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स्ट्रोक से बचाव के लिए बहुत कारगर है FAST फॉर्मूला, जानें इसके बारे में

Fast Formula To Prevent Stroke: स्ट्रोक की सही समय पर पहचान करने के लिए FAST फॉर्मूला अपनाना चाहिए।
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स्ट्रोक से बचाव के लिए बहुत कारगर है FAST फॉर्मूला, जानें इसके बारे में


Fast Formula To Prevent Stroke: स्ट्रोक एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है, इस स्थिति में सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की मौत भी हो सकती है। स्ट्रोक जैसी गंभीर परेशानी से बचने के लिए आपको इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज के समय निष्क्रिय जीवनशैली और असंतुलित खानपान की वजह से स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा है। ब्रेन स्ट्रोक होने पर दिमाग के किसी हिस्से में खून का फ्लो अचानक रुक जाता है। इसकी वजह से दिमाग की कोशिकाओं को ठीक से काम करने में दिक्कत होती है। सही समय पर इसका पता चलने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है। स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने के लिए 'फास्ट- FAST' फॉर्मूला बहुत मददगार होता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं क्या है FAST फॉर्मूला।

स्ट्रोक से बचाव के लिए क्या है फास्ट फॉर्मूला?- What is Fast Formula To Prevent Stroke in Hindi

स्ट्रोक जैसी परेशानियों का खतरा डायबिटीज, शुगर, हाइपरटेंशन जैसी परेशानियों के कारण बढ़ सकता है। इस स्थिति मेंन ब्रेन के भीतर खून का फ्लो रुकने के कारण ब्लड क्लॉटिंग या फिर ब्लीडिंग होने लगती है। इस स्थिति में सही समय पर मरीज को इलाज न मिलने से जान जा सकती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "स्ट्रोक की सही समय पर पहचान करने के लिए FAST फॉर्मूला अपनाना चाहिए। इस फॉर्मूले की मदद से आप मरीज की स्थिति को समझ सकते हैं।"

What is Fast Formula To Prevent Stroke in Hindi

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ऐसे करें फास्ट फॉर्मूले से स्ट्रोक की पहचान-

1. F-Face Drooping

स्ट्रोक आने पर व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा झुक जाता है। अगर किसी भी व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा हल्का टेढ़ा या झुका हुआ दिख रहा है, तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर यह स्थिति बोलते या मुस्कुराते समय भी दिख रही है, तो यह स्ट्रोक के कारण हो सकता है।

2. A- Arm Weakness

फास्ट फॉर्मूले के दूसरे स्टेप में आपको व्यक्ति का हाथ चेक करना चाहिए। अगर व्यक्ति का एक हाथ कमजोर, मुड़ा हुआ या सुन्न पड़ा है, तो इसे भी नजरअंदाज करने से बचना चाहिए। इसकी पहचान करने के लिए आप व्यक्ति को दोनों हाथ ऊपर उठाने को कहें। अगर ऐसा करने पर दोनों में से एक हाथ खुद से नीचे जाने लगे या कंट्रोल न हो, तो यह स्ट्रोक का लक्षण होता है।

3. S-Speech

स्ट्रोक आने पर मरीज को बोलने में दिक्कत होती है। अगर मरीज की स्पीच टेस्टिंग क दौरान उसकी आवाज साफ नहीं निकल रही है या लड़खड़ा रही है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है।

4. T-Time to Call

फास्ट फॉर्मूले में आखिरी स्टेप का मतलब है, मरीज में चेहरे का झुका होना, हाथ में कमजोरी और बोलने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। इन स्थितियों में बिना देर किए मेडिकल मदद मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है।

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खराब जीवनशैली और खानपान के अलावा कुछ बीमारियों के कारण स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति का खतरा रहता है। स्ट्रोक आने पर मरीज के चेहरे पर सुन्नता, शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी, बोलने और समझने में कठिनाई, उलझन, देखने में परेशानी, चलने में दिक्कत और चक्कर आने जैसी परेशानियां होती हैं। इस लक्षणों को सही समय पर पहचानकर मरीज को तुरंत हॉस्पिटल ले जाने से उसकी जान बचाई जा सकती है। इन स्थितियों को नजरअंदाज करने से गंभीर परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है।

(Image Courtesy: freepik.com)

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