क्या आई फ्लू होने पर आंखों की रोशनी प्रभावित होती है? जानें डॉक्टर की राय

आंख आने पर व्यक्तियों को डर रहता है कि कहीं इससे आंखों की रोशनी कम तो नहीं हो जाएगी? जानते हैं क्या कहते हैं डॉक्टर  
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क्या आई फ्लू होने पर आंखों की रोशनी प्रभावित होती है? जानें डॉक्टर की राय


आजकल हर दूसरे व्यक्ति को आंख आने की समस्या हो रही हैं। दरअसल यह एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे तक आसानी से फैलता है। इन दिनों बारिश के बाद से लोगों को आई फ्लू तेजी से हो रहा है। इसे मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है। कुछ लोगों को इस दौरान धुंधला दिखाई देता है। आज इस लेख में श्रॉफ अस्पताल की डॉ. मनीषा से जानेंगे कि क्या कंजंक्टिवाइटिस से आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है?

आंंख आना (कंजंक्टिवाइटिस) क्या है? - What Is Eye Flu (Conjunctivitis) In Hindi 

कंजंक्टिवाइटिस होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, एलर्जी और पर्यावरण से जुड़ी परेशानियां शामिल हैं। इसके लक्षणों में आमतौर पर लालिमा, खुजली, अत्यधिक आंसू आना, आंखों में किरकिरापन महसूस होना और कभी-कभी लाइट के प्रति संवेदनशीलता शामिल है। वायरल कंजंक्टिवाइटिस, विशेष रूप से, अत्यधिक संक्रामक हो सकता है और अक्सर सर्दी या रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से जुड़ा होता है।

क्या कंजंक्टिवाइटिस से आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है? - Does Eye Flu Affect Eyesight in Hindi

जब कंजंक्टिवाइटिस की बात आती है तो व्यक्ति को सबसे पहले यहीं चिंता होती है कि क्या इससे आंखों की रोशनी पर नुकसान हो सकता है। लेकिन डॉक्टर की मानें तो ज्यादातर मामलों में, कंजंक्टिवाइटिस से आंखों की रोशनी को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह एक नॉर्मल परेशानी हैं, जिसके लक्षण धीरे-धीरे एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।

eye flu affect eye sight

कुछ समय के लिए धुंधला दिखाई देना

आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों में से एक है धुंधली दिखाई देना। हालांकि, यह आमतौर पर एक अस्थायी स्थिति है और अक्सर अत्यधिक इंफेक्शन की वजह से हो जाती है। जैसे ही आंखों की सूजन कम होती है और इंफेक्शन कम हो जाता है और व्यक्ति को साफ दिखाई देने लगता है।

कॉर्निया में समस्या

बेहद कम केस में, गंभीर वायरल या बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस इंफेक्शन के दौरान कॉर्निया, आंख के पारदर्शी आगे भाग को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति को केराटाइटिस के रूप में जाना जाता है और यह अधिक गंभीर नेत्र संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। यदि उपचार न किया जाए, तो इससे कॉर्निया में घाव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे मामलों में जटिलताओं को रोकने के लिए जल्द इलाज कराना चाहिए।

कंजंक्टिवाइटिस से बचाव कैसे करें? How To Prevent Conjunctivitis In Hindi 

  • स्वच्छता पर ध्यान दें : नियमित रूप से अपने हाथ धोएं, अपनी आंखों को छूने से बचें और तौलिये या मेकअप जैसी पर्सनल चीजों को शेयर करने से बचें।
  • दूरी बनाएं : यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को आई फ्लू है, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दूसरों के साथ आवश्यक दूरी बनाएं।
  • डॉक्टर से इलाज कराएं : यदि आप आंख आने के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो जल्द ही किसी आई स्पेशलिस्ट से मिलकर इलाज शुरू कराएं। 
  • एलर्जी से करें बचाव : यदि आपकी एलर्जी के कारण कंजंक्टिवाइटिस हो गया है, तो ऐसे में एलर्जी से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें और अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई एलर्जी की दवाओं को समय पर लें।

इसे भी पढ़ें : Conjunctivitis Symptoms: आँख आने (कंजंक्टिवाइटिस) के इन लक्षणों को सामान्य समझकर न करें नजरअंदाज

कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए आप बाहर किसी भी वस्तु को छूने के बाद हाथों को साफ करें। इसके साथ ही आंखों पर हाथ न लगाएं। यदि, घर पर जाए तो अच्छी तरह से हाथ पैर धोने के बाद ही भोजन करें। 

 

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