बच्चों में ड्राई आई (आंखों में सूखापन) के क्या कारण हो सकते हैं? जानें लक्षण और इलाज

बच्चों की आंखों में सूखापन होने के कई कारण हो सकते हैं और पेरेंट्स को इसे बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए। 
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बच्चों में ड्राई आई (आंखों में सूखापन) के क्या कारण हो सकते हैं? जानें लक्षण और इलाज


बच्चे की आंखों में सूखापन होने की समस्या आम नहीं होती है। इसके कारण बच्चे बार-बार आंख रगड़ते हैं। इसे आंखें लाल हो सकती है और इसके कई अन्य परिणाम हो सकते हैं। अगर ये दिक्कत आपके बच्चे में भी हो रही है, तो इसे बिल्कुल इग्नोर न करें। यदि बच्चे की आंखें बार-बार सूख रही हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं और उचित इलाज कराएं। ऐसा नहीं करने पर बच्चे की आंखों को नुकसान हो सकता है और ये परेशानी अधिक बढ़ सकती है। आइए बच्चों की आंखों में सूखेपन के कारण और कुछ उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

बच्चे की आंखों में सूखापन का कारण

बच्चे की आंखों में सूखापन एलर्जी, आंखों की ग्रंथियों में शिथिलता, ऑटोइम्यून विकारों, अंतःस्रावी कारणों, सूजन संबंधी समस्या और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी  स्थितियों के कारण हो सकती है। ऐसे में सामान्य कारणों में ये समस्याएं हो सकती है। 

1. मेइबोमियन ग्रंथि की शिथिलता

बच्चों की पलकों पर छोटी ग्रंथियां तेल का उत्पादन करती हैं जो आंसू निकलने के समय उनमें मिल जाती है, जिसके कारण बच्चे की आंखों में पर्याप्त नमी बनी रहती है। जब ये ग्रंथियां ठीक से काम नहीं कर पाती हैं, तो या तो पर्याप्त तेल नहीं होता है या तेल की गुणवत्ता सही नहीं होती है। जिसके कारण आंखों को पर्याप्त नमी नहीं मिल पाती है और बच्चे की आंख में सूखापन महसूस हो सकता है। 

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2. सामान्य एलर्जी

प्रकृति में कई तरह की चीजें होती है, जैसे धूलकण, फूलों के परागकण और घर में पालतू जानवर के फर आदि अगर बच्चे की आंखों में चला जाए, तो इससे भी आंखों में खुजली और जलन की समस्या हो सकती है, जिसके कारण आंखों में सूखापन महसूस हो सकता है। 

3. ब्लेफेराइटिस

ब्लेफेराइटिस पलक की सूजन है जो डैंड्रफ जैसे फ्लेक्स का कारण बनती है। यह आंखों के पास एक परत सी बना सकती है, जिससे आंखों में जलन और सूजन की दिक्कत हो सकती है। इस समस्या के दौरान बच्चे प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं और यह उनकी आंखों में चुभता हुआ महसूस हो सकता है। 

4. दवाएं

कई तरह की दवाओं के सेवन के कारण भी बच्चों की आंखों में सूखेपन की दिक्कत हो सकती है। हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी आंखों में नमी का स्तर प्रभावित होता है। इससे बच्चे के चेहरे पर मुहांसे और अन्य परेशानियां भी होने लगती है। 

अन्य कारणों में विटामिन और खनिज की कमी, डायबिटीज, अंतःस्रावी विकार, इंफेक्शन और आनुवंशिक और तंत्रिका संबंधी विकार के कारण बच्चे की आंखों में सूखापन की समस्या हो सकती है। 

बच्चे की आंखों में सूखापन के लक्षण

1. सूखापन और बेचैनी के कारण बच्चे अक्सर अपनी आँखें रगड़ना 

2. आंखों का गर्म और शुष्क महसूस होना 

3. आँखों में बार-बार पानी आना

4. आंखों में जलन और चुभन महसूस होना 

5. आंखों से धुंधला दिखना 

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आंखों के सूखेपन का उपचार

इसके लिए आप सबसे पहले बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं और उन्हें समस्या के बारे में बताएं ताकि इसका समाधान हो सके। इसके अलावा आप बच्चे की आंखों को लगातार नमी देना का प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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 सूखी आंखों के लिए घरेलू उपचार

बच्चों की सूखी आंखों को ठीक करने के आपको दवा के अलावा उनकी दिनचर्या और आसपास की चीजों में भी परिवर्तन करने की जरूरत होती है, जिसकी मदद से बच्चे जल्दी ठीक हो सकते हैं। 

1. पढ़ाई या गेम खेलना के दौरान बच्चे को मोबाइल या गैजेट्स के स्क्रीन के अलावा किसी और चीज पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बार-बार ब्रेक लेने के लिए कहें।

2. बच्चे को घर पर मोबाइल फोन या टीवी देखने की बजाय बाहर जाकर खेलने के लिए उत्साहित करें। 

3. नमी बढ़ाने के लिए इनडोर ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।

4. अगर बच्चे की आंखों में अधिक परेशानी हो रही है, तो आप सोते समय पंखा बंद कर दें।

5. आंखों में ग्रंथियों द्वारा उत्पादित तेल को बढ़ाने के लिए आंखों को गर्म कपड़े से हल्के हाथों से सेंकने का प्रयास करें। 

6. बच्चे के बालों पर हेयर ड्रायर का इस्तेमाल कम करें या बंद करें।

7. बच्चे को बार-बार अपनी आंखें धोने को कहें और पानी का सेवन बढ़ाएं।

8. बच्चे को आंखों के लिए जरूरी सभी विटामिन्स और सप्लीमेंट लेने के लिए कहें।

9. घर से बाहर जाते समय उनकी आंखों की सुरक्षा के लिए उन्हें चश्मा या ढकने का प्रयास करें।

10. बच्चे को आंखों को बार-बार रगड़ने को न कहें। इससे भी दर्द और जलन की समस्या बढ़ सकती है।

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