आज के समय में खराब जीवनशैली और खानपान के कारण लोगों में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है। कैंसर की बीमारी में समय रहते इलाज कराना बहुत जरूरी होता है। शुरुआत में कैंसर के लक्षण दिखने पर इलाज होने से मरीज के गंभीर होने का खतरा कम हो जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक देश भर में कैंसर के कुल मामलों में लगभग 8 प्रतिशत मामले ब्लड कैंसर के हैं। ब्लड कैंसर, कैंसर की बीमारी का एक घातक रूप है जिसमें मरीज को कई तरह के विशिष्ट इलाज की जरूरत पड़ सकती है। ब्लड कैंसर की बीमारी में स्टेम सेल डोनेशन या स्टेम सेल थेरेपी बहुत उपयोगी मानी जाती है। स्टेम सेल डोनेशन (Stem Cell Donation in Hindi) ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए रामबाण है जिसके इस्तेमाल से मरीजों की जान भी बचाई जाती है। आइये विस्तार से जानते हैं स्टेम सेल थेरेपी या स्टेम सेल डोनेशन के बारे में।
स्टेम सेल डोनेशन क्या है? (What is Stem Cell Donation?)
स्टेम सेल डोनेशन या स्टेम सेल थेरेपी ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए रामबाण मानी जाती है। दिल्ली के मशहूर डॉ आर पी अग्रवाल के मुताबिक इसका इस्तेमाल थैलेसीमिया और एप्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारियों में एकमात्र इलाज के रूप में भी किया जाता है। स्टेम सेल डोनेशन में मरीज को डोनर का खून चढ़ाया जाता है। खून में मौजूद बीज जिसे स्टेम सेल कहते हैं उसका 300 मिलीलीटर किसी भी मरीज के लिए रामबाण होता है। स्टेम सेल शरीर के अंदर मौजूद बोन मैरो में पाया जाता है। स्टेम सेल शरीर में ब्लड बनाने के काम में मदद करता है। यह ब्लड में मौजूद होता है। इसे डोनेट करने की प्रक्रिया बिलकुल ब्लड डोनेट करने जैसी होती है। इसे आसानी से डोनेट किया जा सकता है और स्टेम सेल डोनेशन करने से कोई नुकसान भी नहीं होता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चाें में ल्यूकेमिया कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव टिप्स
किन लोगों के लिए होता है स्टेम सेल डोनेशन?
स्टेम सेल डोनेशन ज्यादातर ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए किया जाता है। इसके अलावा स्टेम सेल थेरेपी का इस्तेमाल अप्लास्टिक एनीमिया, थैलासीमिया, सिकल सेल की बीमारी में भी किया जाता है। थैलेसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी में स्टेम सेल थेरेपी एक मात्र इलाज माना जाता है। ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए यह थेरेपी रामबाण मानी जाती है।
इसे भी पढ़ें : कैंसर के इलाज के दौरान पैर में दर्द और ऐंठन होने पर आजमाएं ये 5 आसान उपाय
कैसे कर सकते हैं स्टेम सेल डोनेशन? (Stem Cell Donation Process in Hindi)
स्टेम सेल डोनेशन करने के लिए सबसे पहले आपको बतौर डोनर अपना रजिस्ट्रेशन करान पड़ता है। 18 साल से 50 साल की उम्र के स्वस्थ इंसान स्टेम सेल डोनेट कर सकते हैं। स्टेम सेल डोनेशन करने से पहले डॉक्टर आपका हेल्थ टेस्ट भी कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको एक स्वैब किट दी जाती है जिसके माध्यम से आप अपने मुहं का सैंपल लेकर इसे दिए गए पते पर भेज देते हैं। इस सैंपल की टेस्टिंग के बाद अगर आपके ब्लड ग्रुप से मरीज का ब्लड ग्रुप मैच करता है तो आपको स्टेम सेल डोनेशन के लिए बुलाया जाता है। कई अस्पतालों में भी यह सुविधा उपलब्ध होती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित और बिना नुकसान वाला डोनेशन होता है। जिस तरह से ब्लड डोनेट करने पर आपके शरीर में किसी ही प्रकार का गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता है उसी तरह से स्टेम सेल डोनेशन के बाद भी आपके स्वास्थ्य पर कोई असर नही होता है।
ब्लड कैंसर का अन्य इलाज (Blood Cancer Treatment in Hindi)
स्टेम सेल थेरेपी के अलावा ब्लड कैंसर का इलाज इन तरीकों से भी किया जाता है।
- ब्लड कैंसर के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन यानी बोन मैरो से स्टेम सेल्स पेरीफेरल ब्लड को इकट्ठा करते हैं और स्वस्थ रक्त बनाने वाली कोशिकाओं के साथ इन्फ्यूज करते हैं।
- कीमोथेरेपी से कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिलती है।
- रेडिएशन थेरेपी के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से पहले रेडिएशन थेरेपी करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।
स्टेम सेल डोनेशन के लिए आपको सबसे पहले एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अस्पताल और कई संस्थाएं स्टेम सेल डोनेशन कराती हैं आप उनसे भी संपर्क कर सकते हैं।
(All Image Source - Freepik.com)