नो फैट, गुड और बैड फैट...जैसी बहसों के बीच एक जरूरी बात यह है कि फैट शरीर के लिए अनिवार्य है। शरीर को एनर्जी प्रदान करने वाले तीन मुख्य मैक्रोन्यूट्रिएंट्स हैं- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट। चूंकि 1 ग्राम फैट 9 किलो कैलर देता है, इसलिए इसे फिटनेस की डिक्शनरी से काट दिया गया है। मोटा बनाने के लिए फैट नहीं, कैलरी जिम्मेदार है। प्रोटीन और काब्र्स ज्य़ादा लेने से भी ऐसा हो सकता है।
क्यों चाहिए फैट
लगभग सभी नैचरल खाद्य पदार्थों में थोड़ा फैट होता है। जीवित रहने के लिए थोड़ा फैट जरूरी है। यह न सिर्फ ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है, बल्कि ऊर्जा को स्टोर भी करता है। इसकी कमी से मस्तिष्क के काम करने की क्षमता कम हो सकती है, क्योंकि यह नव्र्स और ब्रेन को ऊर्जा प्रदान करता है। हेल्दी स्किन और टिश्यूज के अलावा यह सॉल्युबल विटमिंस जैसे ए, डी, ई और के ट्रांस्पोर्ट करता है।
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अच्छा और बुरा
बुरा फैट : आमतौर पर सैच्युरेटेड और ट्रांस फैट्स को हार्ट के लिए बुरा माना जाता है। मीट और डेयरी उत्पादों में पाया जाने वाला सैच्युरेटेड फैट ब्लड कोलेस्ट्रॉल स्तर और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को बढ़ाता है। इसे रिफाइंड काब्र्स वाले खाद्य पदार्थों के साथ लिया जाए तो टाइप टू डायबिटीज और हृदय रोगों की आशंका बढ़ जाती है। ट्रांस फैट्स सबसे खतरनाक हैं, जो हाइड्रोजेनेटेड वेजटेबल ऑयल्स में पाए जाते हैं। चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, डोनट्स, कुकीज, केक, पेस्ट्रीज, बटर पॉपकॉर्न को इसीलिए हेल्दी नहीं माना जाता।
अच्छा फैट : मोनो सैच्युरेटेड और पॉलीअनसैच्युरेटेड फैट्स की सीमित मात्रा जरूरी है। शोध बताते हैं कि मोनोसैच्युरेटेड फैट्स जैसे-नट्स (बादाम, अखरोट, पिस्ता, काजू आदि), पीनट-आमंड बटर, एवोकैडो, वेजटेबल ऑयल्स (ऑलिव ऑयल, केनोला ऑयल, पीनट ऑयल) फायदेमंद हैं। पॉली अनसैच्युरेटेड फैट्स भी कोलेस्ट्रॉल स्तर को घटा कर हार्ट प्रॉब्लम्स से दूर रखते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स हार्ट को हेल्दी रखते हैं। सालमन फिश, फ्लैक्स सीड्स (अलसी), केनोला ऑयल के अलावा टोफू, रोस्टेड सोयाबींस, सोया नट्स, वॉलनट्स, सनफ्लॉवर सीड्स व ऑयल आदि में ये पाए जाते हैं।
ऐसे रहें फिट
चूंकि हर फैट कैलरी से भरपूर है, इसलिए बुरे फैट्स को अच्छे फैट्स से बदलने की कोशिश करें। उन खाद्य पदार्थों से दूर रहें, जिनमें सैच्युरेटेड और ट्रांस फैट्स हों। मोनोसैच्युरेटेड और पॉली अनसैच्युरेटेड फैटी एसिड्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें।
कैसे खाएं
सामान्य स्वास्थ्य वाले वयस्कों के लिए रोज 3-4 टीस्पून फैट पर्याप्त है। इसमें कुकिंग ऑयल, घी, बटर, डेयरी उत्पाद शामिल हैं। मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल असंतुलन के कारण वजन बढऩे लगता है, इसलिए कम ऑयल लेने की सलाह दी जाती है। इस दौरान डाइट में सोया, सोयाबीन ऑयल, फ्लैक्स सीड्स, सोया नट्स, फ्रूट्स और सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए।
स्टोरी- इंदिरा राठौर
इनपुट्स- सीमा सिंह, चीफ क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज, दिल्ली
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