आदतें, जो आपको बनाती हैं गठिया या अर्थराइटिस का मरीज। अर्थराइटिस क्या है (What is arthritis)? गठिया को अंग्रेजी में अर्थराइटिस कहा जाता है। जोड़ों में होने वाली सूजन को अर्थराइटिस कहते हैं। अर्थराइटिस होने पर जोड़ों में सूजन, शरीर के किसी हिस्से में दर्द की समस्या होने लगती है। अर्थराइटिस जोडो़ं और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। अर्थराइटिस होने पर व्यक्ति के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है, इसका उनके संपूर्ण स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
आयुर्वेद के अनुसार गठिया को वातरक्त कहा जाता है। यह एक लाइफस्टाइल डिसीज है, अगर इस समस्या से बचना है तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। अकसर लोग अपनी जीवनशैली में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे वे अर्थराइटिस के मरीज बन सकते हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको करने से बचना चाहिए। अर्थराइटिस से बचने के लिए बैठने, चलने के तरीके में सुधार करना बहुत जरूरी होता है। साथ ही इसके लिए स्वस्थ आहार का ही सेवन करना चाहिए। चलिए जानते हैं कौन-सी गलतियां आपको बनाती हैं, गठिया या अर्थराइटिस का मरीज-
1. थंब टेक्स्टिंग (thumb texting)
अगर आप अपने अंगूठे से टेक्स्ट करते हैं, तो इस आदत को आज ही छोड़ दें। क्योंकि थंब टेक्स्टिंग से आपके हाथों के जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। अंगूठे से फोन चलाने की वजह से हाथों के जोड़ों पर जोर पड़ता है, खासकर अंगूठे पर। हाथ की तुलना में रोजमर्रा के कामों को करने के लिए अंगूठे की अधिक जरूरत पड़ती है, इसलिए इसे अच्छे काम करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। थंब से ही नहीं, बल्कि आपको टेक्स्ट करने से ही बचना चाहिए। इसकी जगह आप वॉइस फंक्शन का उपयोग कर सकते हैं। टेक्स्टिंग करने से कंधे, गर्दन के खराब होने की संभावना भी रहती है। लंबे समय तक लगातार टाइपिंग करने से आप अर्थराइटिस या गठिया के मरीज बन सकते हैं।
इसे भी पढ़ें - लड़कियों को क्यों रहता है अर्थराइटिस का ज्यादा खतरा? डॉक्टर से जानें अर्थराइटिस के सभी प्रकार और उनके लक्षण
टॉप स्टोरीज़
2. हाई हील्स पहनना (High Heels)
हाई हील्स पहनना भी आपको अर्थराइटिस का मरीज बना सकता है, इसलिए जितना संभव हो आपको इससे बचना चाहिए। दरअसल, हाई हील पहनने से पैरों, घुटनों और पीठ पर दबाव पड़ता है, जिससे जोडो़ं में दर्द हो सकता है। हाई हील्स पैरों को एक अलग स्थिति में रखता है, जिससे जोडो़ं पर जोर पड़ता है और मांसपेशियों में तनाव आता है। हील्स पहनने से जांघ की मांसपेशियां घुटनों काे सीधा रखने के लिए अधिक मेहनत करती हैं, जिससे अर्थराइटिस होने की संभावना अधिक रहती है। जो महिलाएं रोज हील्स पहनती हैं, उनमें ऑस्टियाे अर्थराइटिस और पैराें में दर्द हाेने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए इससे बचने के लिए आपकाे फ्लैट सैंडल या जूते पहनने चाहिए। हाई हील्स पीठ और पैराें में दर्द का कारण बनता है।
3. उंगुलियाें काे चटकाना (Clicking fingers)
उंगुलियाें काे चटकाने की आदत भी अर्थराइटिस काे न्यौता दे सकती है। यह एक बहुत बुरी आदत हाेती है। उंगुलियाें काे चटकाने पर इसकी आवाज स्नायुबंधन से उत्पन्न हाेती है, जाे हड्डियाें और जाेड़ाें के आस-पास फटने वाले तरल बुलबुले से टकराती है। ऐसा करने से हाथाें में सूजन हाे सकती है, इससे उंगुलियां कमजाेर पड़ सकती है। हाथाें की मांसपेशियाें काे मजबूत बनाने के लिए आप इस आदत काे छाेड़ें और स्ट्रेस बाल काे दबाएं। उंगुलियां चटकाना नुकसानदायक हाेता है।
4. भारी बैग ले जाना (Heavy bag weight)
भारी बैग टांगना या पीठ पर भार उठाना आपकाे अर्थराइटिस या गठिया का मरीज बना सकता है। इससे गर्दन, कंधाें और पीठ पर अधिक तनाव और खिंचाव पड़ता है। जब आप भार उठाते हैं, ताे इससे संतुलन बनाने और चलने का तरीका भी प्रभावित हाेता है। कई लाेग बैग काे सिर्फ एक तरफ कर लेते हैं, इससे उस तरफ की मांसपेशियाें और जाेड़ाें पर जाेर पड़ता है, जिससे उनमें तनाव और दर्द महसूस हाेता है। इससे बचने के लिए हल्का वजन उठाएं। अनावश्यक चीजाें काे बैग में न रखें और जरूरी सामना काे ही अपने साथ ले जाएं।
5. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करना
कई लोग रोजाना धूम्रपान और तंबाकू जैसे पदार्थों का सेवन करते हैं। ये पदार्थ स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं। सिगरेट में निकोटीन होता है, जो रीढ़ की हड्डी, ऊतकों और डिस्क में रक्त के प्रवाह को कम करता है। वही दूसरी तरफ तंबाकू का सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन प्रभावित होता है। महिलाओं को अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए एस्ट्रोजन हॉर्मोन की जरूरत होती है। धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने से हड्डियां कमजोर बनती हैं।
6. खराब पोश्चर में बैठना (Bad posture)
खराब पोश्चर में बैठना हमेशा ही गलत होता है, खराब पोश्चर रीढ़ की हड्डी का संतुलन बिगाड़ देता है। इतना ही नहीं खराब पोश्चर में बैठने से मांसपेशियों और जोडो़ं पर तनाव भी बढ़ जाता है। खराब पोश्चर अर्थराइटिस होने का सबसे प्रमुख कारण होता है। कभी भी झुककर न बैठें, इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है। हमेशा अपने कंधों को पीछे करके, सिर को ऊंचा करके खड़े हो जाएं। साथ ही पेट की मांसपेशियों को कस लें और कोर को मजबूत बना लें। अगर आप डेस्क पर काम करते हैं, तो अपने लिए एक अच्छा सेटअप बना लें और कमर को सीधा करके बैठें।
इसे भी पढ़ें - Arthritis Day: रीढ़ की हड्डी को कैसे प्रभावित करता है अर्थराइटिस? जानें स्पाइन को इस रोग से बचाने के 7 उपाय
7. कंप्यूटर पर देर तक बैठे रहना (Computer Work)
कंप्यूटर पर देर तक बैठे रहना भी अर्थराइटिस का एक कारण हो सकता है। इसलिए अगर आप सीटिंग या कंप्यूटर वर्क करते हैं, तो इस स्थिति में आपको बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए। ब्रेक लेने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और मांसपेशियां तनाव का शिकार नहीं होती है, जिससे अर्थराइटिस से बचा जा सकता है। कंप्यूटर पर लंबे समय तक बैठे रहने से गर्दन, कलाई, कोहनी, कंधे और पीठ में दर्द हो सकता है, इसलिए आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। इससे जोड़ों में दर्द नहीं होगा, मांसपेशियों को आराम मिलेगा।
अगर आप भी अर्थराइटिस से बचना चाहते हैं, तो आपको रोजमर्रा की इन गलतियों को करने से बचना चाहिए। क्योंकि रोज इन गलत आदतों को अपनाकर अर्थराइटिस के मरीज बन सकते हैं। अर्थराइटिस सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकता है, इसलिए इसके लक्षणाें काे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपकाे जाेड़ों में दर्द की शिकायत हाे, ताे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इसकी जांच करवाएं। जाेड़ाें में दर्द हाेना ही अर्थराइटिस का शुरुआती लक्षण हाेता है।