
Durva Grass Benefits In Hindi: भारत में दूर्वा घास को बहुत पवित्र माना जाता है। इसे दूब घास के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश की पूजा में इसका विशेष उपयोग होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है? दूर्वा घास कई पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सोडियम, एसिटिक एसिड, एल्कलॉइड और ग्लूकोसाइड जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबिल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण भी मौजूद होते है। यह प्रकृति में शीतल, स्वाद में मीठी और पचने में हल्की होती है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह घास बहुत फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका प्रयोग कई समस्याओं का उपचार करने के लिए किया जाता है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने तक में फायदेमंद मानी जाती है। यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देती है, जिससे कई गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है। आज इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्स्क डॉ. रितु चड्ढा से विस्तार से जानेंगे दूर्वा घास के फायदे और प्रयोग का तरीका -
दूर्वा (दूब) घास के फायदे - Benefits Of Durva Grass In Hindi
इम्यूनिटी बूस्ट करे
शरीर को स्वस्थ और बीमारियों से दूर रखने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। दूर्वा घास का इस्तेमाल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। इसमें एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
कब्ज से राहत दिलाए
पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में दूर्वा घास बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इसके जूस का खाली पेट सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से मल त्यागने में आसानी होती है और कब्ज से राहत मिलती है।
डायबिटीज में फायदेमंद
दूर्वा घास में साइनोडोन डेक्टाइलोन नामक यौगिक होता है। इसका हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। सुबह खाली पेट दूर्वा के जूस को नीम के जूस के साथ लेने से मधुमेह संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। यह इंसुलिन स्पाइक को रोकने में भी सहायक हो सकता है।
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त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करे
दूर्वा घास में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह त्वचा से जुड़ी कई तरह की समस्याओं, जैसे- खुजली, जलन और रैशेज आदि को दूर करने में प्रभावी होती है। इसका उपयोग एक्जिमा, सोरायसिस और फंगल संक्रमण के इलाज के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके लिए दूर्वा के रस में चुटकीभर हल्दी मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
वजन घटाने में मददगार
डॉ. रितु चड्ढा के अनुसार, दूर्वा घास वजन घटाने में काफी मदद कर सकती है। इसके लिए आप दुर्वा घास को एक चम्मच जीरा, 4-5 काली मिर्च और थोड़ी सी दालचीनी के साथ पीस लें। फिर इसको छान लें और छाछ या नारियल पानी के साथ दिन में दो बार इसका सेवन करें। इसके नियमित सेवन से मोटापे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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दूर्वा (दूब) घास का उपयोग कैसे करें? - Durva Grass Uses In Hindi
दूर्वा घास का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। आप दूर्वा का रस बनाकर रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, दूर्वा घास को सुखाकर पाउडर बनाया जा सकता है। इस चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर या पानी के साथ लिया जा सकता है। त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप प्रभावित स्थान पर दूर्वा का लेप लगा सकते हैं।