
शहद स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यह कई रोगों में लाभदायक है। सदियों से शहद का प्रयोग खाने और दवाओं दोनों में किया जा रहा है। यह त्वचा, खांसी, जुकाम, बुखार, साइनस आदि से लेकर लेकर शरीर के कई रोगों के निदान में लाभकारी है। शहद में कैल्शियम, कॉपर, फोसफोरस, जिंक, प्रोटीन, फाइबर आदि गुण होते हैं। यह रिफाइन्ड शुगर का अच्छा विकल्प है। वजन कम करने के लिए लोग शुगर की जगह पर खाने में शहद का प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्म शहद का प्रयोग करना सेहत के लिए सही है या नहीं। क्या शहद गर्म करने से जहरीला हो जाता है, इन सभी सवालों के जवाब दिए नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर ने।
क्या है सच्चाई?
शहद गर्म करने पर जहरीला होता है या नहीं, इस सवाल के जवाब में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि शहद को गर्म करने से वह जहरीला नहीं होता है, लेकिन ज्यादा तापमान पर गर्म करने से इसकी न्यूट्रीशनल वैल्यु कम हो जाती है और अगर इसे लंबे समय तक प्रयोग में लाया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
शहद गर्म करने पर निकलते हैं हानिकारक कैमिकल
शैली तोमर ने बताया कि शहद को अगर अधिक तापमान पर गर्म किया जाए तो इसके विटामिन और मिनरल कम होने लगते हैं। न्यूट्रीशनिस्ट ने कुछ शोधों का हवाला देते हुए कहा कि शोधों में निकल कर आया है कि शहद को गर्म करने से 5 हाइड्रोक्सीमेथाइल फरफरल ((HMF)) कैमिकल का प्रोडक्शन बढ़ जाता है।
कौन सा तापमान है खतरनाक?
शहद को गर्म करने के तापमान को लेकर न्यूट्रीशनिस्ट का कहना है कि अगर शहद को रोजाना 10 घंटे तक 70 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाए तो एचएमएफ का उत्पादन ज्यादा होता है या फिर 50 डिग्री सेल्सियस पर 10 दिन रोजाना गर्म किया जाए, तब भी यह हानिकारक होता है। इतने अधिक तापमान पर शहद घर में गर्म नहीं होता है। कच्चे शहद में एचएमएफ 5 mg per kg से कम होता है। अगर शहद में 5 हाइड्रोक्सीमेथाइल फरफरल 80 mg/kg से ज्यादा है तो यह उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
कम हो जातें हैं पोषक तत्त्व
न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना कि कच्चे शहद में विटामिन, मिनरल, एंजाइम्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, एमिन एसिड्स, फ्लेवॉनॉइड्स आदि गुण होते है, लेकिन जैसे ही हम शहद को अधिक गर्म चीजों के साथ उपयोग में लाते हैं, तो इसके पोषक तत्त्व कम हो जाते हैं। शहद के लाभ नहीं मिल पाते। हाई टेंपरेचर पर शहद को गर्म करने से शहद में शामिल शुगर क्रिस्टलाइजेशन से गुजरती है। जिसका मतलब है कि उसके पोषक तत्त्व कम होने जाते हैं।
शहद किस तापमान पर करें गर्म?
इस सवाल के जवाब में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि अगर आप शहद को गर्म कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान पर शहद को गर्म न करें। साथ ही ध्यान दें कि लंबे समय तक शहद को गर्म न करें, क्योंकि इससे इसके न्यूट्रीएंट्स कम होने लगते हैं। अगर जरूरत हो तो कम आंच पर शहद को गुनगुना गर्म करें। मधुमक्खी के छत्ते का तापमान भी 35 डिग्री सेल्सियस होता है। इससे ज्यादा तापमान में शहद को गर्म करने पर वह जहरीला हो सकता है।
क्या कहता है आयुर्वेद?
न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर ने आयुर्वेद का हवाला देते हुए बताया कि आयुर्वेद में भी शहद को जहरीला बताया गया है। दुनिया भर में कई ऐसी रेसिपिज जैसे melomakarona (honey dipped cookies) आदि में गर्म शहद का प्रयोग किया जाता है। लेकिन फिर भी शहद जहरीला नहीं होता है, बल्कि उसके पोषक तत्त्व कम हो जाते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि शहद के साथ खाना पकाने पर वह जहरीला नहीं होगा, बल्कि न्यूट्रीशन कम होंगे।
इसे भी पढ़ें : आयुर्वेद के अनुसार शहद किस प्रकृति के लोगों के लिए है लाभकारी?
सौ फीसद कच्चा शहद उपयोग में न लाएं
न्यूट्रीशनिस्ट का मानना है कि कभी भी 100 फीसद कच्चे शहद का प्रयोग न करे, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया के कारण इन्फेक्शन हो सकता है। हमारे घरों में प्रयोग में लाया जाने वाला शहद पाश्चुरीकरण प्रक्रिया (pasteurization) से गुजरता है। इसे उपयोग करने से नुकसान नहीं होता है। रोजाना 1 चम्मच खाने से सेहत को भरपूर फायदे मिलते हैं।
शहद को उपयोग में लाने का सही तरीका क्या है?
इस सवाल के जवाब में शैली तोमर का कहना कि शहद को गुनगुना करके प्रयोग करना ही सबसे सही तरीका है। शहद को बहुत ज्यादा गर्म पानी में या दूध में न डालें। बल्कि गुनगुने पानी में डालें। इस तरह शहद को उपयोग में लाने से शरीर को निम्न फायदे होते हैं-
वजन नियंत्रण
शहद को गुनगुने पानी, चाय या दूध में प्रयोग करने से वजन नियंत्रण होता है। शहद खाने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। जिस वजह से बढ़ता वजन नियंत्रित होता है। कई लोग सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पीते हैं। यह वजन कम करने का सबसे सही तरीका है। बिल्कुल कच्चा शहद भी नुकसानदायक होता है, इसलिए इसे गुनगुनी चीजो के साथ सेवन करें।
इसे भी पढ़ें : गुनगुने दूध में शहद डालकर पीना चाहिए या नहीं? जानें दूध और शहद साथ में पीने के 5 फायदे और 5 नुकसान
इम्युनिटी बूस्टर
शहद एक अच्छा इम्युनिटी बूस्टर है। रोजाना एक चम्मच शहद खाने से शरीर ठीक रहता है। शरीर बीमारियों से दूर रहता है, क्योंकि शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं। शहद में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं।
गले की खराश करे ठीक
शहद का सेवन करने से गले की खराश ठीक होती है। सदियों से शहद का सेवन का बीमारियों के ठीक करने के लिए किया जाता है। शहद में पाए जाने phytonutrients की वजह से गले की खराश ठीक हो जाती है। शहद को अदरक के साथ चाटने से जल्दी आराम मिलता है।
खांसी में फायदेमंद
शहद में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। जिस वजह से खांसी की परेशानी होने पर इसका सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है। बच्चों की खांसी में शहद अधिक लाभकारी है। शहद को थोड़ी सी अदरक के साथ चाटने से खांसी में जल्दी आराम मिलता है। शहद चीनी का एक अच्छा विकल्प है। यह चीनी से ज्यााद बेहतर है। चीनी के सेवन से शुगर की परेशानी बढ़ती है, जबकि शहद फायदेमंद है।
पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त
शहद के सेवन से पाचन क्रिया ठीक रहती है। शहद प्रीबायोटिक होता है और इससे पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया का निर्माण होता है, जिससे पाचन तंत्र ठीक रहता है।
शहद को 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान में गर्म नहीं करना चाहिए। इससे गर्म करने पर शहद की पौष्टिकता कम हो जाती है। इसे गुनगुनी चीजों के साथ उपयोग में लाया जा सकता है।
Read more Articles on Healthy Diet in Hindi