डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका मतलब है, मीठा खाना बंद और खानपान में बेहद सावधानी और सर्तकता। क्योंकि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे समय पर सावधानी के साथ कंट्रोल न किया जाए, तो स्थिति बदतर हो सकती है और शरीर के अन्य अंगो पर असर डाल सकती है। डायबिटीज खतरनाक सीमा तक न पहुंचें इसके लिए आपको अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। दवाओं और खानपान के साथ डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है। लेकिन कुछ प्राकृतिक चीजें हैं, जो आपके ब्लड शुगर को कम करने का बेहतरीन उपाय हो सकती हैं। इन्हीं प्राकृतिक चीजों में से एक है कटहल, जिसे हाल में ही हुए अध्ययन में एंटी डायबिटिक गुणों से भरपूर माना जाता है। आइए लेख को आगे पढ़कर जानें कि कैसे हरा कटहल डायबिटीज नियंत्रण में मददगार है।
डायबिटीज में फायदेमंद है हरा कटहल
डायबिटीज में मीठे के लिए सख्त मना होता है, लेकिन यह कटहल पर लागू नहीं होता है। कटहल, जो पका होने पर बेहद मीठा होता है, यह डायबिटीज में फायदेमंद हो सकता है। जी हां, डायबिटीज को कंट्रोल करने और ब्लड शुगर को कम करने के लिए हरी कटहल का सेवन को फायदेमंद पाया गया है। हाल में हुए अध्ययन, अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि हरी कटहल में प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर को कम करने के गुण होते हैं, जो डायबिटीज के खिलाफ एक रक्षा करता है। इस क्रांतिकारी खोज के पीछे जेम्स जोसेफ का हाथ है। जोसेफ एक यूके-आधारित उद्यमी है, जिसने कटहल के गुणों और डायबिटीज मैनेजमेंट के बीच के संबंध का अध्ययन करने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टरों के साथ सहयोग किया।
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क्या कहती है रिसर्च?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा शोध के लिए हरी झंडी मिलने के बाद टीम ने 40 लोगों का डायबिटीज परीक्षण शुरू किया। 40 प्रतिभागियों में से 24 पुरुष और 16 महिलाएं थीं। रिसर्च लगभग 12 सप्ताह तक चला, जहां टीम ने पिछले 2-3 महीनों में औसत ब्लड शुगर का पता लगाने के लिए हीमोग्लोबिन और ग्लूकोहीमोग्लोबिन की निगरानी की।
अध्ययन के विश्लेषण करने के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को कटहल पाउडर के साथ भोजन दिया। रिसर्च शुरू करने से पहले, प्रतिभागियों का औसत हीमोग्लोबिन 7.23% था। जबकि शोध पूरा होने के बाद, रोजाना हरे कटहल का सेवन करने से उनके हीमोग्लोबिन का स्तर 6.98% तक गिर जाता है। यह परिणाम तब होता है, जब वे रोजाना केवल 30 ग्राम हरा कटहल खाते हैं। इसके लिए जेम्स जोसेफ ने कहा: "उपवास और पोस्टपैंडियल प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर ने प्रतिभागियों में समान सुधार दिखाया।" हरे कटहल के पाउडर या आटे की रोटी, इडली, डोसा आदि बनाकर सेवन किया जा सकता है।
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अध्ययन के परिणाम
इस शोध के प्रतिभागियों में से एक ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा है, “पिछले दो वर्षों से मैंने अपने नाश्ते, दोपहर और रात के खाने में कटहल के आटे का एक बड़ा चम्मच रोजाना जोड़ना शुरू किया। एक साल में मैं इंसुलिन को बंद कर सकता हूं और सिर्फ गोलियों के साथ अपने शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकता हूं।
यह इंसुलिन इंजेक्शन के बिना डायबिटीज को कंट्रोल करने में कटहल की प्रभावशीलता को दर्शाता है। यही वजह है कि कटहल को उन डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है, जो इंसुलिन के भरोसे जीते हैं।
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