अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रक्षामंत्री रह चुके जॉर्ज फर्नांडिस का 88 साल की उम्र में दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में निधन हो गया। फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अल्जाइमर रोग से जूझ रहे थे। हाल में उन्हें स्वाइन फ्लू भी हो गया था। अल्जाइमर एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है। आइए आपको बताते हैं कितना गंभीर रोग है अल्जाइमर और क्या हैं इसके लक्षण और कारण।
क्या अल्जाइमर से हो सकती है किसी की मौत?
यूके की 'अल्जाइमर्स सोसायटी' के अनुसार आमतौर पर अल्जाइमर रोग प्रत्यक्ष रूप से किसी की मौत का कारण नहीं बनता है मगर इस रोग के कारण व्यक्ति का जीवन कम हो जाता है। इस रोग में मस्तिष्क में कुछ गैरजरूरी प्रोटीन जमा हो जाते हैं, जिसके कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं। अल्जाइमर्स रोग के कारण व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है। हालांकि शरीर के अन्य अंगों पर भी इस रोग का प्रभाव पड़ता है और धीरे-धीरे व्यक्ति को हाथ-पैर हिलाने और खाने-पीने में भी परेशानी होने लगती है। अभी तक अल्जाइमर्स रोग का पूरी तरह इलाज संभव नहीं हो पाया है। अल्जाइमर्स रोग में व्यक्ति को भोजन निगलने में परेशानी होती है। हालांकि अगर शुरुआत में इस रोग का पता चल जाए, तो बीमारी से होने वाले मस्तिष्क के नुकसान को कम किया जा सकता है।
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क्या हैं अल्जाइमर रोग के लक्षण
अल्जाइमर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की याद्दाश्त धीरे-धीरे कम होने लगती है। अल्जाइमर की शुरुआत में व्यक्ति छोटी-मोटी बातें भूलना शुरु करता है, जैसे- लोगों का नाम, पता या नंबर, खाना, अपना ही घर, दैनिक कार्य, बैंक संबंधी कार्य आदि। इसके अलावा कई बार रोगी किसी एक काम को बार-बार भूल जाता है, जबकि बाकी काम उसे याद रह सकते हैं। इसके अलावा अल्जाइमर के लक्षणों में एक ही सवाल को बार-बार पूछना, चीजों की गिनती न कर पाना, भूख का ध्यान न रहना, हर समय तनाव में रहना, रिश्तेदारों के नाम भूलना और स्वभाव में बदलाव आना जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। चूंकि ये बीमारी ज्यादातर 60 साल के बाद होती है इसलिए ये लक्षण दिखने पर आमतौर पर लोग इसे बुढ़ापे की परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे ये बीमारी धीरे-धीरे गंभीर हो जाती है।
शरीर पर अल्जाइमर रोग का प्रभाव
अलग-अलग रोगियों में इस रोग के लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं क्योंकि दिमाग के किसी भी हिस्से को ये रोग प्रभावित कर सकता है। कुछ लोगों में पहले दिमागी लक्षण शुरू होते हैं जबकि कुछ अन्य लोगों में पहले शारीरिक लक्षण शुरू होते हैं। रोगी में ये लक्षण दिख सकते हैं।
- शरीर का बैलेंस बनाने में परेशानी होना
- मांसपेशियों का कठोर होना
- चलते समय पैरों का कांपना या लड़खड़ाना
- बैठने और खड़े होने में परेशानी होना
- मसल्स का कमजोर हो जाना और दिनभर थकान
- नींद न आना
- पेशाब और मल को न रोक पाना
- दिमागी दौरे पड़ना
क्या करें अगर दिखें अल्जाइमर के लक्षण
अगर किसी व्यक्ति को 50 से 60 साल की आयु के बीच भूलने की अधिक समस्या हो रही है तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और एक बार मनोचिक्त्सक को दिखा लेना चाहिए ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि अल्जाइमर है या नहीं। क्योंकि अल्जाइमर के बढ़ जाने की स्थिति में इलाज मुश्किल होता है, शुरुआती दौर में ही इसे पकड़ लेने से इसके विकास को रोका जा सकता है। देखा गया है कि जानकारी के अभाव में रोगी अकसर देर से डॉक्टर के पास जाते हैं और तब तक स्थिति काफी गंभीर हो चुकी होती है। तो बेहतर होता है कि शुरुआती लक्षम दिखाई देने पर ही डॉक्टर से संपर्क कर इसका इलाज कराया जाए।
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