डॉक्‍टरों और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों पर हमला पड़ेगा मंहगा, होगी 7 साल तक की जेल और 5 लाख तक का जुर्माना

कोरोना वायरस की जांच के दौरान हो रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले पर सरकार का फैसला, अब दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई।   
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डॉक्‍टरों और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों पर हमला पड़ेगा मंहगा, होगी 7 साल तक की जेल और 5 लाख तक का जुर्माना

दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में सभी देश अपने-अपने तरीके से इस महामारी से निपटने के लिए योजना बना रहे हैं। वहीं, भारत में भी लॉकडाउन के जरिए इस महामारी से निपटने की कोशिश की जा रही है। इस बीच डॉक्टरों की टीम कई इलाकों में जाकर लोगों की जांच कर रही है, लेकिन कुछ जगहों से निंदनीय घटनाएं सामने आई है। लोग जांच करने आए डॉक्टरों की टीम पर हमला कर रहे हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले समाने आए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर(Prakash Javadekar)ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। 

डॉक्टरों पर हमला निंदनीय

स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हो रहे हमलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसके बाद प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar)ने बताया कि एक अध्यादेश लाया गया है, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा, जो डॉक्टर पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ होगा। 

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दोषी को 7 साल तक की सजा का प्रावधान

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने डॉक्टरों के मामले को गंभीरता से लेते हुए एक अध्यादेश लाने का एलान किया है। जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा करने पर दोषी को करीब छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही 5 लाख तक के जुर्माने का भी है। वहीं, दूसरी ओर स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के गाड़ी या क्‍लिनिक पर हमला करने पर हमलावरों को दोगुना नुकसान का हर्जाना देना होगा। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों (Healthworkers) के लिए 50 हजार से दो लाख तक मुआवजा दिया जाएगा। आपको बता दें कि महामारी के अधिनियम, 1897 में संशोधन कर सरकार अध्यादेश लागू करेगी। ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होगा। इसके तहत 30 दिनों के अंदर जांच की जाएगी। 

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गृह मंत्री ने दिया था आश्वासन

आपको बता दें कि इससे पहले डॉक्टरों की टीम पर हमले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से सांकेतिक विरोध प्रदर्शन को वापस लेने  का आग्रह करते हुए गृह मंत्री अमित शाह डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उन्हें आश्वासन दिया था। गौरतलब है कि, देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस(Coronavirus) से जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए हमलों  के विरोध में आईएमए ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। जिसके लेकर सरकार ने डॉक्टरों औऱ स्वास्थ्यकर्मियों के पक्ष में फैसला लिया है। 

723 कोविड अस्पताल है

प्रकाश जावड़ेकर ने कोविड-19 को लेकर बताया कि देश में अब 723 कोविड अस्पताल हैं, जिसमें लगभग 2 लाख बैड तैयार हैं। इसमें से करीब 24 हजार आईसीयू बेड हैं और 12 हजार 190 वेंटिलेटर हैं। मास्क को लेकर जावड़ेकर ने कहा कि अभी 2.5 करोड़ के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार की ओर से फर्टिलाइजर के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से ज्यादा का किया गया है।

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