एक् स्वस्थ शरीर के लिए भोजन, पानी, शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ एक भरपूर नींद लेना भी बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह आपके मूड को प्रभावित करती है। यदि आप नींद से वंचित रहते हैं, तो यह सुस्ती के साथ-साथ बड़े स्वास्थ्य मुद्दों की संभावना को बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं नींद की कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे दिल का दौरा, मधुमेह, मोटापा और समय से पहले मृत्यु दर को जन्म दे सकती है। हम सबके बीच नींद के बारे में कई मिथक हैं, जो कई लोग एक तथ्य के रूप में सोचते हैं और इसके कारण, वे नींद से वंचित रह जाते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। आइए यहां हम आपको कुछ सामान्य मिथकों के बारे में बताते हैं।
मिथ 1: कुछ घंटे की नींद लेना ठीक है
तथ्य: आदर्श रूप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में नींद की आवश्यकता होती है और यह हर व्यक्ति की उम्र के हिसाब से अलग-अलग होती है। एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए 7-9 घंटे की नींद अनिवार्य है। पर्याप्त नींद हमारे शरीर की मांसपेशियों की मरम्मत करने से लेकर दिमाग को शांत रखने और एर्नेजेटिक बनाने में मदद करती है। इसके अलावा, एक बेहतर नींद आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाती है और हमारे मस्तिष्क को सही निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाती है। यदि आप अपने शरीर और मन को पीड़ित नहीं करना चाहते हैं, तो कम से कम 7-9 घंटे की नींद लेना शुरू करें।"
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मिथ 2: अनिद्रा कोई बड़ी बात नहीं है
तथ्य: बहुत से लोगों को लगता है कि यहि किसी व्यक्ति को सोने में कठिनाई आती है या वो अनिद्रा का शिकार है, तो उसमें कोई बड़ी बात नहीं। हालांकि, यह धारणा गलत हैं, इनसोम्निया या अनिद्रा के कारण, कोई व्यक्ति खराब प्रदर्शन, काम के समय नींद महसूस करना और खराब मूड से पीड़ित होना हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आपको नींद की समस्या है, तो अपने डॉक्टर से मिलें।
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मिथ 3: छुट्टी के दिन खोई हुई नींद को पूरा करना
तथ्य: कई लोग काम या ऑफिस के चलते लगातार कम समय या भरपूर नींद लेने से चूक जाते हैं। उन्हें लगता है कि वे छुट्टी वाले या वीकेंड पर अपनी सारी नींद पूरी कर लेंगें। जबकि, यह गलत है, वीकेंड की लंबी नींद आपको तरोताजा महसूस करा सकती है, लेकिन यह कुछ समय के लिए ही है। इसलिए अगर आप चाहतें हैं कि आपकी सेहत दुरूस्त रहे, तो आप कोशिश करें कि हर रात पर्याप्त घंटों की नींद लें। आप सामान्य स्लीप ट्रैक को वापस लाने के लिए छुट्टी पर जा सकते हैं।
मिथक 4: बिस्तर पर लेटकर कुछ देर आराम सोने जितना अच्छा है
तथ्य: अगर आप सोच रहे हैं कि पर्याप्त आराम प्राप्त करना सोने के समान ही अच्छा है, तो आप गलत हैं। जागने की तुलना में, सोते समय मस्तिष्क फेफड़े, दिल, लगभग सभी अंग अलग-अलग कार्य करते हैं। इसलिए, यदि आप आराम कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि अंग भी जाग रहे हैं और उन्हें आदर्श आराम नहीं मिल रहा है।
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मिथक 5: दिन या रात के किसी भी समय पर सोना ठीक है
तथ्य: बहुत से लोग सोचते हैं कि जो लोग जल्दी सोते हैं वे वास्तव में एक अच्छी नींद ले रहे हैं। जबकि वास्तव में, यह सच नहीं है क्योंकि यह संकेत है कि उन लोगों ने पर्याप्त नींद नहीं ली है। इसके अलावा, जो लोग रात की शिफ्ट में काम करते हैं और सुबह या दोपहर में सोते हैं, वे सर्कैडियन रिदम डिसिंक्रनाइज़ेशन और खराब गुणवत्ता वाली नींद का अनुभव करते हैं। और इससे डिप्रेशन सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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