अमृतधारा दूर करती है सेहत से जुड़ी कई समस्याएं, जानें घर में बनाने का तरीका

Benefits Of Amritdhara: अमृतधारा का इस्तेमाल कई तरह की समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। जानें घर पर अमृतधारा कैसे बनाएं -

Priya Mishra
Written by: Priya MishraUpdated at: Apr 26, 2023 10:00 IST
अमृतधारा दूर करती है सेहत से जुड़ी कई समस्याएं, जानें घर में बनाने का तरीका

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Benefits Of Amritdhara In Hindi: आयुर्वेद में अमृतधारा का उपयोग कई समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। साधारण सी दिखने वाली यह औषधि सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें मौजूद औषधीय गुण कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। प्राचीन समय से ही इसका इस्तेमाल सिर में दर्द, सर्दी, दांत में दर्द, हिचकी, उल्टी, डायरिया, इर्रिटेबल बाउल मूवमेंट और अन्य कई बीमारियों के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जाता रहा है। अमृतधारा को अजवायन, पुदीना और कपूर को मिलाकर बनाया जाता है। आजकल आयुर्वेदिक दुकानों या ऑनलाइन भी अमृतधारा आसानी से मिल जाती है। लेकिन आप चाहें तो इसे आसानी से घर पर ही बना सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको अमृतधारा के फायदे और इसे बनाने की विधि बता रहे हैं -

अमृत धारा के फायदे - Benefits Of Amritdhara In Hindi

पेट में दर्द

अमृतधारा में एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र की मांसपेशियों को आराम देने और पेट की ऐंठन को कम करने में मदद कर सकते हैं। अगर आपको पेट में दर्द हो रहा है, तो इसकी 3-4 बूंदों को पानी में डालकर पी जाएं। यह पेट में गैस, उल्टी और अपच आदि समस्याओं में भी काफी लाभकारी है।

Amritdhara-Benefits-Recipes

सिर दर्द

सिर दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए आप अमृतधारा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मेंथॉल होता है, जो दर्द को कम करने के साथ ही कूलिंग इफेक्ट भी देता है। सिर दर्द होने पर अमृतधारा की 2-3 बूंदों को माथे पर लगाकर थोड़ी देर मालिश करें। कुछ ही देर में आपको आराम मिल जाएगा।

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चोट या घाव 

अमृतधारा में एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण को रोकने और घाव को जल्दी भरने में मदद कर सकते हैं। चोट लगने या जलने पर अमृतधारा का इस्तेमाल करने से दर्द और सूजन से जल्द राहत मिल सकती है। इसके लिए कॉटन पैड में अमृतधारा की 2-3 बूंदें डालकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।

सर्दी-खांसी 

सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या में अमृतधारा का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें डिकंजेस्टेंट गुण होते हैं, जो साइनस को साफ करने और कफ को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके लिए आप गर्म पानी में अमृतधारा की 5-6 बूंदें और एक चुटकी नमक मिलाकर गरारे करें। इस प्रक्रिया को आप दिन में 2 से 3 बार दोहरा सकते हैं।

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दस्त

अमृतधारा दस्त को ठीक करने में मदद कर सकती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। यह आंत में सूजन को कम करने और पाचन में सुधार करने में भी मदद कर सकती है। एक चम्मच प्याज के रस में अमृतधारा की 5-7 बूंदों को  मिलाकर लेने से दस्त ठीक हो सकते हैं।

अमृतधारा घर पर कैसे बनाएं? - How To Make Amritdhara At Home In Hindi

घर पर अमृतधारा बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले एक कांच की बोतल को गर्म पानी से धोकर अच्छी तरह सुखा लें। अब इसमें 10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम पिपरमिंट (पुदीना का सत) और 10 ग्राम अजवाइन के फूल डालें। इसके बाद बोतल को अच्छी तरह से बंद करके हिलाएं। थोड़ी देर बाद आप देखेंगे कि ये सारी सामग्री पिघल चुकी है। बस आपकी अमृतधारा उपयोग के लिए तैयार है।

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