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फाइब्रॉएड की परेशानी में क्या खाएं और क्या न खाएं, एक्सपर्ट से जानें पूरा डाइट प्लान

फाइब्रॉएड की समस्या से ग्रसित महिलाओं को अपने डाइट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, ताकि इसमें होने वाली समस्याओं को कंट्रोल किया जा सके
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फाइब्रॉएड की परेशानी में क्या खाएं और क्या न खाएं, एक्सपर्ट से जानें पूरा डाइट प्लान

फाइब्रॉएड को गर्भाशय की रसौली (Fibroid Meaning In Hindi) के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इसे मायोमा ( myomas) और लेयोमायोमा (leiomyomas.) के नाम से भी जाना जाता है।  यह गर्भाशय में होने वाला ट्यूमर है। हालांकि, यह कैंसर या फिर कोई घातक बीमारी नहीं होते है, लेकिन इसस शरीर में कई तरह के जटिलताएं और सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। कई महिलाओं में फाइब्रॉएड की समस्या देखी गई है। अधिकतर मामलों में फाइब्रॉएड गर्भाशय की दीवारों पर या फिर उसके आसपास बनते हैं। फाइब्रॉएड मांसपेशियों और अन्य टिश्यूज से से बने होते हैं। फाइब्रॉएड की समस्या होने पर इसका इलाज कराना जरूरी होता है। ताकि शरीर में कोई अन्य परेशानी न हो। इसके अलावा कुछ हेल्दी डाइट से आप इसमें होने वाली समस्याओं को कम कर सकते हैं। आज हम इस लेख में आपको फाइब्रॉएड की परेशानी (Fibroid diet what to eat and avoid) में क्या खाएं और क्या न खाएं के बारे में विस्तार से बताएंगे। इस विषय के लिए हमने लखनऊ की न्यूट्रीडाइट क्लीनिक की डायटीशियन प्रीति श्रीवास्तव से बात की। आइए जानते हैं क्या कहती हैं डायटीशियन प्रीति ? 


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फाइब्रॉएड की परेशानी में क्या खाएं और क्या न खाएं (Fibroid diet what to eat and avoid in Hindi)

डायटीशियन प्रीति का कहना है कि फाइब्रॉएड किन कारणों से होता है, इसके सटीक कारणों का पता नहीं है। इस समस्या से ग्रसित महिलाओं का वजन काफी तेजी से बढ़ता है। साथ ही शरीर में कई हार्मोनल समस्याएं होती हैं। डाइट की मदद से इन परेशानियों को कम करने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि, ध्यान रखें कि सिर्फ डाइट की मदद से फाइब्रॉएड का इलाज नहीं किया जा सकता है। आप संतुलित आहार से सिर्फ फाइब्रॉएड के लक्षणों और जटिलताओं को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कुछ डाइट जिससे फाइब्रॉएड के विकास को कर सकते हैं धीमा - 

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फाइब्रॉएड की परेशानी में क्या खाएं 

फाइबरयुक्त आहार 

डायटीशियन का कहना है कि फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से शरीर का वजन घटाया जा सकता है। साथ ही इससे  हार्मोनल परेशानियां भी कम हो सकती है। इसके अलावा फाइबर युक्त डाइट ब्लड में शुगर को स्तर को कम कर सकता है। ऐसे में फाइबर फाइब्रॉएड के विकास को धीमा करने में आपकी मदद कर सकता है। इसलिए अपने आहार में साबुन अनाज,  ड्राई फ्रूट्स, हरे पत्तेदार सब्जियों जैसी चीजें शामिल कर सकते हैं। 

पोटैशियम है जरूरी

फाइब्रॉएड से ग्रसित महिलाओं को अपने आहार में पोटैशियम से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए। इस तरह का आहार ब्लड प्रेशर को को संतुलित करने में आपकी मदद कर सकता है। पोटैशियम युक्त आहार में आप अपने डाइट में एवोकाडो, केले, साइट्रस, खजूर, मसूर की दाल, दलिया, आलू इत्यादि चीजों को शामिल कर सकते हैं। 

डेयरीप्रोडक्ट्स करें शामिल 

फाइब्रॉएड मरीजों को अपने डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स को भी शामिल करना चाहिए। डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम में भरपूर होते हैं, जो फाइब्रॉएड को बढ़ने से रोकने में आपकी मदद करते हैं। साथ ही यह इसके बढ़ने की गति को कम करता है। इसके साथ ही फोर्टिफाइड दूध में विटामिन डी भी होता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। 

ग्रीन टी है हेल्दी

ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें एपिगैलोकैटेचिन गैलेट पया जाता है, जो  सूजन और उच्च एस्ट्रोजन के स्तर को कम करके फाइब्रॉएड के विकास को धीमा करने में आपकी मददद कर सकता है। ग्रीन टी फाइब्रॉएड के कारण होने वाले भारी रक्तस्राव के लक्षणों में भी सुधार कर सकता है। साथ ही लो आयरन की परेशानी को भी दूर करता है।

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फाइब्रॉएड की परेशानी में क्या न खाएं 

  • फाइब्रॉएड की परेशानी होने पर शुगर युक्त आहार का सेवन करने से बचें। 
  • इस समस्या से ग्रसित मरीजों को अधिक तला-भुना न खाने की सलाह दी जाती है। 
  • इसके साथ ही अगर धूम्रपान और शराब जैसी चीजों से दूर रहेँ। 
  • फाइब्रॉएड मरीजों को अधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। 

ध्यान रहें कि आहार से आप फाइब्रॉएड की परेशानी का इलाज नहीं कर सकते हैं। यह सिर्फ आपकी परेशानियों को कम और धीमा कर सकता है। इसलिए हमेशा डॉक्टर के दिशा-निर्देशानुसार दवाइयां लें। डॉक्टर द्वारा सुझाए गए लाइफस्टाइल को अच्छे से फॉलो करें, ताकि आपकी परेशानी जल्द से जल्द रिकवर हो सके। 

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