दोस्तों के साथ जंक फूड का मज़ा

शायद यह बात आपको अनोखी लगे लेकिन शोधकर्ताओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि आपके साथियों के खान–पान का असर आप पर भी पड़ता है। जब फिटनेस की बात आये तो दोस्‍तों के साथ डिनर को ना कहने में ना हिचकें ।
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दोस्तों के साथ जंक फूड का मज़ा

friendsडान क्वीलक्ज़ोपट ने कभी सही कहा था कि मुझे अपने दोस्तों के बारे में बताओ और मैं तुम्हारी जीवनशैली के बारे में बता दूंगा । वैज्ञानिकों का ऐसा कहना है कि आपके दोस्त आपको मोटा बना सकते हैं । सिर्फ आपके मोटे दोस्ते ही नहीं बल्कि आपके पत्ले दोस्त  भी आपको मोटा बना सकते हैं । यह एक भयानक सत्य है । स्थितियों को गंभीर बनाने वाले आपके दोस्त भी हो सकते हैं, चाहे आपका दोस्त आपके आस पास रह रहे हों या कोसों दूर रह रहे हो क्योंकि आप उनसे भावनात्मक तौर पर जुड़े होते हैं । सभी बातें भौगोलिक निकटता पर किसी प्रकार से भी नहीं निर्भर करती है ।

 

आर्टेमिस की साइकालाजिस्ट डा रचना सिंह का मानना है कि मोटापा किसी पानी से फैलने वाली बीमारी की तरह ही संक्रमण से फैलने वाली समस्या जैसा है । रचना सिंह ने मुस्कराते हुए कहा कि जब हम दोस्तों के साथ होते हैं तो अल्कोहल का सेवन, सिग्रेट या जंक फूड का सेवन समूह में रहने के कारण आवश्यक हो जाता है, लेकिन ऐसे में अपनी इच्छा शक्ति की सुननी चाहिए ।

 

न्यू इंगलैंड जनरल आफ मेडिसिन में छपे पहले सिद्धांत के अनुसार मोटापा किसी वायरस की ही तरह फैल सकता है  । शोधकर्ताओं ने 12,000 प्रतिभागियों के सामाजिक संबंधों का अध्ययन किया, खाने की आदतों, आदि पर तीस साल तक अध्ययन किया और पाया कि चर्बी बनने का एक कारण आपके खान पान की आदतें हो सकती हैं और आपका मोटापा बढ़ाने का कारण आपके भाई, बहन और जीवनसाथी हो सकते हैं ।

 

यह स्थिति सिर्फ दोस्तों के लिए ही लागू नहीं होती बल्कि वो लोग जिनके भाई या बहन मोटे होते हैं, उनमें भी मोटा होने की सम्भावना लगभग 40 प्रतिशत तक रहती है । वो लोग जिनके पार्टनर मोटे होते हैं उनमें मोटे होने की सम्भातवना 37 प्रतिशत तक रहती है । अबतक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसा अधिक खाने के कारण होता है या अस्वस्थ‍ आहार का सेवन करने से या फिर ऐसा दिमाग की एलेक्‍ट्रोमैगनेटिक इम्पल्स के कारण।

 

बात यहीं खत्म नहीं होती बल्कि यहां दूसरा तथ्य यह है कि आपके पत्ले दोस्त भी आपको मोटा बना सकते हैं । जरनल आफ कन्ज़्यूमर रिसर्च में छपे शोध के अनुसार 210 कालेज जाने वाले छात्रों पर शोध किया गया और उन्हें फिल्म दिखाई गयी । दूसरे छात्र जो कि शोध के समूह का भाग थे लेकिन वो पत्ले थे और उनका वज़न था 0,105 पाउंड । लेकिन कुछ समय बाद उनपर ओबेसिटी प्रास्थेसिस किया गया और उनका वज़न 180 पाउन्ड पाया गया।

 

सभी छात्रों को फिल्म देखने के साथ ही स्नैक्स दिया गया। शोधकर्ताओं ने इस बात पर ध्यान देने की कोशिश की कि फिल्म देखते समय छात्र किस मात्रा में स्नैक्स का सेवन करते हैं । अधिकतर छात्रों ने उतना ही खाया जितना कि शोधकर्ताओं ने उन्हें दिया। लेकिन यह साफ हो गया कि व्यक्ति किस मात्रा में आहार का सेवन करता है यह इस बात पर निर्भर करता है उसके साथी मोटे हैं या पत्ले हैं ।

 

लोग अपने साथी के आहार की तुलना में आहार का सेवन करते हैं । लेकिन जब शोधकताओं द्वारा उन लोगों में मोटापे की पुष्टि हो जाती है तो वह अपने आहार की मात्रा को संतुलित कर लेते हैं । शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि आप जिन लोगों के साथ खाते हैं उनके आहार की मात्रा भी आपके आहार को प्रभावित करती है । अगर आपका मोटा मित्र बहुत अधिक खाता है तो इस अनुसार आप अपनी आदतें संतुलित कर लेते हैं और आप कम खाने लगते हैं ।

 

लेकिन अगर आपका पत्ला दोस्त अधिक खाता है तो आपकी खाने पीने की आदतें बदल जाती हैं और आप भी अधिक खाने लगते हैं ।

 

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