
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ है। शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना की। उनकी सर्जरी दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में तीन अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा गठित एक टीम द्वारा किया गया। सूत्रों के मुताबिक मनी लान्ड्रिंग के मामले में अंतिरिम जमानत पर चल रहे जैन की दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में बाथरूम में गिरने से कमर पर गंभीर चोट आई थी, जिसके चलते उन्हें सर्जरी करानी पड़ी।
रिकवर होने में लगेगा समय
चोट लगने के बाद जीबी पंथ के चिकित्सकों और सफदरजंग के न्यूरो सर्जन्स ने जैन को ऑपरेशन कराने की सलाह दी। चिकित्सकों ने उन्हें पूरी तरह से बेड रेस्ट करने की सलाह दी है साथ ही उन्हें विशेष केयर में रहने को भी कहा गया है। चिकित्सकों ने उन्हें चलने-फिरने और किसी भी प्रकार की मूवमेंट करने के लिए मना किया है। अपने रोजाना के जरूरी कामों के लिए भी उन्हें किसी की मदद लेने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक चोट लगने के बाद जैन को चलने-फिरने में काफी कठिनाई हो रही थी।
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35 किलो घटा वजन
रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से लेकर ऑपरेशन होने तक सत्येंद्र जैन का 35 किलो वजन कम हो चुका है। यही नहीं इस दौरान उन्हें कई अन्य समस्याएं जैसे नींद नहीं आना, रात के समय जल्दी-जल्दी सांस लेना आदि का भी सामना करना पड़ रहा है, इसके चलते उन्हें BiPAP मशीन लगाई गई है, जिससे उनके फेफड़ों तक ऑक्सीजन की सप्लाई आसानी से हो सके। दरअसल, यह मशीन उन लोगों के लिए होती है, जिन्हें सांस लेने में काफी कठिनाई होती है।
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क्यों पड़ती है सर्जरी की जरूरत
कई बार कमर में लंबे समय से हो रहे दर्द, हड्डी खिसकने, बोन स्पर्स या फिर स्लिप डिस्क की स्थिति गंभीर होने पर चिकित्सक स्पाइनल सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। यह अन्य सर्जरी की तुलना में थोड़ी रिस्की होती है। हालांकि, इसे कराने से ज्यादातर मामलों में स्लिप डिस्क या फिर कमर में होने वाले गंभीर दर्द से निजात मिल जाती है। कुछ गंभीर मामलों में यह फेल भी हो सकती है, जिसके चलते सर्जरी दोबारा भी करानी पड़ सकती है। कमर की सर्जरी कराने के बाद कुछ समय तक ज्यादा मूवमेंट करने से बचना चाहिए।
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