
स्वस्थ रहने के लिए योग का अभ्यास बहुत उपयोगी होता है। शरीर के अलग-अलग अंगों और अलग-अलग समस्याओं के लिए योग विज्ञान के मुताबिक अलग प्रकार के योगासनों का अभ्यास किया जाता है। इन्हीं योगासनों में से एक योगासन है एक पाद पादंगुष्ठासन। एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास करने से एंडोक्राइन सिस्टम को स्टिम्युलेट करने से लेकर प्रजनन तंत्र तक को मजबूत बनाने में फायदा मिलता है। योग के फायदे और महत्व को देखते हुए अब दुनियाभर में इसको लेकर जागरूकता फैली है। इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर Onlymyhealth आपके लिए एक विशेष सीरीज लेकर आया है जिसमें हम आपको सुप्रसिद्ध योग गुरु ग्रैंड मास्टर अक्षर से रोजाना 1 योगासन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक पाद पादंगुष्ठासन के फायदे, अभ्यास का तरीका और इसके अभ्यास से जुडी सावधानियों के बारे में बताएंगे।
एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास करने के फायदे (Eka Pada Padangusthasana Yoga Benefits in Hindi)
एक पाद पादंगुष्ठासन सामान्य योगासनों से थोड़ा कठिन योगासन है और इसे अंग्रेजी में पिस्टल स्क्वाट पोज (Pistol Squat Pose) के नाम से जाना जाता है। यह एक कोर स्ट्रेंथ योगासन है जिसका नियमित अभ्यास करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है और थायरॉयड से लेकर पाचन तंत्र तक की समस्याओं को दूर करने में फायदा मिलता है। शुरुआत में इस योगासन का अभ्यास थोड़ा कठिन हो सकता है लेकिन नियमित रूप से इसके अभ्यास की प्रैक्टिस करने से आप आसानी से इस योगासन का अभ्यास कर सकते हैं। एक पाद पादंगुष्ठासन का रोजाना अभ्यास करने से आपको ये फायदे मिलते हैं।
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1. एक पाद पादंगुष्ठासन का रोजाना अभ्यास करने से आपके शरीर की लगभग सभी ग्रंथियों को फायदा मिलता है। रोजाना सही ढंग से इस योगासन का अभ्यास करने से थायरॉयड ग्लैंड, एड्रेनल ग्लैंड और पैंक्रियाज को बहुत फायदा मिलता है।
2. महिलाओं के लिए एक पाद पादंगुष्ठासन का रोजाना अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। महिलाओं के प्रजनन तंत्र को मजबूत करने के लिए इसका रोजाना अभ्यास बहुत जरूरी है। शरीर में हॉर्मोन का स्तर बैलेंस करने के लिए इसका अभ्यास फायदेमंद है।
3. नींद से जुडी समस्याओं को दूर करने के लिए एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। आप इस योगासन का रोजाना अभ्यास कर नींद से जुड़ी परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।
4. पैर की मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी रोजाना एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।
5. पेट की मांसपेशियों को टोन करने और इससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद है।
एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास करने का तरीका (Eka Pada Padangusthasana Steps in Hindi)
एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें-
- सबसे पहले योगा मैट अपने पैर को सामने की तरफ लाएं।
- इसके बाद अपने दाहिने पैर के अंगूठे को अपनी अंगुलियों से पकड़ें।
- इसके बाद बाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं हाथ से अंगूठे को पकड़ें।
- कुछ देर इसी स्थिति में रहें और संतुलन बनाने का प्रयास करें।
एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास करते समय सावधानी (Eka Pada Padangusthasana Precautions)
एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास शुरुआत में थोड़ा कठिन हो सकता है। शुरुआत में इसका अभ्यास करते समय आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- डायरिया और अस्थमा के मरीजों को इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।
- रीढ़ की हड्डी में दर्द या चोट लगने पर इसका अभ्यास न करें।
- गर्दन में दर्द और कंधे में दर्द होने पर इसका अभ्यास न करें।
शुरुआत में एक पाद पादंगुष्ठासन का अभ्यास करते समय आपक एक्सपर्ट या ट्रेनर की सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा ऊपर बताई गयी सावधानियों का ध्यान जरूर रखें।
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