Ginger Benefits To Treat Rosacea: रोजेशिया (Rosacea) स्किन से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में मरीज का चेहरा लाल हो जाता है और स्किन पर रैशेज, दाने और धब्बे होने लगते हैं। इस बीमारी की शुरुआत में मरीज को गंभीर लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं। रोजेशिया की समस्या में मरीज को रुखी स्किन और चेहरे से जुडी कई गंभीर परेशानियां होने लगती हैं। ऐसे लोग जिनका स्किन कलर ज्यादा साफ है, उन्हें यह समस्या ज्यादा होती है। आमतौर पर लोग इसे शरीर में खून बढ़ने का लक्षण समझ बैठते हैं। इस बीमारी को नजरअंदाज करने से आपकी परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। रोजेशिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अदरक का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है।
रोजेशिया में अदरक के फायदे- Ginger Benefits in Rosacea in Hindi
रोजेशिया को चेहरा लाल होने की बीमारी भी कहा जाता है। इस बीमारी में नाक, माथे और गले की स्किन के आसपास लालिमा और रैशेज होते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा अधेड़ उम्र की महिलाओं में देखने को मिलती है। रोजेशिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ. एस के पांडेय कहते हैं कि अदरक का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी परेशानियों में बहुत फायदेमंद होता है। रोजेशिया की समस्या में लक्षणों को कम करने के लिए अदरक के रस का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-एजिंग और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके साथ ही, इसमें विटामिन, जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। रोजेशिया की समस्या को कम करने के लिए आप भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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रोजेशिया में कैसे करें अदरक का इस्तेमाल?- How To Use Ginger In Rosacea in Hindi
रोजेशिया से छुटकारा पाने के लिए अदरक का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, अदरक में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे न सिर्फ रोजेशिया की समस्या दूर होती है, बल्कि त्वचा के रैशेज भी कम होते हैं। इसके लिए आप अदरक के रस को चेहरे पर लगाकर 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद पानी से चेहरे को धो लें। इससे रोजेशिया के लक्षण कम होंगे और स्किन को कई फायदे मिलेंगे।
एक्सपर्ट के अनुसार, रोजेशिया के सटीक कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट इस बीमारी को वंशानुगत और पर्यावरणीय कारणों से रोजेशिया होना बताते हैं। रोजेशिया को कंट्रोल करने में काफी ज्यादा समय लगता है। इस बीमारी को कंट्रोल करने का तरीका यह है कि इसके कारणों को जानकर उन चीजों से परहेज बना लेना। परहेज करना ही इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज माना जाता है। हालांकि, अगर आपकी परेशानी बढ़ रही है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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