसों पर रखें और मन को शांत करने की कोशिश करें।
- इस प्रकार आप 10-12 मिनट तक इस आसन में विश्राम करें। परंतु सारा ध्यान यो तो अपनी सांसों पर रखें या किसी यौगिक संकेत पर ध्यान लगा लें।
सावधानी
चूंकि हम किसी आसन को बहुत लंबे समय तक कर रहे हैं तो शरीर में कोई खिंचाव या तनाव न आए। अगर शरीर आरामदायक नहीं रहेगा तो शरीर में दर्द या तनाव आ सकता है। इसलिए इसे आरामदायक स्थिति में रखें।
रेस्टोरेविट योग में मत्यासन आता है। ऐसे में रेस्टोरेटिव योग करने से मानसिक और शारिरिक शांति मिलती है। इसे रोज किया जा सकता है।
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