
आज के दौर में पीरियड्स शुरू होने के बाद से ही लड़कियों को सेनेटरी पैड (Sanitary Pads ) का इस्तेमाल करना पड़ता है। माहवारी या पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन या सेनेटरी पैड का सहारा लेना ही पड़ता है। हालांकि सेनेटरी पैड्स की जगह पीरियड्स में इस्तेमाल होने वाले टैम्पोन्स (Tampons), मेन्स्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) भी मौजूद हैं लेकिन आज भी सबसे ज्यादा सेनेटरी नैपकिन का ही इस्तेमाल किया जाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सेनेटरी पैड के इस्तेमाल से पीरियड्स के दौरान होने वाली तमाम तकलीफों से महिलाओं को निजात मिली है। लेकिन महिलाओं के जीवन को पीरियड्स के दौरान आरामदायक बनाने वाले इस सिंथेटिक सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल से शरीर को नुकसान भी हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक कह दिया गया कि फाइबर के इस्तेमाल से बनने वाले सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है और क्या इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा होता है? इस मुद्दे को लेकर हमने बात की दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में कार्यरत कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ सारिका गुप्ता से, आइये जानते हैं इस विषय पर उन्होंने क्या जानकारी साझा की।
क्या सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल से हो सकता है कैंसर? (Do Sanitary Pads Cause Cancer?)
डॉ सारिका गुप्ता ने हमें बताया कि हालांकि सेनेटरी पैड या डायपर के इस्तेमाल की वजह से कैंसर जैसी बीमारी के होने का सीधा साक्ष्य अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन इस तरह के कई अध्ययन हैं जो यह बताते हैं कि इसके निर्माण में मौजूद पदार्थ शरीर में कई समस्याओं को जन्म देने का कारण बन सकते हैं। मार्केट में आजकल कई तरह के सेनेटरी पैड्स मिलते हैं जिनको बनाने में प्लास्टिक इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से खतरे पैदा हो सकते हैं। प्लास्टिक के इस्तेमाल से बने सेनेटरी नैपकिन के पानी के संपर्क में आने से कई ऐसे वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड निकलते हैं जैसे क्लोरीन, टोलेडीन आदि जो कैंसर के कारक माने जाते हैं। इनकी वजह से शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर हो सकता है, लेकिन सिर्फ सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है इसके बारे में अभी तक कोई साक्ष्य नहीं मिल पाया है। प्लास्टिक से बने सेनेटरी पैड्स में डाइऑक्सिन का भी इस्तेमाल होता है जो कि कैंसर की कोशिकाओं को जन्म देने में सहायक माना जाता है। इसका इस्तेमाल पैड्स की पानी सोखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्लास्टिक या सिंथेटिक सेनेटरी नैपकिन को लेकर हुए कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि इसके निर्माण में इस्तेमाल किये गए कुछ पदार्थ कैसंर और कई अन्य बीमारयों का कारण बन सकते हैं।
- प्लास्टिक से बने सेनेटरी पैड्स में बीपीए और बीपीएस जैसे प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है जो कि कई समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- नैपकिन की पानी सोखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले डाइऑक्सिन को कैंसर कोशिकाओं के जन्म में सहयोगी माना जाता है।
- सेनेटरी पैड में इस्तेमाल किए जाने वाले सुपर एब्सॉर्बेंट पॉलिमर स्किन के लिए बेहद नुकसानदायक माने जाते हैं।
सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के दौरान इन बातों का रखें ध्यान ( Precautions While Using Sanitary Pads)
सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। डॉ सारिका गुप्ता ने बताया कि इन बातों को ध्यान में रखकर अगर महिलाऐं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं तो उन्हें इनसे होने वाले नुकसान का खतरा कम होगा।
- कार्बन पदचिह्न और रासायनिक प्रदूषकों की रिहाई।
- बायोडिग्रेडेबल और रासायन मुक्त सेनेटरी पैड का उपयोग करें।
- सेनेटरी नैपकिन को समय पर जरूर बदलें।
- प्यूबिक एरिया के आस पास साफ-सफाई का ध्यान जरूर रखें।
- साफ़ और सूखे अंडर गारमेंट्स पहने।
- ऑर्गेनिक क्लॉथ पैड या मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सुगन्धित सेनेटरी पैड के इस्तेमाल से बचें।
सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल के संभावित जोखिम (Possible Health Risks of Using Sanitary Napkins)
आजकल मार्केट में मौजूद प्लास्टिक से बना सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल खतरे से खाली नहीं है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इनके इस्तेमाल से शरीर को तमाम समस्याओं के होने का खतरा बना रहता है। असुरक्षित तरीके से सेनेटरी पैड के इस्तेमाल से ये समस्याएं हो सकती हैं।
- मूत्र संक्रमण या फंगल संक्रमण (Urinary and Fungal Infections)
- प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान (Harmful for Immune System)
- हार्मोनल समस्याएं (Hormonal Problems)
- योनि संक्रमण का खतरा (Vaginal Infections)
प्लास्टिक के इस्तेमाल से बने सिंथेटिक सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल के दौरान सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल से जुड़ी जरूरी सावधानियों का पालन जरूर करें। एक्सपर्ट्स यह सलाह देते हैं कि आर्गेनिक सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल शरीर के लिए अधिक सुरक्षित है, अगर हो सके तो उसका इस्तेमाल करें। पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई और नियमित रूप से पैड्स को बदलते रहने से संक्रमण आदि का खतरा कम होता है। इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, पीरियड्स या सेनेटरी नैपकिन से इस्तेमाल से अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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