वेजाइनल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकते हैं सेंटेड सेनेटरी पैड्स, जानें इसे इस्तेमाल करने के 5 नुकसान

सेनेटरी पैड के विज्ञापनों को देखकर अगर आप सेंटेड सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करी हैं, तो आप अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती कर सकती हैं।
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वेजाइनल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकते हैं सेंटेड सेनेटरी पैड्स, जानें इसे इस्तेमाल करने के 5 नुकसान

वेजाइनल हेल्थ का ख्याल रखना महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है। हालांकि कभी कभार इसका ख्याल रखना सच में पेचीदा हो जाता है। वहीं बहुत सी महिलाएं वेजाइनल हेल्थ का ख्याल रखते हुए कई तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, जो इसे और खराब कर सकता है।किसी भी प्रकार के साबुन, केनिकल और सेंटेड यानी कि खूशबूदार प्रोडक्ट वेजाइना के लिए नुकसानदेह हो सकता है। वहीं जानकारों का मानें, तो वेजाइना को किसी भी प्रकार की सफाई की जरूरत नहीं होती है। शरीर का पीएच, ब्लड सर्कुलेशन और होर्मोन्स को बैलेंस करके इसे स्वस्थ रखा जा सकता है। पर बहुत सी महिलाओं को पीरियड्स के वक्त दुर्गंध महसूस होता है, जिसके लिए वो सेंटेड सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करती है, जिसे वजाइनल हेल्थ के लिए और नुकसानदेह माना जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

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सेंटेड सेनेटरी पैड्स प्राकृतिक प्रक्रिया को बाधित करता है

वेजाइनल एरिया इतना सेंसिटिव है कि किसी भी तरह की सुगंधित स्त्री उत्पादों का उपयोग करने से ये इसके अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगड़ सकता है। इन उत्पादों में मौजूद केमिकल्स आपके पीएच संतुलन को बेकार कर सकते हैं। गुड वेजाइन बैक्टीरिया संक्रमण और बीमारी पैदा करने वाले जीवों से बचने में मदद करते हैं. जैसे कि बैक्टीरियल वेजिनोसिस और फंग्ल इंफेक्शन आदि। खराब बैक्टीरिया या इनका ज्यादा हो जाना या जलन, खुजली, संक्रमण या एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। 

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पीएच स्तर में बदलाव

पीएच स्तर में बदलाव और सामान्य बैक्टीरिया का बैलेंस खराब होने से वेजाइनल इंफेक्शन खतरा और बढ़ जाता है। वहीं बाजार में पीएच को बैलेंस करने वाले सभी उत्पाद वेजाइनल हेल्थ के लिए हमेशा अच्छे नहीं होते हैं। वहीं ये सेंटेड सेनेटरी पैड्स का उपयोग आपके शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है। जब पीरिएड्स के दौरान वाला ब्लड सैनिटरी पैड के रासायनिक इत्र के साथ मिश्रित होता है, तो यह दुर्गंध पैदा कर सकता है। तो ये और बदतर हो सकता है। इसलिए आपको अपने पैड को हर चार से छह घंटे में बदलने की सलाह दी जाती है, भले ही आपकी पीरियड फ्लो कितनी हल्की या हल्की हो आपको पैड चेंज करना चाहिए इससे बदबू नहीं आएगी। 

वो ब्लीडिंग को बदतर बना सकते हैं

सेनेटरी नैपकिन शोषक सामग्री का उपयोग करके बनाए जाते हैं जो नमी को अवरुद्ध करते हैं और गर्मी उत्पन्न करते हैं। लंबे समय तक सुगंधित सेनेटरी नैपकिन का उपयोग करने से बैक्टीरिया का विकास हो सकता है। वह आगे आपकी संवेदनशील और गंभीर हो सकते हैं। वेजाइना की त्वचा के सीधे संपर्क में आने वाले सुगंधित पैड की ऊपरी परत पर मौजूद रसायनों के लिए सही नहीं होती और ये फंग्ल इंफेक्शन में बदल जाता है। वहीं कभी-कभार यूटीआई भी इसी कारण होती है। जाहिर है, सेंटेड सैनिटरी नैपकिन में बहुत इस्तेमाल होता है, जो आपके द्वारा कल्पना किए जाने से अधिक गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। ये केमिकल्स अंग क्षति का कारण बन सकते हैं, तो वहीं हाइड्रोकार्बन भी कैंसरकारी हो सकते हैं।

वे पर्यावरण के लिए भी भयानक

सेंटेड नैपकिन गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक में आते हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है। इन रासायनिक रूप से लदी पैड को जलाने से डाइऑक्सिन और फुरान युक्त जहरीले धुएं वायु प्रदूषण जो आस-पास के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसकी बजाए आप बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

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सेनेटरी पैड्स खरीदते वक्त इन बातों का रखें ख्याल

  • अधिक केमिकल्स वाले सेनेटरी पैड्स से बचें।
  • अपने प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम अवशोषक का उपयोग करें, जैसे टैम्पोन।
  • कम से कम आवश्यक घंटों के लिए टैम्पोन का उपयोग करें और सोते समय पैड पर स्विच करें।
  • एक टैम्पोन को कभी भी 8 घंटे से ज्यादा लगाकर न रखें।

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