
मौसम बदलते ही बुखार, जुकाम आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं। उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। कई शहरों में दिन का तापमान 45-46 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया है। ऐसे में अस्पतालों में टायफाइड और डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली और आस-पास के राज्यों में अस्पतालों में आजकल ऐसे हजारों मरीज आ रहे हैं, जिन्हें लगातार बुखार, शरीर में दर्द और पतले दस्त की शिकायत है। जांच करने पर इनमें से ज्यादातर मरीजों के खून में प्लेटलेट्स की कमी पाई गई है। चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही इन रोगों के मरीज और ज्यादा बढ़ेंगे।

छोटे बच्चे हो रहे हैं ज्यादा प्रभावित
चिकित्सकों की मानें तो डायरिया सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को प्रभावित कर रहा है। भारत में बढ़ी हुई शिशु मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण डायरिया है। हर साल 25 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत डायरिया के कारण हो जाती है। चिकित्सकों के अनुसार डायरिया का खतरा गर्मी और बरसात के मौसम में अधिक बढ़ जाता है। डायरिया के शुरुआती लक्षण बच्चों को बार-बार पतले दस्त और पेट दर्द हैं।
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तेज धूप के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा
सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश के चिकित्साधिकारी डॉक्टर राम आशीष बताते हैं कि गर्मी के मौसम में कड़ी धूप और उमस के कारण हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। पानी कम पीना, गलत खान-पान और देर तक कड़ी धूप में काम करने के कारण लोग लू और मौसमी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा इस मौसम में मच्छरों के कारण फैलने वाली बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि बच्चों को धूप में बाहर न निकलने दें, तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें और मच्छरों से बचाव के लिए सुरक्षित तरीके अपनाएं।
डायरिया से बचाव के लिए क्या करें
डायरिया से बचाव के लिए आपको गर्मी के मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
- बाहर खुले में मिलने वाली चीजों का सेवन बंद करें।
- हमेशा ताजा खाना खाएं, 6 घंटे से पहले का बना खाना खाएं।
- बाजार में बिकने वाले गन्ने का जूस, बेल का जूस, आम पना आदि का सेवन करते समय ध्यान दें कि दुकान के आसपास सफाई हो और मक्खियां आदि न हों।
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- मांसाहारी आहारों का सेवन कम करें और कोशिश करें कि इन्हें घर पर ही सफाई के साथ बनाएं। मांस बैक्टीरिया से जल्दी प्रभावित होते हैं। बाजार में मिलने वाले मांसाहारी आहार संक्रमित हो सकते हैं।
- साफ पानी पिएं और पानी रखने वाले बर्तन की रोजाना सफाई करें।
- अधिक देर के कटे हुए सलाद, फल आदि न खाएं। सब्जियों को पकाने से पहले साफ पानी में अच्छी तरह धोएं।
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