आज राजनीतिक-सामाजिक उपवासों को अनशन का नाम दिया गया है। जिनका उद्देश्य जनता को इकट्ठा करना, प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर प्रश्न चिन्ह लगाना होता है। जैसे अन्ना हजारे द्वारा किया जाने वाला अनशन चल रहा है। अनशन से स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है क्योंकि अनशन का समय तय नहीं होता और यह एक-दो दिन से लेकर एकाध महीने तक हो सकता है। अनशन कई बातों में उपवास जैसा होता है। कुछ निर्जल उपवास होते हैं। इनमें दिनभर न तो कुछ खाया जाता है और न जल पिया जाता है। स्वास्थ्य लाभ को ध्यान में रखकर भी अनशन किए जाते है जैसे- स्वास्थ्य लाभ के लिए अनशन, तंदरूस्ती के लिए अनशन। उपवास करने वाले लोगों को कम खाने की आदत होनी चाहिए जिससे उन्हें उपवास के समय बहुत ज्यादा विचलित न होना पड़े। बहरहाल, आइए जानें अनशन के स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
- आमतौर पर अनशन शारीरिक स्थिति एवं रोग के अनुसार दो-तीन दिन से लेकर निरन्तर दो मास तक किया जा सकता हैं।
- अनशन करने वाले व्यक्ति की श्वासोच्छवास विकार दूर होकर बाधा रहित हो जाता है।
- अनशन के जरिए स्वाद ग्रहण करने वाली ग्रंथियां पुन: सक्रिय होकर काम करने लगती हैं।
- उपवास के माध्यम से आप अपने आत्मविश्वास को इतना बढ़ा सकते हैं कि आप अपने शरीर, जीवन पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं, यहां तक की अपनी भावनाओं को, गुस्से़ इत्यादि को भी।
- अनशन के जरिए मेटाबॉलिज्म का स्तर सामान्य हो जाता है।
- अनशन से शरीर के विषैले तत्वों को नष्ट करने या शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है। ये विषैले तत्व शरीर से थूक, पसीना, उल्टियां, कभी-कभी दस्त के रूप में बाहर निकालते हैं। जिसके परिणामस्वरूप सांसों से बदबू आने लगती है। कई लोगों को उल्टियां आने लगती हैं।
- मोटापा बढ़ाने वाले फैट सेल्स, आर्टरी में जमा वसा के थक्के इत्यादि को अनशन से ठीक किया जा सकता है।
- अनशन से मन शांत होता है और तनाव कोसों दूर रहता है।
- अनशन के दौरान शुद्ध वायु और शुद्ध जल का उपयोग करना चाहिए। हवा में गहरी सांस लेने से रक्त में पहले से उपस्थित विषैले तत्व दूर होते हैं।
- अनशन के दौरान शरीर में कुछ अपाच्य खाघ पदार्थ नहीं जाता जिससे रक्त शुद्ध हो जाता है।
- अनशन के समय धूप-स्नान से शरीर को अनेक विटामिन मिलते हैं तथा रोगों के कीटाणु नष्ट होते हैं।
- अनशन के दौरान अधिक पानी पीने से शरीर में मौजूद गंदगी मूत्र विसर्जन के माध्यम से बाहर निकल जाती है।
- अनशन करने वाला व्यक्ति यदि किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं या किसी बीमारी के लंबे इलाज को ले रहे हैं तो चिकित्सक की सलाह लिए बिना अनशन नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज के रोगियों, गर्भवती महिलाओं इत्यादि को अधिक दिन तक अनशन नहीं करना चाहिए और अपनी शारीरिक सामर्थ्य के बाहर तो बिल्कुल भी नहीं।
- दरअसल,शरीर को स्वस्थ रहने के लिए निश्चित मात्रा में प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेड तथा अन्य जरूरी तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि अनशन के दिनों में मनुष्य के शरीर को यह नहीं मिलेगा तो व्यक्ति थकावट आदि महसूस करने लगेगा। इसीलिए कुछ खास वर्ग के लोगों जो किसी बीमारी से पीडि़त हो या फिर उम्रदराज हो उन्हें अनशन करने से बचना चाहिए।
- उपवास काल में एवं लम्बे उपवास को तोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए। अनशन तोड़ते समय नींबू पानी या संतरे-मौसमी का जूस पीना लाभकारी होता है। अनशन तोड़ने के बाद तुरंत खाना ना खाकर अनशन के समय के चौथाई समय तक फलाहार करना चाहिए, ये स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
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स्वास्थ्य पर अनशन का असर
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