स्टेम सेल की मदद से बनाया गया पहला क्रियाशील फेफड़ा

फेफड़ों की बीमारियों को समझने व आसान बनाने के लिए स्टेम सेल की मदद से पहले क्रियाशील फेफड़े का निर्माण किया गया है। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें।
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स्टेम सेल की मदद से बनाया गया पहला क्रियाशील फेफड़ा


stem cellवैज्ञानिकों ने मानव स्टेम सेल को क्रियाशील फेफड़ों और वायु नली के सेलों में तब्दील करने में कामयाबी हासिल कर ली है। इससे उन्हें मरीजों की कोशिकाओं से ट्रांसप्लांट के लिए फेफड़े के ऊतक पैदा करने में मदद मिलेगी।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के इस अध्ययन ने फेफड़ों की बीमारियों, दवाओं की जांच, मानव फेफड़ों के विकास को समझा आसान बना दिया है। शोध प्रमुख हैन्स विलेम स्नोएक का कहना है कि यह बहुत जरूरी खा क्योंकि अब तक फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट कर पाना बहुत मुश्किल था और इस समस्या का निदान भी आसानी से नहीं हो पाता था।

हैन्स का कहना है कि हालांकि इसका पाचन मेडिकल प्रयोग अब भी सालों दूर हैं। लेकिन अब मरीज के शरीर से ली गई कोशिकाओं से एक क्रियाशील फेफड़े की कोशिकाएं बनाने के बारे में सोचा जा सकता है और इस पर अमल किया जा सकता है।

इस खोज की मदद से फेफड़े की बहुत सी बीमारियों का अध्ययन कर उमका इलाज किया जा सकता है। इसमें आइडियोपैथिक पल्मनरी फाईब्रोसिस बीमारी भी शामिल है। यह अध्ययन नेचर बायोटेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

इसे पहले शोधकर्ताओं ने अब तक मानव स्टेम सेलों का दिल, आंत, लीवर,पाचन ग्रंथियां और तंत्रिक कोशिकाओं में बदल सकनें में कामयाबी हासिल की थी।

 

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