
पित्ताशय की थैली में होने वाले कैंसर को पित्त की थैली का कैंसर (gallbladder cancer) कहा जाता है। यह लिवर के नीचे नाशपती के आकार का होता है। पित्ताशय का कार्य लिवर द्वारा रिलीज पित्त को स्टोर करना है। यह पित्त एक नली के माध्यम से गॉलब्लैडर और छोटी आंत तक पहुंचता है। मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल दास के अनुसार, पित्ताशय की थैली का कैंसर बहुल ही दुर्लभ है। इस बीमारी का शुरुआती स्टेज में इलाज करना बहुत ही आसान है। लेकिन अधिकतर लोग पित्त की थैली के कैंसर में आखिरी स्टेज पर इलाज करवाने आते हैं। इसलिए मरीजों का इलाज करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं, इस बीमारी का पता लगाना भी थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि इसके लक्षण (Gallbladder Cancer Symptoms) जल्द ही सामने नहीं आते हैं।
पित्त की थैली के कैंसर का चरण (Stage of Gallbladder Cancer)
कैंसर फैलने की स्थिति के आधार पर ही स्टेज विभाजित किए गए हैं। चलिए जानते हैं पित्त की थैली के कैंसर के स्टेज क्या -क्या हैं।
स्टेज-0 - जीरो स्टेज में कैंसर बहुत ही छोटा होता है। यह पित्ताशय के आंतरिक परत तक ही सीमित रहता है।
स्टेज-I - पित्ताशय कैंसर के स्टेज 1 में कैंसर पित्ताशय के अंदर तक ही सीमित रहता है। यह पित्ताशय के पहले और दूसरे परत में फैलना शुरू होता है।
स्टेज- II - इस स्टेज पर कैंसर की कोशिकाएं पित्ताशय की बाहरी परत में प्रवेश करती है। हालांकि, इस स्थिति में लिम्फ नोड्स या फिर शरीर का अन्य अंगर प्रभावित नहीं होता है।
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स्टेज-III - कैंसर के तीसरे चरण में कैंसर की कोशिकाएं पित्ताशय के आसपास के अंगर को सबसे पहले प्रभावित करता है। जैसे - लिवर, पेट, छोटी आंत।
स्टेज-IV - यह पित्त के कैंसर का आखरी स्टेज है। इस स्टेज तक आते-आते कैंसर की कोशिकाएं पूरे शरीर में फैल जाती हैं। यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।
पित्ताशय की थैली के कैंसर का लक्षण (Gallbladder Cancer Symptoms)
डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि पित्ताशय के कैंसर का शुरुआती लक्षण पहचानना काफी मुश्किल होता है। क्योंकि इसके अधिक लक्षण सामने नजर नहीं आते हैं। पित्त की थैली के लोकेशन की वजह से भी ऐसा हो सकता है। कुछ विशेष लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना। (Pain above the stomach area)
- बुखार आना। (Fever)
- पीलिया होना। (Jaundice)
- सूजन होना। (Bloating)
- जी मिचलाना
- भूख कम लगना
- गंभीर खुजली होना
- पेट में गांठ होना। (Abdominal lumps)
- उल्टी होना।
- वजन घटना (Weight loss)
- बार-बार पेशाब होना।
- पेशाब का रंग गहरा होना।(Dark urine)
डॉक्टर को कब दिखाना है जरूरी?
पित्त की थैली में हुए कैंसर के लक्षण जल्दी सामने आते नहीं है। ऐसे में अगर आपको शरीर में कोई भी बदलाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पेट से जुड़ी परेशानियां होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। पेट दर्द, पेट के आसपास गांठ, पेट का फूलना जैसी समस्या दिख रही है, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
पित्त के कैंसर का कारण (Gallbladder Cancer Causes)
- पित्त नलिकाओं में असामान्यताएं (Abnormalities of the bile ducts)
- क्रोनिक गॉलब्लैडर इंफ्लामेशन (Chronic Gallbladder Inflammation)
- पोर्सिलेन गॉलब्लैडर (Porcelain gallbladder)
- रबर और कपड़ा उद्योगों के संपर्क में अधि आना (Exposure to chemicals used in the rubber and textile industries)
- नाइट्रोसमिन के संपर्क में (Exposure to nitrosamines)
- मोटापा अधिक होना। (Obesity)
- बड़ी उम्र में भी यह समस्या हो सकती है। (Older age)
- धूम्रपान और शराब का सेवन (Smoking)
- अनुवांशिकता के कारण भी कैंसर हो सकता है। (Genetically)
- टाइफाइड (Typhoid) : साल्मोनेला (Salmonella) बैक्टीरिया की वजह से भी यह कैंसर हो सकता है।
पित्ताशय के कैंसर का जोखिम (Risk of (Gallbladder Cancer)
- महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले अधिक खतरा
- अग्न्याशय और पित्त वाहिका की असामान्यताएं
- शुगर मरीजों को
- संक्रमण फैलना
- शराब का सेवन करना।
- पित्त की पथरी और सूजन
- प्राइमरी स्केलेरोसिंग कोलिन्जाइटिस
पित्त की थैली में कैंसर का निदान (Gallbladder Cancer Diagnosis)
पित्त की थैली का कैंसर होने की संभावना अगर आपको है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर आपसे कुछ जरूरी सवाल कर सकते हैं। जैसे- आपके क्या लक्षण दिख रहे हैं, आपके पेट में दर्द कब होता है, क्या आपके परिवार में किसी को कैंसर है? क्या आपको कोई अन्य बीमारी है? इन सभी सवालों के जबाव के आधार पर अगर डॉक्टर को कैंसर का संदेह होता है, तो वह कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। जैसे -
ब्लड केमिस्ट्री (Blood chemistry)- डॉक्टर को कैंसर का संदेह होने पर वह आपको ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इसमें ब्लड के विभिन्न पदार्थ का स्तर जांचा जाता है। इसके अलावा अन्य टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है। जो निम्न हैं-
- एंजियोग्राफी (Angiography)
- कोलएनजियोग्राफी (Cholangiography)
- बायोप्सी (Biopsy)
- सीए 19.9 टेस्ट (CA 19-9 assay)
- एमआरआई (MRI)
- ईआरसीपी (ERCP)
- सीटी स्कैन (CT scan)
- एब्डोमिनल अल्ट्रासाउंड (Abdominal ultrasound)
- लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver function test)
पित्ताशय के कैंसर का इलाज (Gallbladder Cancer Treatment)
सर्जरी - पित्ताशय के कैंसर के शुरुआती स्टेज में सर्जरी का सहारा लिया जाता है। अगर कैंसर पित्त की थैली तक ही सीमित रहता है, तो डॉक्टर सर्जरी करके पित्त की थैली को हटा देता है। इससे पूरे शरीर में कैंसर फैलने का खतरा काफी कम हो सकता है।
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कीमोथेरेपी - इस इलाज में मरीज को कई तरह की हैवी दवाइयां दी जाती हैं, जिससे कैंसर की कोशिकाएं मर जाएं। इसके बाद सर्जरी किया जाता है।
रेडिएशन - रे़डिएशन थैरेपी में रेडिएशन के द्वारा ट्यूमर को छोटा किया जाता है। इसके बाद ऑपरेशन के द्वारा इसे बाहर निकाल दिया जाता है।
पित्ताशय कैंसर से बचाव (Prevention of Gallbladder Cancer)
पित्ताशय में कैंसर किन कारणों से होता है, इसका प्रमुख कारण ज्ञात नहीं है। लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि कुछ तरीकों से आप पित्त की समस्याओं से बच सकते हैं। या फिर कैंसर के जोखिमों को कम कर सकते हैं, जो निम्न हैं।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करना।
- वजन का संतुलित रखना।
- डॉक्टर से अपना चेकअप कराना।
- फल और सब्जियों का सेवन करना।
- अधिक पानी पीना।
- स्वस्थ आहार खाना।
- धूम्रपान से दूर रहना।
इन सभी उपायों से आप कैंसर के खतरे से बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको किसी तरह की परेशानी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही डॉक्टर द्वारा दिए जरूरी सलाह को फॉलो करें।
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