Habits of mentally weak people : आज के दौर में व्यक्ति को काम और जिम्मेदारियों का बोझ इतना है कि वह खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाता है। हमारा मानसिक स्वास्थ्य काफी हद तक हमारी रोजाना आदतों से प्रभावित होता है। हम लोगों की कुछ गलत आदतें मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ही खराब होती हैं। जैसे की बाहर का खाना खाने से आपको मोटापे, कोलेस्ट्रोल और हार्ट डिजीज का खतरा होता है। इसी तरह हमारी गलत आदतें शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को खराब करने का कार्य करती हैं। इसकी वजह से लोगों को तनाव, चिंता व अवसाद होने की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों में अक्सर देखने को मिलती हैं।
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों में होती हैं ये आदतें
हार को आसानी से मान लेना
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति किसी भी मुश्किल कार्य को करने से पहले ही हार मान लेते हैं। उनके आत्मविश्वास में कमी के चलते वह नए व जोखिम भरे काम को करने से डरते हैं। इसके अलावा कभी मौका मिले तो भी उस काम को करने से पहले ही मना कर देते हैं।
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पुरानी यादों में डूबे रहना
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति पुरानी यादों में डूब रहते हैं। वह लोग अपनी जिंदगी के खराब पलों के बारे में सोचते रहते हैं और भविष्य पर फोकस नहीं कर पातें। साथ ही वह भविष्य के लिए कोई योजना भी बनाना पसंद नहीं करते हैं। साथ ही उनको तनाव रहने लगता है।
आत्मविश्वास में कमीं
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों का आत्मविश्वास बेहद कम होता है। उनको किसी भी काम को करने में परेशानी होती है। साथ ही वह अपनी क्षमताओं पर भी संदेह करने लगते हैं। ऐसे लोगों को नया काम करने में परेशानी आती है।
कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आते
ऐसे व्यक्ति को अपने कंफर्ट जोन से बाहर आने में परेशानी होती है। मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति अपने को एक सीमित दायरे में बांध लेते हैं और उससे बाहर निकलने का प्रयास नहीं करते हैं। साथ ही वह लोगोंं से मिलने में भी डरते हैं।
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किसी भी गलती के लिए खुद को दोषी समझना
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति किसी भी गलती के लिए खुद को ही दोषी समझने लगते हैं। इस वजह से भी वह नए काम को करने से घबराते हैं। साथ ही वह ऑफिस या घर के आसपास नए लोगों से बात करने से कतराते हैं। साथ ही मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को अकेले रहना ज्यादा पसंद होता है।
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को अपनी आदतों में बदलाव करना चाहिए। लोगों के साथ मिलना जुलना व हर कार्य में अपना सहयोग देने से उनके अंदर आत्मविश्वास आता है।
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